प्रवासी भारतीयों के सम्मेलन में बोले मोदी, दुनिया का विकास इंजन बन सकता है भारत

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने कहा है कि आज भारत के पास न केवल दुनिया के नॉलेज सेंटर बनने का, बल्कि स्किल कैपिटल बनने का सामर्थ्य भी है। वहीं, प्रवासी भारतीयों की यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है कि वे विश्व की भारत के प्रति बढ़ती हुई जिज्ञासा को शांत करें। वे भारत के सस्टेनेबल फ्यूचर के मॉडल को विश्व भर में प्रचारित करें। प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को ब्रिलिएंट कन्वेंशन सेंटर इंदौर में 17वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन (Pravasi Bhartiya Divas Convention) का शुभारंभ किया।

उन्होंने कहा कि हमारे लिए पूरा संसार ही हमारा स्वदेश है। दुनिया के किसी एक देश में जब भारत के अलग-अलग प्रान्तों, अलग-अलग क्षेत्रों के लोग मिलते हैं, तो एक भारत, श्रेष्ठ भारत का सुखद अहसास भी होता है।

दुनिया के अलग-अलग देशों में जब सबसे शांतिप्रिय, लोकतांत्रिक और अनुशासित नागरिकों की चर्चा होती है, तो मदर ऑफ डेमोक्रेसी होने का भारतीय गौरव अनेक गुना बढ़ जाता है। और जब, हमारे इन प्रवासी भारतीयों के योगदान का विश्व आकलन करता है, तो उसे सशक्त और समर्थ भारत इसकी आवाज सुनाई देती है। इसलिए ही तो मैं आप सभी को सभी प्रवासी भारतीयों को विदेशी धरती पर भारत का राष्ट्रदूत ब्रैंड एंबेसेडर कहता हूं। सरकारी व्यवस्था में राजदूत होते हैं। भारत की महान विरासत में आप राष्ट्रदूत होते हैं।

भारत के पास दुनिया की स्किल कैपिटल बनने का सामर्थ्य
उन्होंने आगे कहा, आज भारत के पास न केवल दुनिया के नॉलेज सेंटर बनने का, बल्कि स्किल कैपिटल बनने का सामर्थ्य भी है। आज भारत के पास सक्षम युवाओं की एक बड़ी तादाद है। हमारे युवाओं के पास स्किल भी है और काम करने के लिए जरूरी जज्बा और ईमानदारी भी है। भारत की ये स्किल कैपिटल दुनिया के विकास का इंजन बन सकती है। भारत में उपस्थित युवाओं के साथ ही भारत की प्राथमिकता वो प्रवासी युवा भी हैं जो भारत से जुड़े हैं।

दुनिया के लोगों में क्यूरोसिटी है कि भारत क्या कर रहा है
बीते कुछ वर्षों में भारत की प्रगति की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘पिछले कुछ वर्षों में भारत ने विकास की जो गति प्राप्त की है, जो उपलब्धियां हासिल की हैं, वो असाधारण हैं। अभूतपूर्व हैं। जब भारत कोविड महामारी के बीच कुछ महीनों
उन्होंने आगे कहा, आज भारत के पास न केवल दुनिया के नॉलेज सेंटर बनने का, बल्कि स्किल कैपिटल बनने का सामर्थ्य भी है। आज भारत के पास सक्षम युवाओं की एक बड़ी तादाद है। हमारे युवाओं के पास स्किल भी है और काम करने के लिए जरूरी जज्बा और ईमानदारी भी है। भारत की ये स्किल कैपिटल दुनिया के विकास का इंजन बन सकती है। भारत में उपस्थित युवाओं के साथ ही भारत की प्राथमिकता वो प्रवासी युवा भी हैं जो भारत से जुड़े हैं।

दुनिया के 40 फीसदी डिजिटल ट्रांजेक्शन भारत में
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, लोग जानना चाहते हैं कि भारत की स्पीड क्या है, स्केल क्या है, भारत का फ्यूचर क्या है। इसी तरह, जब कैशलेस इकनॉमी की बात होती है, फिनटेक की चर्चा होती है तो दुनिया ये देखकर हैरत में है कि विश्व के 40 पर्सेंट रियल टाइम डिजिटल ट्रांजेक्शन भारत में होते हैं। जब स्पेस के फ्यूचर की बात होती है, तो भारत की चर्चा स्पेस टैक्नालॉजी के मोस्ट एडवांस देशों में होती है। भारत, एक बार में सौ-सौ सैटेलाइट्स लॉन्च करने का रिकॉर्ड बना रहा है। सॉफ्टवेयर और डिजिटल टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में हमारी ताकत दुनिया देख रही है। आप में से बहुत से लोग भी इसका बहुत बड़ा जरिया हैं। भारत का ये बढ़ता हुआ सामर्थ्य भारत का ये दम-खम, भारत की जड़ों से जुड़े हर व्यक्ति का सीना चौड़ा कर देता है।

आने वाले दिनों में बढ़ेगी भारत की ताकत
भारत की बढ़ती ताकत का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, वैश्विक मंच पर आज भारत की आवाज, भारत का संदेश, भारत की कही बात एक अलग ही मायने रखती है। भारत की ये बढ़ती हुई ताकत आने वाले दिनों में और ज्यादा बढ़ने वाली है और इसलिए, भारत के प्रति जिज्ञासा और बढ़ेगी। इसलिए विदेश में रहने वाले भारतीय मूल के लोगों की, प्रवासी भारतीयों की जिम्मेदारी भी बहुत बढ़ जाती है। आपके पास आज भारत के बारे में जितनी व्यापक जानकारी होगी, उतना ही आप दूसरों को भारत के बढ़ते सामर्थ्य के बारे में बता पाएंगे और तथ्यों के आधार पर बता पाएंगे। मेरा आग्रह है कि आपके पास कल्चरल जानकारी के साथ-साथ भारत की प्रगति की अपडेटेड इनफार्मेशन होनी चाहिए।

दुनिया का विकास इंजन बन सकता है भारत
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत न केवल विश्व के ज्ञान का केंद्र है, बल्कि इसमें विश्व की दक्षता राजधानी बनने का सामर्थ्य है। भारत दुनिया का विकास का इंजन बन सकता है। प्रवासी भारतीय, मेक इन इंडिया, योग, आयुर्वेद, कुटीर उद्योग, हस्तशिल्प, मोटे अनाज को विश्व में प्रचारित करने में अपना अमूल्य योगदान दें। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस वर्ष भारत को जी-20 समूह की अध्यक्षता का गौरव प्राप्त हुआ है। ऐसे समय में प्रवासी भारतीयों की जिम्मेदारी और बढ़ जाती है। यह दुनिया को भारत के विषय में बताने का मौका है। अतिथि देवो भव की परंपरा को निभाते हुए इस अवसर को ऐतिहासिक बनाएं। जब प्रतिभागी अपने देश लौट के जाएं, तो वहाँ रहने वाले भारतीय उन्हें बुलाएं, उनके साथ संवाद करें।