भाजपा विधायक के बेटे के घर से 6 करोड़ बरामद, 40 लाख की घूस लेते पकड़ा था

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बेंगलुरु। घूस लेते पकड़े गए कर्नाटक के भाजपा विधायक के बेटे के घर से 6 करोड़ रुपये की नकदी भी बरामद हुई है। भाजपा विधायक एम. विरुपक्षप्पा के नौकरशाह बेटे प्रशांत को लोकायुक्त की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा ने 40 लाख रुपये की घूस लेते पकड़ा था। इसके बाद जब प्रशांत के घेर पर रेड डाली गई तो वहां भी 6 करोड़ रुपये की रकम बरामद हुई है।

नकदी के भंडार की तस्वीरें सोशल मीडिया पर भी तेजी से वायरल हो रही हैं। चुनावी साल में विधायक के बेटे के पास इतना कैश पाए जाने से भाजपा की चिंता बढ़ गई है। फिलहाल बेंगलुरु की लोकायुक्त अदालत ने प्रशांत को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। प्रशांत के अलावा 4 अन्य लोगों को भी हिरासत में भेजा गया है।

लोकायुक्त की ऐंटी करप्शन विंग ने गुरुवार शाम को प्रशांत के घर पर भी रेड डाली और 6 करोड़ रुपये की रकम पाई गई। इतने बड़े पैमाने पर कैश था कि काफी समय उसे गिनने में लगा और देर रात टीमें घर में सर्च करती रहीं।

दावणगेरे जिले की चन्नागिरी सीट से विधायक एम. विरुपक्षप्पा राज्य की सरकारी कंपनी कर्नाटक सोप्स ऐंड डिटर्जेंट्स लिमिटेड के चेयरमैन भी हैं। यही कंपनी मशहूर मैसूर सैंडल सोप बनाती है।

वहीं विरुपक्षप्पा का बेटा प्रशांत बेंगलुरु जल बोर्ड में चीफ अकाउंटेंट के तौर पर काम करता है। गुरुवार को लोकायुक्त की टीम ने प्रशांत को केएसडीएल के ऑफिस में 40 लाख रुपये की घूस लेते पकड़ा गया था।

घूस लेते पकड़े जाने पर उसे तत्काल गिरफ्तार कर लिया गया था। इसके अलावा ऑफिस से तीन बैगों में 1.75 करोड़ रुपये की नकदी भी पाई गई। उसे भी जब्त किया गया है। कर्नाटक लोकायुक्त ने कहा, ‘ऐंटी करप्शन ब्रांच ने गुरुवार को प्रशांत मंडल को 40 लाख रुपये की घूस लेते हुए पकड़ा है।

इसके अलावा 1.7 करोड़ रुपये की रकम उसके ऑफिस से भी बरामद की गई है।’ लोकायुक्त ने कहा कि हमें प्रशांत के बारे में टिप मिली थी, जिसके आधार पर छापा मारा गया था। 2008 बैच का कर्नाटक प्रशासनिक सेवा के अधिकारी प्रशांत ने कच्चे माल की डील के लिए एक कॉन्ट्रैक्टर से 81 लाख रुपये की घूस मांगी थी।

इस बीच सीएम बसवराज बोम्मई ने कहा कि इस मामले की स्वतंत्र जांच कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि हमने लोकायुक्त की व्यवस्था को दोबारा बहाल किया है। कांग्रेस के राज में तो लोकायुक्त को ही समाप्त कर दिया गया था। इसकी वजह से कई केस बंद हो गए थे। हम तो उन केसों की भी जांच करेंगे, जो बंद कर दिए गए थे। उन्होंने कहा कि लोकायुक्त एक स्वतंत्र संस्था है और हमारा स्टैंड क्लियर है।