दिल्ली-चंडीगढ़ रूट पर 200 की रफ्तार से चलेगी ट्रेन

नई दिल्ली। दिल्ली-आगरा रूट पर 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन चलाने के बाद रेलवे अब दिल्ली-चंडीगढ़ मार्ग पर 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार हासिल करने की तैयारी कर रहा है। इस परियोजना से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 245 किलोमीटर लंबा दिल्ली-चंडीगढ़ कॉरिडोर उत्तर भारत के सबसे व्यस्त मार्गों में एक है। इस रूट पर देश में पहली बार 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन चलाया जाएगा। अधिकारी ने बताया कि देश के नौ रूटों को सेमी हाई स्पीड ट्रेन चलाने के लिए चुना गया है। इनमें दिल्ली-आगरा और दिल्ली-चंडीगढ़ मार्ग पर 200 किलोमीटर की रफ्तार से ट्रेन चलाई जाएगी। इसके अलावा दिल्ली-कानपुर, नागपुर-बिलासपुर,मैसूर-बेंगलुरु-चेन्नई, मुंबई-गोवा, मुंबई-अहमदाबाद, चेन्नई-हैदराबाद और नागपुर-सिकंदराबाद रूटों पर 160 से लेकर 200 किलोमीटर तक की रफ्तार से गाड़ी चलाई जाएगी।फ्रांसीसी रेलवे एसएनसीएफ इन परियोजनाओं पर आने वाले कुल खर्च का ब्योरा इस साल अक्टूबर तक सौंप देगा। फ्रांस के एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने हाल ही में भारतीय रेलवे के अधिकारियों से मिलकर दिल्ली-चंडीगढ़ रूट पर सेमी हाई स्पीड ट्रेन चलाने की संभावना पर बात की है। इसी पटरी का होगा इस्तेमाल रेल मंत्रालय ने 200 किलोमीटर की रफ्तार से ट्रेन चलाने के लिए इसी ट्रैक का इस्तेमाल करने का फैसला किया है। मंत्रालय ने इन पटरियों को अपग्रेड करने के लिए फ्रेंच रेलवे को मसौदा तैयार करने को कहा है। खर्च का ये है अनुमान मोटे तौर पर दिल्ली-चंडीगढ़ रूट पर सेमी हाई स्पीड ट्रेन चलाने में 10 हजार करोड़ रुपये खर्च आने का अनुमान है। इसके अलावा 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन चलाने में 46 करोड़ रुपये प्रति किलोमीटर खर्च अलग से आने का अनुमान है। दो घंटे से कम का होगा सफर सेमी हाई स्पीड ट्रेन से दिल्ली और चंडीगढ़ की दूरी महज एक घंटा 50 मिनट रह जाएगी। इस समय 110 किलोमीटर की रफ्तार से चलने वाली शताब्दी एक्सप्रेस से यात्रा में साढ़े तीन घंटे समय लगता है। यह ट्रेन सिर्फ अंबाला में रुकेगी।  

गूगल ने भारत में लाॅन्च की फूड डिलीवरी और होम सर्विस ऐप

गूगल ने प्लेस्टोर पर एक यूटीलिटी ऐप Areo लाॅन्च किया है और यह अभी केवल भारत में ही उपलब्ध है, विशेषकर अभी मुंबई और बेंगलुरु में। यह ऐप एंड्राइड स्मार्टफोन के जरिए खरीदार और विक्रेता के बीच इंटरफेस है।Areo एक लोकल सर्विसेज ऐप्लिकेशन है जिससे आप खाना ऑर्डर कर सकते हैं, बिल्स पे कर सकते हैं, ब्यूटिशन से लेकर इलेक्ट्रिशियन और प्लंबर को भी बुला सकते हैं। यानी कि गूगल एरियो ऐप दरअसल कई अलग-अलग सर्विसेज देता है जैसे फूड डिलिवरी सेक्शन में आप फासोस, फ्रेशमेनू और बाॅक्स8 में से किसी की सर्विस चुन सकते हैं। ब्यूटी और रिपेयर्स जैसी कैटिगरी के लिए अर्बनक्लेप मेन सर्विस प्रोवाइडर है। यहां टाइम स्लॉट का ऑप्शन दिया जाएगा जिसके मुताबिक आप शेड्यूल करा सकते हैं। इस एप पर कार्ड, नेटबैंकिंग या कैश ऑन डिलिवरी सेवा से भुगतान किया जा सकता है।     –

