नयी दिल्ली। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (Foreign portfolio investors) ने भारतीय इक्विटी पर अपना सकारात्मक रुख जारी रखा। उन्होंने अगस्त के पहले सप्ताह में 14,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया।
इससे पहले जुलाई में भी विदेशी निवेशक शुद्ध खरीदार थे। डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने जुलाई में लगभग 5,000 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया। इस तरह अप्रैल के पहले सप्ताह में एफपीआई का कुल निवेश जुलाई माह के पूरे निवेश से अधिक रहा।
एफपीआई ने लगातार नौ महीनों तक भारी शुद्ध निकासी के बाद जुलाई में शुद्ध खरीदारी की। इससे पहले वे पिछले साल अक्टूबर से लगातार शुद्ध बिकवाली कर रहे थे। अक्टूबर 2021 और जून 2022 के बीच, उन्होंने भारतीय इक्विटी बाजारों में 2.46 लाख करोड़ रुपये की भारी बिक्री की।
यस सिक्योरिटीज के संस्थागत इक्विटी के प्रमुख विश्लेषक हितेश जैन ने कहा कि अगस्त के दौरान एफपीआई प्रवाह सकारात्मक रहने की उम्मीद है, क्योंकि रुपये के लिए सबसे खराब स्थिति खत्म हो गई है और कच्चा तेल भी एक सीमित दायरे में है। एफपीआई रणनीति में बदलाव के चलते बाजार में हाल में जोरदार तेजी देखने को मिली।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा, ‘‘डॉलर सूचकांक पिछले महीने के 109 के उच्च स्तर से अब गिरकर 106 पर आ गया है, जो एफपीआई आवक का एक प्रमुख कारण है। यह प्रवृत्ति जारी रह सकती है।’’
एफपीआई पूंजीगत सामान, एफएमसीजी, निर्माण और बिजली जैसे क्षेत्रों में निवेश कर रहे हैं। इसके अलावा एफपीआई ने समीक्षाधीन अवधि के दौरान ऋण बाजार में 230 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया।