कोटा। गोडावण व काले हिरणों के लिए प्रसिद्ध बारां जिले के सोरसन ब्रह्माणी माता के जंगल को बचाने के लिए आयोजित पद यात्रा में सोरसन को अभ्यारण्य का दर्जा देने तथा खनन लीजें निरस्त करने की मांग की गई। इस आशय का एक ज्ञापन कलेक्टर को राज्यपाल एवं मुख्य मंत्री के नाम दिया गया।
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत हाडौती नेचुरलिस्ट सोसायटी के अध्यक्ष वरिष्ठ विधायक भरत सिंह की अगुवाई में पर्यावरण संकल्प पद यात्रा का शुभारम्भ महामण्डलेश्वर हेमा सरस्वती, गायत्री परिवार के मुख्य ट्रस्टी जल बिरादरी की चम्बल संसद के सभापति जीडी पटेल, जल बिरादरी के प्रदेश उपाध्यक्ष बृजेश विजयवर्गीय, कौशिक गायत्री परिवार के संचालक यज्ञदत्त हाड़ा आदि ने किया।
इस अवसर पर बूंदी जल बिरादरी के अध्यक्ष विट्ठल सनाढ्य, स्मृति वन समिति की गीता दाधीच, ज्ञानद्वार सोसायटी की चेयरपर्सन अनिता चौहान, एचएनएस के रविन्द्र सिंह तोमर, कोटा हेरिटेज सोसायटी की विक्टोरिया सिंह, पर्यटन विकास समिति के जयवर्द्धन सिंह, इंटेक के सदस्यगण सुनील सिंघल, डॉ सुधीर गुप्ता, नेचर प्रमोटर एएच जैदी, डीके शर्मा, अर्चना राजावत, बनवारी युदवंशी, वैद्य रघुनंदन शर्मा, हर्षित शर्मा, मुकेश सुमन , बाघ मित्र पर्यावरणप्रेमी कुशलपाल सिंह अमलसरा के महावीर चौधरी, समेत भरत सिंह के सांगोद क्षैत्र से बड़ी संख्या में पर्यावरणविदों की मौजूदगी रही।
पदयात्रा गुमानपुरा बाजार से सरोवर टॉकीज, जयपुर गोल्डन, लक्की बुर्ज,नयापुरा होते हुए कलेक्टर कार्यालय के सामने पहुंची। रास्तें में गोडवण बचाओ,पर्यावरण बचाओ, सोरसन बचाओ, पेड़ बचाओ, प्राण बचाओ आदि नारे लगाए गए।
प्रतिनिधिमंडल ने ज्ञापन में कहा कि वन्यजीव संरक्षण के लिए प्रसिद्ध बारां जिले के सोरसन ब्रह्माणी माता क्षैत्र में वन भूमि के मुहाने पर लग रहे खदान क्रेशरों के चलने से वन संपदा एवं वन्यजीवों पर दुष्प्रभाव पडेगा। सोरसन हमेशा से काले हिरणों और गोडावण का आवास स्थल रहा है।
सोरसन ब्रह्माणी माता क्षेत्र के जंगल में गोडावण के प्रस्तावित प्रजनन केंद्र प्रस्तावित है तथा काले हिरणों,सियार, भेड़िया और प्रवासी पक्षियों की उडान को देख कर कोई भी प्रफुल्लित हुए बिना नहीं रह सकता। कोटा संभाग के पर्यावरण प्रेमी नागरिक मांग करते हैं कि सोरसन के निकट दी गई समस्त खदानों और क्रेशरों की अनुमति को निरस्त करें तथा इस जंगल को अभ्यारण्य का दर्जा प्रदान करें, जिससे पर्याप्त संरक्षण हो।
शहर में पर्यावरण की बर्बादी रोकें
बृजेश विजयवर्गीय एवं यज्ञ दत्त हाड़ा ,आरएस तोमर अर्चना राजावत ने ज्ञापन में कहा कि गांवों और शहरों को रहने लायक बनाने के लिए प्राकृतिक ऑक्सीजन के स्त्रोतों पेड़ों को लगाने के साथ ही बचाने का भी प्रयास किया जाए। तालाबों, नदियों को प्रदूषण मुक्त किया जाए। विकास कार्यों के नाम पर अनावश्यक सीमेंटेशन को तत्काल रोका जाए। जिससे पेड़ पौधे बच सकें।
मेरे जीते जी खानें नहीं चल सकती– भरत सिंह
कलेक्टर कार्यालय के सामने प्रदर्शनकारियों को संबेाधित करते हुए वरिष्ठ विधायक भरत सिंह ने कहा कि मेरे जीते जी सोरसन में खानें नहीं चल सकती। गोडावण तो एक प्रतीक है, लेकिन कुछ लोग समूची प्रकृति को लूट रहे हैं । सरकार को हमने चेता दिया है। कलेक्टर से लेकर मंत्री और मुख्यमंत्री को भी बता दिया है। रैली सरकार को पर्यावरण संकल्प याद दिलाने के लिए आयोजित की गई है। वन संरक्षण अधिनियमों की पालना सरकार के लिए आवश्यक है।
सिंह ने कहा कि हम चाहते हैं कि प्राकृतिक संपदा की लूट बंद हो। ये लोग 10 पीढियों के लिए धन कमा कर रख कर जाना चाहते है। हम इस लूट को नहीं देख सकते। सरकार को खानें निरस्त करनी होंगी। इससे बड़ा प्रदर्शन बारां में शीघ्र किया जाएगा। यह लडाई रूकने वाली नहीं है। हम नहीं जानते कि काले हिरण बचेंगे या नहीं, लेकिन हम बचाने का लगातार प्रयास करेंगे।
सिंह ने वन विभाग के अधिकारियों पर भी अनदेखी का आरोप लगाया और कहा कि बारां में मंत्री की इच्छा पर नकारा अधिकारी लगाए गए हैं। बारां के पूर्व कलेक्टर तो जेल जा चुके है। अन्य कई अधिकरी रिश्वत के आरोप में पकड़े जा चुके हैं । उन्होंने कहा कि ऐसे भ्रष्ट अधिकरियों के फोटो हर थाने और चौराहों पर लटकाए जाने चाहिए। सभा को अन्य पर्यावरणप्रेमियों ने भी संबोधित किया।