महारास में भारतीय कला संस्थान, वृंदावन के कलाकारों ने दी प्रस्तुति
कोटा। बांसूरी की धुन, पायल की झनकार और राधे-गोविंद के जयकारों से छप्पन भोग परिसर शनिवार रात झंकृत हो उठा। अवसर था बिरला व अग्रवाल परिवार की ओर से आयोजित की जा रही श्रीमद् भागवत कथा के अवसर पर महारास उत्सव का, जिसमें भारतीय कला संस्थान, वृंदावन के कलाकारों ने महारास की सजीव प्रस्तुतियां दी। देर रात तक छप्पन भोग परिसर में भक्ति और प्रेमरस बरसता रहा।
महारास के दौरान जैसे ही राधा रानी और कृष्ण बने कलाकारों ने महारास को साकार किया तो श्रद्धालु भक्ति रस से ओत-प्रोत हो गए, पांडाल में राधे-राधे के जयकारें गूंजते रहे। द्वापरकालीन राधा-कृष्ण की अद्भुत लीलाओं को जीवंत होता देख पांडाल में मौजूद सभी दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए।
भजनों की बही रसधार
महारास के दौरान भारतीय कला संस्थान, वृंदावन के कलाकारों ने एक से बढ़कर एक भजनों की दी गई प्रस्तुति से माहौल भक्तिमय हो गया। रंगीलो राधा वल्लभ लाल..किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाए.. पर श्रद्धालु थिरकते रहे।