दीक्षांत समारोह में मिलेंगे 57 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक
कोटा। कोटा यूनिवर्सिटी के इनोवेशन एंड इनक्यूबेशन सेंटर में सोलर पैनल लगे खिलौने और रद्दी से लिफाफे, फाइलें और अन्य उपयोगी सामग्री बनाई जा रही है। इससे विश्वविद्यालय को हजारों रुपयों की बचत हो रही है। यह जानकारी विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. नीलिमा सिंह ने शनिवार को दी। वे 28 फरवरी को होने विश्वविद्यालय के नवें दीक्षांत समारोह के बारे में जानकारी शेयर कर रहीं थीं।
डॉ नीलिमा सिंह ने यह भी बताया कि इस कार्यक्रम के दौरान ही संविधान पार्क, कंप्यूटर सेंटर, केमिस्ट्री लैब और इन्नोवेशन एंड इनक्यूबेशन सेंटर का भी लोकार्पण किया जाएगा। उन्होंने अपने इनोवेशन एंड इनक्यूबेशन सेंटर की जानकारी देते हुए यह भी बताया कि सेंटर को प्रायोगिक तौर पर शुरू कर दिया है, जिसमें 12 लाख मूल्य की एक मशीन स्थापित की है। इसके जरिए यूनिवर्सिटी के रद्दी कागजों को रिसाइकल कर फाइल, फोल्डर, लिफाफे, कैरी बैग और अन्य सामग्री तैयार की जा रही है।इससे लाखों रुपये की बचत होगी। राजस्थान में इस तरह से पेपर को रिसाइकल कर उपयोग में लेने वाली प्रदेश की पहली यूनिवर्सिटी है।
डॉ. नीलिमा सिंह ने बताया कि विश्वविद्यालय का नवां दीक्षांत समारोह 28 फरवरी को आयोजित होगा। इसमें राज्यपाल कलराज मिश्र कार्यक्रम में बतौर अध्यक्ष व दीक्षांत अतिथि कैंसर अस्पताल एवं शोध केंद्र ग्वालियर के संस्थापक निदेशक प्रोफेसर बीआर श्रीवास्तव शामिल होंगे। दीक्षांत समारोह में 72347 विद्यार्थियों को उपाधियां वितरित की जाएंगी। साथ ही कार्यक्रम में कुलाधिपति पदक व प्रमाणपत्र विधि संकाय में अधिकतम अंक लाकर पास होने वाले पीजी स्टूडेंट वसीम राजा को दिया जाएगा।
57 स्टूडेंट्स को मिलेंगे गोल्ड मेडल: साल 2020 में परीक्षाओं को पास कर चुके 57 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक दिए जाएंगे। इनमें 15 छात्र और 42 छात्राएं हैं. वहीं 12 छात्रों और 25 छात्राओं को पीएचडी उपाधि मिलेगी। यूनिवर्सिटी के चीफ ऑफ एग्जामिनेशन डॉ प्रवीण भार्गव ने बताया कि डिग्री में करीब 27 सिक्योरिटी फीचर है। जबकि राजभवन ने 25 सिक्योरिटी फीचर्स के लिए निर्देशित किया था। इसमें बारकोड, दो क्यूआर, फोटो कॉपी करने पर असली और नकली का पता चल जाता है। अल्ट्रावायलेट प्रोटेक्शन के फीचर हैं। इस डिग्री का कागज ऐसा है, जिसे ना तो फाड़ा जा सकता है, ना ही उसे काटा जा सकता है।
सोलर पैनल लगे खिलौने भी बनाए: इनक्यूबेशन सेंटर की प्रभारी डॉ नीलू चौहान ने बताया कि इनोवेशन एंड इनक्यूबेशन सेंटर में 6 विभाग कार्यरत हैं। इसमें वेस्ट पेपर रीसायकलिंग मशीन यूनिवर्सिटी में लगी है। जिसमें वेस्ट पेपर, गत्ते और कपड़ों को प्रोसेस कर रहे हैं। इससे फाइल, फोल्डर, कैरी बैग व लिफाफे बना रहे हैं। जिसके लिए रद्दी को प्रोसेस करके पल्प बना उसके प्रोडक्ट बना रहे हैं। इसमें कुछ टॉयज भी स्टूडेंट्स ने बनाएं हैं। जिनमें गुल्लक और मूर्तियां शामिल हैं। इनको रंग कर सुंदर बनाया गया है। यह देखने पर ऐसे नहीं लगते है कि यह मिट्टी से बनी हैं या फिर कागज की रद्दी से तैयार की गई हैं। इसके साथ ही सोलर पैनल लगाकर टॉयज बनाए हैं । यह दिन के समय उर्जा प्राप्त कर चलते भी हैं।
इनक्यूबेशन सेंटर की जानकारी देते हुए डॉ. पल्लवी शर्मा ने बताया कि इसमें करीब दो दर्जन से ज्यादा प्रोडक्ट तैयार किए जा रहे हैं, जिनमें हर्बल टी, काडा, मेथी बेस्ड एंटीबायोटिक टी, एंटी डैंड्रफ ऑयल, राइस बेस्ड बेस्ट फेस क्रीम, मल्टीपल फ्लेवर श्रीखंड, नीम टोनर, तुलसी एक्सट्रेटर, एलोवेरा जैम व प्रोसेस काऊ यूरिन शामिल है।इसके अलावा पौधे को बीमारियों से बचाने में उपयोगी ट्राइकोडर्मा और डायबिटीज लोगों के लिए उपयोगी मशरूम पाउडर भी तैयार किया है।इसके साथ ही आम, गुड़हल और गुलाब की पत्तियों से साबुन तैयार किए हैं। चुकंदर और ऑरेंज बेस्ड वाइन भी इससे तैयार की है। इसके अलावा चिली, एप्पल व जामुन फ्लेवर विनेगर और चुकंदर की प्रोबायोटिक ड्रिंक भी बनाई गई है।.