अब ई-वॉलेट से भगवान महाकाल को करें दान

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उज्जैन। भगवान महाकाल के पास भी अब मोबाइल है। अवंतिकानाथ 9479547645 नंबर के जरिए देश-विदेश के भक्तों से सीधे जुड़ गए हैं। चौंकिएगा नहीं, दरअसल मंदिर प्रबंध समिति ने यह सिम ई-वॉलेट के माध्यम से दान लेने के लिए खरीदी है।
सहायक प्रशासक प्रीति चौहान ने बताया देश-विदेश के भक्तों की इच्छा थी कि वे ई-वॉलेट के जरिए मंदिर में दान करें। भक्त भावना को देखते हुए मंदिर समिति ने पेटीएम के माध्यम से दान लेने की शुरुआत की है। इसके लिए बीएसएनएल के माध्यम से महाकाल मंदिर समिति के नाम से सिम खरीदी गई। इसके बाद पेटीएम ने 9479547645 नंबर पर मंदिर का अकाउंट लिंकअप कर ई-वॉलेट की सुविधा प्रारंभ कर दी। श्रद्धालुओं ने गुरुवार शाम से पेटीएम द्वारा दान की शुरुआत भी कर दी है।
पहले दिन आया 1200 का दान
पेटीएम के इंदौर रीजनल हेड अचल शर्मा ने बताया पहले दिन मंदिर को पेटीएम के जरिए 1203 रुपए दान प्राप्त हुए हैं। एक हजार रुपए स्वयं अचल शर्मा ने दान किए हैं, जबकि पेटीएम के तीन अन्य कर्मचारी जितेंद्र सोनी ने 101, अभिषेक चौरसिया ने 51 और निखिल त्रिपाठी ने 51 रुपए का मोबाइल से दान किया है।
मंदिर के बाहर सुविधा
रीजनल हेड शर्मा ने बताया- कोई भक्त मोबाइल के जरिए पेटीएम से सीधे महाकाल के खजाने में दान कर सकता है। जो भक्त मंदिर में आकर दान करना चाहते हैं उनके लिए पुलिस चौकी के पास दो काउंटर उपलब्ध हैं। मंदिर के अंदर मोबाइल प्रतिबंधित है, इसलिए मंदिर के बाहर स्थित काउंटरों पर इसकी शुरुआत की गई है।

EPFO ने वापस लिया वेज सीलिंग बढ़ाने का प्रपोजल

दिल्ली । कर्मचारी भविष्‍य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने मौजूदा वेज सीलिंग 15,000 रुपए को बढ़ा कर 25,000 रुपए करने का प्रस्‍ताव वापस ले लिया है। ट्रेड यूनियनों का कहना है कि वित्‍त मंत्रालय के दबाव में ईपीएफओ ने यह फैसला किया है। इससे 1 करोड़ कर्मचारियों को पीएफ बेनिफिट नहीं मिल पाएगा। सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्‍टी के एजेंडे में था प्रपोजल 
ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस के जनरल सेक्रेटरी और सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्‍टी (सीबीटी) के मेंबर बीएल सचदेवा ने  बताया वेज सीलिंग बढ़ा कर 25,000 रुपए करने का प्रस्‍ताव 30 मार्च को हुई सीबीटी बैठक के एजेंड में था। उस बैठक में इस प्रस्‍ताव पर कोई फैसला नहीं हो पाया था। लेकिन बुधवार को हुई सीबीटी की बैठक वेज सीलिंग बढ़ाने का प्रस्‍ताव नहीं था। वित्‍त मंत्रालय के दबाव में ईपीएफओ ने यह प्रस्‍ताव वापस लिया है।
वेज सीलिंग बढ़ने से वित्‍त मंत्रालय पर बढ़ेगा आर्थिक बोझ ईपीएफ के तहत मौजूदा वेज सीलिंग 15,000 रुपए है। यानी 15,००० रुपए बेसिक सैलरी और डीए वाले कर्मचारियों को पीएफ बेनेफिट देना जरूरी है। वेज सीलिंग बढ़ कर 25,000 रुपए हो जाने से लगभग 1 करोड़ अतिरिक्‍त कर्मचारी पीएफ के दायरे में आए जाएंगे। केंद्र सरकार ईपीएफओ की पेंशन स्‍कीम में 1.16 फीसदी कंट्रीब्‍यूट करती है। यानी उसे 1 करोड़ अतिरिक्‍त कर्मचारियों के पेंशन फंड में 1.16 फीसदी का योगदान देना होगा। ट्रेड यूनियंस ने जताई नाराजगी बीएल सचदेवा का कहना है कि सीबीटी के एजेंड में काफी समय के बाद इम्‍प्‍लॉइज के लिए कोई प्रपोजल आया था। वित्‍त मंत्रालय के दबाव में ईपीएफओ ने इसे भी वापस ले लिया है। ऐसे में इम्‍प्‍लॉइज के हितों की रक्षा को लेकर सीबीटी की प्रतिबद्धता पर सवाल उठते हैं । …

