कोलकाता। भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार पश्चिम बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी की सहयोगी अर्पिता मुखर्जी ने कबूल किया है कि उनके घर से बरामद कैश बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी का ही है। मंत्री की करीबी ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने यह कबूलनामा किया है।
उन्होंने एजेंसी को बताया कि पैसा उनसे जुड़ी कंपनियों में लगाया जाना था। रिपोर्ट के मुताबिक, पूछताछ के दौरान, उन्होंने खुलासा किया कि कैश को एक या दो दिनों में घर से बाहर निकालने की योजना थी। लेकिन एजेंसी के छापे ने योजना को फेल कर दिया।
वित्तीय जांच एजेंसी ने तलाशी के दौरान मिले संबंधित दस्तावेजों का हवाला देते हुए कहा कि अर्पिता मुखर्जी और ममता बनर्जी के मंत्री संयुक्त रूप से उस जगह (प्रॉपर्टी) के मालिक हैं जहां से कैश मिला। इस प्रॉपर्टी को पार्थ चटर्जी ने 2012 में खरीदा था।
कोलकाता की एक अदालत ने रविवार को मुखर्जी को एक दिन की ईडी की हिरासत में भेज दिया था। उन्हें उनके आवास पर लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया था जहां से बड़ी मात्रा में नकद और अन्य कीमती सामान कथित रूप से बरामद हुआ था।
12 मुखौटा कंपनियां चला रही थीं अर्पिता: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को बताया कि शुरुआती जांच में यह सामने आया है कि पश्चिम बंगाल के गिरफ्तार मंत्री पार्थ चटर्जी की ‘करीबी सहयोगी’ बताई जा रही अर्पिता मुखर्जी 12 मुखौटा कंपनियां चला रही थीं और वह ऐसा मुख्य रूप से “आर्थिक हेरफेर” के लिए कर रही थीं।
वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि शनिवार शाम को मुखर्जी के जोका स्थित फ्लैट की तलाशी के दौरान कुछ दस्तावेज बरामद किए गए थे जो “ऐसी कंपनियों के होने का समर्थन’ करते हैं। उन्होंने बताया कि ईडी के अधिकारियों को कम पहचाने जाने वाले एक अभिनेता के साथ-साथ ओडिशा एवं तमिलनाडु के अलग अलग प्रोड्क्शन हाउस के लोगों के शामिल होने का शक है। मुखर्जी ने भी कई बंगाली और उड़िया फिल्मों में काम किया है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को कहा कि अगर कोई भी गलत काम करने का दोषी पाया जाता है, तो उसे सजा दी जानी चाहिए। उन्होंने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) घोटाले में उनके मंत्रिमंडल के सहयोगी पार्थ चटर्जी को गिरफ्तार किए जाने के बाद यह बयान दिया है।
बनर्जी ने यहां राज्य सरकार के एक पुरस्कार समारोह को संबोधित करते हुए उनके खिलाफ चलाए गए ‘‘दुर्भावनापूर्ण अभियान’’ के लिए विपक्ष की आलोचना की। उन्होंने कहा कि वह भ्रष्टाचार का समर्थन नहीं करती हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है। एक समयसीमा होनी चाहिए, जिसके भीतर सच और अदालत का फैसला सामने आना चाहिए। अगर कोई दोषी साबित होता है तो उसे सजा दी जानी चाहिए। पार्टी भी कार्रवाई करेगी। लेकिन, मैं अपने खिलाफ दुर्भावनापूर्ण अभियान की आलोचना करती हूं।’’
भारतीय जनता पार्टी ने एक वीडियो साझा की है, जिसमें बनर्जी को अर्पिता मुखर्जी से बातचीत करते हुए देखा गया है, जिसके घर से 22 करोड़ रुपये नकद मिले हैं। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस का उससे कोई संबंध नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘पार्टी का उस महिला से कोई भी रिश्ता नहीं है और न ही मैं उसे जानती हूं। मैं कई कार्यक्रमों में जाती हूं, अगर कोई मेरे साथ तस्वीर खिंचाता है तो क्या यह मेरी गलती है?