गहलोत सरकार की घर-घर में औषधीय पौधे पहुंचाने की योजना फ्लॉप

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अब स्कूलों में हर्बल गार्डन विकसित करेगी सरकार

जयपुर। राजस्थान सरकार की कोरोना काल में घर-घर में औषधीय पौधे पहुंचाने की योजना तो सिर्फ कागजी साबित हुई। लेकिन सरकार ने अब ‘स्कूल हर्बल गार्डन योजना’ शुरू की है। जिसके तहत प्रथम चरण में जयपुर जिले की 100 स्कूलों में जड़ी-बूटियों से महकेंगे। जयपुर जिले की 100 स्कूलों में हर्बल गार्डन विकसित करवाने एवं चार साल के लिए रखरखाव के लिए 53 लाख रुपए की राशि स्वीकृत की है।

प्रथम किश्त की राशि 25 लाख रुपए ( 25 हजार रुपए प्रति स्कूल) स्टेट मेडिसनल प्लांट बोर्ड को मिली है। स्कूल प्रशासन को औषधीय पादप का नाम, किस बीमारी में और उपयोगी भाग के बारें में जानकारी लिखना अनिवार्य है। इनमें कदम्ब, अशोक, अर्जुन, मौलश्री, काचनार, गुग्गलू, हरड़, बहेड़ा, विजयसार, रीठा, वज्रदंती, हडजोड़, गुड़मार, भृंगराज, मुलैठी, मीठा नीम, बिल्व, पत्तथरचट्‌टा, सर्पगंधा के 25 प्रजातियों के 60 पेड़, लता लगाई जाएगी।

शहर की चयनित छह स्कूलों में महात्मा गांधी राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूल गांधी नगर, शहीद लेफ्टिनेंट अभय पारीक राजकीय बालिका स्कूल गांधी नगर, महात्मा गांधी स्कूल गांधी नगर-2, राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूल बजाज नगर, राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूल बिंदायका और बाढ़ पीथावास शामिल है।

क्या है योजना:
राजस्थान स्टेट मेडिसनल प्लांट बोर्ड की योजना के तहत स्कूलों में 500 वर्ग मीटर भूमि पर हर्बल गार्डन विकसित किए जाएंगे। प्रथम चरण में जयपुर की 100 स्कूलों का चयन किया गया है। योजना के सफल होने के बाद नेशनल मेडिसनल प्लांट बोर्ड की ओर से हर जिले में औषधीय उद्यान स्थापित किया जाना प्रस्तावित है। जिससे स्वस्थ समाज, निरोगी राजस्थान का सपना साकार हो सकें।

ये होगा फायदा:
विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों को औषधीय पौधों की जानकारी आसानी से मिलेगी। औषधीय पादप जैसे मीठा नीम, पत्थरचट्‌टा, आंवला, सहजना, तुलसी से विभिन्न बीमारियों का घरेलू उपचार सीख सकेंगे। पर्यावरण संकट का समाधान होने से प्राकृतिक आपदा पर नियंत्रण करना आसान होगा।

किस क्षेत्र में कितनी स्कूलों में हर्बल गार्डन: शहर की छह, सांगानेर क्षेत्र में 17, झोटवाड़ा में आठ, दूदू-सांभर में 11, बस्सी में 12, फागी में 11, शाहपुरा में सात, जमवारामगढ़ में तीन, चाकसू में 15, विराट नगर में दो, कोटपूतली में दो, चौमू में तीन, फुलेरा में तीन स्कूलों का चयन किया गया है।

सांगानेर क्षेत्र में सर्वाधिक 17, बस्सी में 12, फागी में 11, दूदू-सांभर में 11, झोटवाड़ा में 8, शाहपुरा में 7 स्कूलों का चयन किया

25 प्रजातियों के 60 पेड़-पौधे लगाए जाएंगे: इनमें कदम्ब, अशोक, अर्जुन, भृंगराज, मुलैठी, वज्रदंती सर्पगंधा शामिल

छात्र जानेंगे औषधीय पौधों के बारे में
घर-घर औषधि योजना के बाद स्कूलों में हर्बल गार्डन योजना के तहत विद्यार्थी और उनके अभिभावक औषधीय पादपों की पहचान और उपयोगिता के बारे में जान सकेंगे। हर्बल गार्डन के मेन्टिनेंस के लिए चयनित स्कूलों को बजट मिलेगा। -डॉ.रघु शर्मा, चिकित्सा मंत्री