इस वर्ष नीट-यूजी के लिए सर्वाधिक 11.35 लाख विद्यार्थी पंजीकृत

मेडिकल का फाइनल : सीबीएसई वेबसाइट पर आज से जारी होंगे प्रवेश पत्र। 24 शहरों में बढ़ाए परीक्षा केंद्र। गवर्नमेंट व प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों की 67 हजार एमबीबीएस व बीडीएस सीटों के लिए सबसे बड़ा इम्तिहान

-अरविंद

कोटा।  7 मई को होने वाली मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट,यूजी-2017 के प्रवेश पत्र सीबीएसई द्वारा 15 अप्रैल को जारी होंगे। परीक्षार्थी वेबसाइट  www.cbseneet.nic.in पर लॉग इन करके शनिवार से   अपने प्रवेश पत्र डाउनलोड कर सकेंगे। मेडिकल की यह सबसे बड़ी राष्ट्रीय पा़त्रता व प्रवेश परीक्षा 104 शहरों के 2200 परीक्षा केंद्रों पर होगी। राज्य में कोटा,जयपुर, उदयपुर, अजमेर सहित अब जोधपुर में भी नीट के परीक्षा केंद्र होंगे। इस वर्ष परीक्षार्थियों की सर्वाधिक संख्या को देखते हुए सीबीएसई ने 80 शहरों को बढ़ाकर 104 शहरों में में परीक्षाकेंद्र आवंटित किए हैं। इस वर्ष नीट-2017 में 11 लाख से अधिक परीक्षार्थी पंजीकृत होने से सीबीएसई ने 24 अन्य शहरों में परीक्षा केंद्र बढ़ा दिए। अब देश के 104 शहरों के 2200 परीक्षा केंद्रों पर 11 लाख से अघिक परीक्षार्थी पेपर देंगे। 31 मार्च को सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार 25 वर्ष से अधिक उम्र के विद्यार्थी भी नीट-2017 में पात्र होंगे, इसलिए इस वर्ष रिपीटर्स स्टूडेंट्स की संख्या ज्यादा रहेगी। 10 लैंग्वेज में होगा पेपर नीट-यूजी,2017 में 7 मई को सुबह 10 से 1 बजे तक होने वाला ऑफलाइन पेपर 10 भाषाओं हिंदी, इंग्लिश, गुजराती, मराठी, बंगाली, उड़िया, तेलुगु, तमिल, कन्नड़ एचं असमेस में होगा। अगले वर्ष से यह पेपर उर्दू में होगा। हिंदी व इंग्लिश के पेपर देश के सभी परीक्षा केंद्रों पर उपलब्ध होंगे। जबकि अन्य भाषाओं के पेपर संबंधित राज्यों में दिए जाएंगे। सभी परीक्षा केद्रों पर प्रातः 7.30 से 9.30 बजे तक परीक्षार्थियों को जांच के बाद प्रवेश की अनुमति दी जाएगी। परीक्षार्थियों को प्रवेश पत्र, आधार कार्ड एवं स्वयं का पासपोर्ट साइज का फोटो साथ ले जाना होगा। एक पोस्टकार्ड साइज का फोटो अपने साथ निर्धारित फॉरमेट पर चस्पा करके ले जाएं। बॉल पाइंट पेन परीक्षा केंद्र पर ही दिया जाएगा। सीटें बढ़कर 67 हजार हुईं केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री फगल संह कुलास्ते ने घोषणा की है कि देश के 58 मेडिकल कॉलेजों को इस वर्ष अपग्रेड किया जाएगा, जिससे 2017 में उनमें 10 हजार सीटों की वृद्धि होगी। वर्तमान में 57 हजार सीटों में से 28 हजार सीटें गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेजों तथा 29 हजार सीटें प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में हैं। इनकी संख्या बढ़कर 67 हजार हो जाएगी। इन सीटों पर नीट-यूजी, 2017 की मेरिट से एडमिशन दिए जाएंगे। 15 प्रतिशत सीटें ऑल इंडिया मेरिट एवं शेष 85 प्रतिशत राज्य कोटा से होंगे। 
  • नीट-यूजी, 2017 एक नजर में –
  • 7 मई ,2017 को नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेस टेस्ट (नीट)
  • 11,35,104 कुल पंजीकृत परीक्षार्थी
  • 15 अप्रैल से ऑनलाइन प्रवेश पत्र
  • 3.33 लाख रु (41.42 प्रतिशत) परीक्षार्थी बढे़
  • 8.02 लाख परीक्षार्थी थे नीट-2016 में
  • 104 शहरों में 2200 से अधिक परीक्षा केंद्र
  • 10 भाषाओं में होगी प्रवेश परीक्षा
  • 8 जून को आएगा रिजल्ट
  • 15 प्रतिशत सीटों के लिए जारी होगी ऑल इंडिया मेरिट सूची
  • 4 गुना मेडिकल सीटों के लिए रहेगी प्रतीक्षा सूची। 
  • प्रवेश पत्र के लिए यहां क्लिक करें

