कोटा। चालू वित्त वर्ष में सितंबर तक 21 लाख करोड़ रुपये का निवेश हुआ है। इसमें सरकार का हिस्सा 12.3 लाख करोड़ रहा है। जिसमें 7 लाख करोड़ केंद्र का और 5.2 लाख करोड़ राज्य सरकारों का है। निजी कंपनियों का 7 लाख करोड़ निवेश है।
एक साल पहले यह 6.4 लाख करोड़ था। वित्त वर्ष 2013 में कुल निवेश 8.9 लाख करोड़ रुपये था। सरकार और निजी कंपनियां दोनों का निवेश अब तक का सार्वकालिक है। उम्मीद है कि पूरे साल में सरकार का निवेश 14 लाख करोड़ रुपये को पार कर सकता है।
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज की रिपोर्ट के अनुसार, ज्यादातर निवेश एनर्जी, पावर, खनन, इन्फ्रा, निर्माण सामग्री, रियल एस्टेट, डिजिटल इन्फ्रा, उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजनाओं (पीएलआई) पर हुआ है। आने वाले समय में निवेश में और तेजी आएगी।
रिलायंस इंडस्ट्रीज ने एनर्जी, रिन्यूएबल एनर्जी और ग्रीन हाइड्रोजन के क्षेत्र में 10-15 सालों में 5,950 अरब रुपये के निवेश की घोषणा की है। जियो और केमिकल क्षेत्र में अगले तीन साल में यह 2,750 अरब रुपये का निवेश करेगी।
वेदांता ने सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट पर 2-3 साल में 1,540 अरब, अदाणी ग्रीन ने रिन्यूएबल एनर्जी पर 10 साल में 1,500 अरब रुपये, ओएनजीसी, बीपीसीएल, एचपीसीएल, आयल इंडिया और गेल ने एक साल में तेल और गैस पर 1,100 अरब के निवेश की घोषणा की है। आर्सलर मित्तल, हिंडालको, एनटीपीसी, अमेजन वेब सर्विसेस ने भी विभिन्न क्षेत्रों में 8 सालों में 2,400 अरब रुपये के निवेश की घोषणा की है।
इन राज्यों में सबसे ज्यादा हुआ निवेश ((आंकड़े करोड़ रुपये में)
राज्य | वर्ष 2013 | वर्ष 2022 |
यूपी | 24,535 | 70,197 |
बिहार | 5,907 | 24,091 |
हरियाणा | 4,436 | 9,843 |
राजस्थान | 5,540 | 26,176 |
महाराष्ट्र | 19,669 | 46,541 |
रिपोर्ट के अनुसार, आंध्र प्रदेश में 2022 में 16,795 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है। जबकि गुजरात में 28,183 करोड़, कर्नाटक में 50,310 करोड़, तमिलनाडु में 36,321 करोड़, केरल में 13,851 करोड़ रुपये और पश्चिम बंगाल में 17,619 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है।