अदाणी के शेयरों में गिरावट से बाजार पर ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ा, सेबी ने SC को बताया

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नई दिल्ली। शेयर बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि वह नियमों के किसी भी उल्लंघन का पता लगाने के लिए अदाणी समूह के खिलाफ अमेरिकी शॉर्ट सेलर कंपनी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट जारी होने के पूर्व और बाद की बाजार गतिविधियों की जांच कर रहा है। सेबी ने शीर्ष अदालत को बताया कि वह शॉर्ट सेलिंग या बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के पक्ष में नहीं है।

सेबी ने यह भी कहा है कि अदाणी समूह के शेयरों में भारी गिरावट से शेयर बाजार पर ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ा है। सेबी ने शीर्ष अदालत से कहा, उसके पास अनवरत कारोबार सुनिश्चित करने और शेयर बाजार में अस्थिरता से निपटने के लिए मजबूत ढांचा है। साथ ही सेबी ने कहा, विकसित प्रतिभूति बाजार, दुनियाभर में शॉर्ट सेलिंग को ‘वैध निवेश गतिविधि’ के रूप में मानते हैं। सेबी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वह शॉर्ट सेलिंग के नियमों के उल्लंघन की जांच के लिए हिंडनबर्ग के आरोपों की जांच कर रहा है।

सेबी ने कहा, भारतीय बाजार पूर्व में और भी बुरी अस्थिरता देख चुका है, विशेषकर कोरोना महामारी के समय, जब दो मार्च, 2020 से 19 मार्च, 2020 (13 कारोबारी दिवस) के बीच निफ्टी लगभग 26 प्रतिशत गिर गया था। बाजार अस्थिरता को देखते हुए सेबी ने 20 मार्च, 2020 को अपने मौजूदा बाजार तंत्र की समीक्षा की थी और कुछ बदलाव किए थे।

हिंडनबर्ग रिपोर्ट से संबंधित दो याचिकाओं के जवाब में सेबी ने लिखित नोट दाखिल किया। इनमें से एक याचिका वकील विशाल तिवारी ने दायर की थी, जिसमें हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की निगरानी में एक समिति गठित करने की मांग की गई थी। एक अन्य याचिकाकर्ता वकील एमएल शर्मा ने अमेरिकी कंपनी के खिलाफ जांच की मांग की है, जिसकी रिपोर्ट के कारण अदाणी समूह के शेयरों में गिरावट आई है।

सेबी ने कहा कि मामला जांच के शुरुआती चरण में है, इसलिए जारी कार्यवाही के बारे में विवरण सूचीबद्ध करना उचित नहीं है। सेबी ने शीर्ष कोर्ट को हिंडनबर्ग के बारे में भी अवगत कराया और बताया कि हिंडनबर्ग अमेरिका में अन्य कंपनियों के बीच एक शॉर्ट सेलर रिसर्च कंपनी है, जो उन कंपनियों पर शोध करती है जिनके बारे में उनका मानना है कि उनके पास शासन या वित्तीय मुद्दे हैं।

दोगुनी दर से बढ़ रही आय
अदाणी समूह ने शेयर बाजारों को सूचित किया कि उसकी आय पिछले एक दशक से उसके कुल कर्ज की तुलना में दोगुनी दर से बढ़ रही है। शेयर बाजार को भेजी सूचना में समूह ने कहा, ‘2013 से हमारा एबिट्डा (Earnings Before Interest, Taxes, Depreciation, and Amortization) 22 फीसदी सीएजीआर (Compound annual growth rate) से लगातार बढ़ा है। साथ ही हमारा कर्ज केवल 11 प्रतिशत की सीएजीआर से बढ़ा है। समूह ने अपने बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए अपने बहुचर्चित वित्तपोषण मॉडल के बारे में कहा कि इन्हें बुनियादी ढांचा वित्त के वैश्विक मानकों के अनुरूप ऋण और इक्विटी के माध्यम से वित्त पोषित किया गया है।