जयपुर। कस्टम्स विभाग ने 348 करोड़ रुपए के हीरे और सोने की बड़ी तस्करी के मामले में झुंझुनूं के एक सीए और अजमेर के व्यवसायी को गिरफ्तार किया गया है। यह माल गुजरात और मुंबई के व्यवसायियों ने तस्करी करवा कर मंगवाया था, जिसका भुगतान राजस्थान मूल की कागजी आईटी कंपनियों के माध्यम से यूएई और हाॅन्गकाॅन्ग में किया गया। इस मामले में कस्टम्स विभाग ने जयपुर समेत राजस्थान के 4 शहरों में छापेमारी की।
प्रथमदृष्टया इस गिरोह के जरिये अब तक 10 हजार करोड़ रु. का सोना और हीरा की तस्करी की आशंका है। सीए झुंझुनूं के डेरवाला पोस्ट स्थित राजीव नगर गांव निवासी रविन्द्र कुमार और व्यवसायी अजमेर के विजय नगर में विश्वकर्मा मंदिर के पीछे रहने वाला ओमप्रकाश वंजानी है। दोनों को कस्टम्स निरीक्षक रामप्रसाद ने अधिवक्ता आरएन यादव के माध्यम से कोर्ट में पेश किया, जहां एसीजेएम रामकन्या सोनी ने दोनों को जेल भेज दिया।
सीए ने 11 बैंकों की 14 ब्रांचों को 310 रिमिटेंस सर्टिफकेट जारी किए थे। इनके आधार पर तस्करी के सोने और हीरों का भुगतान हॉन्गकॉन्ग और यूएई भिजवाया गया। तस्करी के माल की रकम जिन कंपनियों के खातों से भेजी गई, उनमें जयपुर की मैसर्स बेलस्टार टेक्नो सॉल्युशन प्राइ्रवेट लिमिटेड और विजुअल बडर्स टैक्नोलॉजी भी है।
दोनों कंपनियों ने खुद को आईटी कंपनी बताया है। यह भुगतान बतौर आईटी सेवाओं के लिए दिखाया गया। दोनों के बैंक को सीए ने ही रिमिटेंस सर्टिफकेट जारी किए थे। दोनों के खातों में 80% से ज्यादा रकम मैसर्स श्रीजी इनफोटेक और डीएनबी ट्रेडिंग ने भेजी।
इन दोनों फर्मों ने सोने व हीरे का व्यवसाय दिखाकर जीएसटी रजिर्स्टेशन करा रखा है। दोनों फर्मों ने शून्य रिटर्न दाखिल किए थे। व्यवसायी वंजानी बेलस्टार टेक्नो सॉल्युशन प्रा. लि. में बतौर निदेशक रजिस्टर्ड है। बैंक खाते उसके दस्तावेजों पर खुले हैं।
यहां मारे छापे : जयपुर में गोपालपुरा बाइपास स्थित केशव विहार में साईं पथ स्थित 31ए/1, सोडाला रामनगर विस्तार स्थित एच-16 और सैनी कॉलोनी प्लाॅट एच-57, ब्यावर में तेलीयान चौपड़ स्थित श्रीमल गली स्थित मकान नं. 110, पिपलिया बाजार में रेली गली स्थित मकान नं. 16, बिजय नगर में तेजा चौक, विश्वकर्मा मंदिर के पीछे वंजानी के निवास, झुंझनूं में रीको बीएसएनएल ऑफिस के पास स्थित सीए का दफ्तर।