नई दिल्ली। अब पढ़ाई करने के लिए आपको या आपके बच्चों को विदेश जाने की जरूरत नहीं। भारत में ही अब विदेशी यूनिवर्सिटीज खुलेंगी। विदेशी यूनिवर्सिटीज को भारत में परिसर खोलने के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की मंजूरी की जरूरत होगी।
इसके अलावा इन परिसरों को भारत में स्थापित करने के लिए यूजीसी के इन नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा। यह जानकारी आज यूजीसी के अध्यक्ष एम. जगदीश कुमार ने दी। उन्होंने बताया कि भारत में परिसर स्थापित करने वाले विदेशी यूनिवर्सिटीज को अपनी स्वयं की प्रवेश प्रक्रिया तैयार करने की छूट होगी।
इसके अलावा विदेशी यूनिवर्सिटीज को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके भारतीय परिसरों में प्रदान की जाने वाली शिक्षा की गुणवत्ता उनके मुख्य परिसर के समान ही गुणवत्तापूर्ण हो। भारत में परिसर स्थापित करने वाले विदेशी यूनिवर्सिटीज केवल परिसर में डायरेक्ट क्लासेस के लिए फुलटाइम कोर्स पेश कर सकते हैं, ऑनलाइन माध्यम या डिस्टेंस लर्निंग शिक्षा माध्यम से नहीं।
इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि विदेश से कोष का आदान-प्रदान विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम के तहत होगा।भारत में परिसर स्थापित करने वाले विदेशी यूनिवर्सिटीज को शुरू में 10 साल के लिए ही मंजूरी दी जाएगी।
यह पूछे जाने पर कि क्या इन विदेशी विश्वविद्यालयों के परिसरों में आरक्षण नीति लागू होगी, कुमार ने कहा कि दाखिले संबंधी नीति निर्धारण के बारे में निर्णय विदेशी विश्वविद्यलय करेंगे, इसमें यूजीसी की भूमिका नहीं होगी।
उन्होंने कहा कि मूल्यांकन प्रक्रिया और छात्रों की जरूरतों का आकलन करने के बाद आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों को छात्रवृत्ति की व्यवस्था हो सकती है, जैसा कि विदेशों में विश्वविद्यालयों में होता है।