युवा नौकरी मांगने वाले नहीं, बल्कि नौकरी देने वाले बनें: स्पीकर बिरला

0
313

अजमेर। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मंगलवार को राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय अजमेर के दीक्षांत समारोह में गणमान्य लोगों, अध्यापकगण और छात्रों को संबोधित किया।

इस अवसर पर बिरला ने कहा कि शिक्षा वह होती है जो हमारे चरित्र का निर्माण करे, बुद्धि का विस्तार करे और जो हमें आत्मनिर्भर बनाए। उन्होंने विचार व्यक्त किया कि शिक्षा का एकमात्र उद्देश्य नौकरी पाना या प्लेसमेंट नहीं हो सकता और इसलिए हमें अपने जीवन में कुछ न कुछ नया करने का, नवाचार करने का प्रयास हमेशा करना चाहिए।

समाज में युवाओं की भूमिका रेखांकित करते हुए बिरला ने कहा कि विश्व के अंदर जो भी बड़े बदलाव हुए हैं, जितने भी नए काम हुए हैं वह सभी बदलाव युवाओं ने किए हैं। यह विचार व्यक्त करते हुए कि हमारे देश के स्वतंत्रता संग्राम में भी सबसे बड़ी भूमिका युवाओं की थी। उन्होंने कहा कि किसी भी देश की सबसे बड़ी पूंजी उस देश के युवा होते हैं और युवाओं के अंदर ही सकारात्मक बदलाव की क्षमता और ऊर्जा होती है।

बिरला ने आगे कहा की भारत के अंदर आज युवा आर्थिक परिवर्तन की दिशा में अग्रणी हैं। देश में यूनिकॉर्न की संख्या, स्टार्ट अप की संख्या विश्व में तेजी से बढ़ रही है क्योंकि आज का युवा नवाचार कर रहा है, कुशल उद्यमी है। बिरला ने जोर देकर कहा की आज भारत का युवा नौकरी मांगने वाला नहीं बल्कि नौकरी देने वाला है।

विश्व में भारत के बढ़ते प्रभाव का जिक्र करते हुए बिरला ने कहा कि आज जब हमारे पास सभी संसाधन उपलब्ध हैं। हमारे अंदर संकल्पशक्ति है। अब हमें परिवर्तन की गति तेज करनी है। संसाधनों का श्रेष्ठतम उपयोग करते हुए अधिकतम परिणाम निकालने हैं।

देश को विकसित देशों की अग्रिम पंक्ति में लाने के लिए यह आवश्यक है कि प्रत्येक व्यक्ति, प्रत्येक युवा अपना अधिकतम योगदान करे, अधिकतम प्रयास करे। बिरला ने जोर देकर कहा कि जब हम आजादी के सौ साल पूरे कर लेंगे, तब हमें सबसे मजबूत राष्ट्र होना चाहिए। इस राष्ट्रीय लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए युवाओं को योगदान देना चाहिए और अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए।

बिरला ने युवाओं से अपील की कि देश की राजनीतिक प्रक्रियाओं में सक्रिय रूप से भाग लें। उनकी जिम्मेदारी मात्र मतदान करने से समाप्त नहीं होती बल्कि वो सदन की कार्यवाही पर नजर रखें और जनप्रतिनिधियों के कार्यों पर नजर रखें। उन्होंने जोर देकर कहा कि सदन सार्थक चर्चा और संवाद के केंद्र बनें, इसमें आपकी युवाओं की भूमिका है।