     

मोदी ने किया भीम आधार प्लेटफॉर्म लॉन्च, क्या है खास

कोटा  ।  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मर्चेंट्स के लिए BHIM-Aadhaar प्लैटफॉर्म लॉन्च कर दिया है। अब तक BHIM ऐप को फंड ट्रांसफर के लिए ही इस्तेमाल कर सकते थे मगर अब इसकी मदद से दुकानों और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में पेमेंट भी की जा सकेगी। बायोमीट्रिक आधारित यह पेमेंट सिस्टम अंगूठे के इंप्रेशन के आधार पर पेमेंट करने की सुविधा देता है। इस ऐप की मदद से वे लोग भी कैशलेस ट्रांजैक्शंस कर सकते हैं, जिनके पास मोबाइल फोन नहीं है।
मर्चेंट्स के लिए लाया गया यह आधार
पे पेमेंट प्लैटफॉर्म, जो ग्राहकों के लिए भी फायदेमंद है…सबसे पहली बात तो यह है कि BHIMAadhaar कोई अलग नया ऐप नहीं है बल्कि एक प्लैटफॉर्म है। इस मर्चेंट पेमेंट प्लैटफॉर्म को BHIM App के अंदर ही ऐड किया गया है। कई बैंक पहले ही ‘आधार पे’ वाले अपने खास ऐप लॉन्च कर चुके हैं। अब इस प्लैटफॉर्म को BHIM App के अंदर इंटिग्रेट किया गया है। अगर आपको BHIM ऐप में यह ऑप्शन नहीं दिख रहा तो उसे अपडेट करें।
क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड फीस का अंत
BHIMAadhaar का सबसे बड़ा फायदा यह है कि मर्चेंट्स को इसके लिए MDR नहीं देना होगा। MDR या मर्चेंट डिस्काउंट रेट बैंकों द्वारा लिया जाने वाला वह चार्ज होता है जिसे मर्चेंट्स से क्रेडिट या डेबिट कार्ड सर्विस मुहैया करवाने के बदले लिया जाता है।
स्मार्टफोन के बिना कैशलेस ट्रांजैक्शंस
Aadhaar Pay दरसअल आधार एनेबल्ड पेमेंट सिस्टम (AEPS) का मर्चेंट वर्जन है। इससे उन लोगों को फायदा होगा जिनके पास डेबिट कार्ड, मोबाइल वॉलिट या मोबाइल फोन नहीं हैं। इस प्लैटफॉर्म का फायदा यह है कि ग्राहकों को पेमेंट्स के लिए डेबिट या क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल करने की जरूरत नहीं होगी। इससे अन्य पेमेंट ऐप्स या POS मशीनों की भी जरूरत नहीं रहेगी।
बैंक खातों से आधार का जुड़ा होना जरूरी
पेमेंट करने के लिए यूजर्स को पासवर्ड या ऐप की जरूरत नहीं होती है मगर उनका आधार नंबर उनके बैंक खातों से जुड़ा होना चाहिए। ऐसा होने पर ही पेमेंट की जा सकती है।
ऐसे करेगा काम
मर्चेंट्स को गूगल प्ले स्टोर से BHIM ऐप डाउनलोड करना होगा। इसमें उन्हें मेन्यु में जाकर I am A Merchant पर जाकर डीटेल्स डालनी होंगी। फोन के साथ उन्हें एक बायोमीट्रिक स्कैनर जोड़ना होगा और उसे ऐप से लिंक करना होगा।
जब किसी ग्राहक को पेमेंट करनी होगी तो उसे सिर्फ अपना आधार नंबर ऐप पर डालना होगा और उस बैंक को चुनना होगा जिसके खाते से पेमेंट करनी है। इसके बाद बायोमीट्रिक स्कैनर फिंगरप्रिंट को स्कैनर करके वेरिफिकेशन करेगा।

जीएसटी में माल ढुलाई के लिए लेना होगा ई-वे बिल

नई दिल्ली। जीएसटी लागू होने के बाद 50,000 रुपए से ज्यादा मूल्य वाले माल की ढुलाई करने के लिए इसका ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा। इसके बाद “ई-वे बिल” मिलेगा। टैक्स चोरी रोकने के लिए कर अधिकारी माल के परिवहन के दौरान रास्ते में कहीं भी इसकी जांच कर सकेंगे।इन सामानों को ट्रांसपोर्ट करने के लिए अधिकतम 15 दिन का समय दिया जाएगा। इस नई व्यवस्था से ट्रांसपोर्टरों को खासतौर पर राहत मिलेगी। सरकार ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को इस साल पहली जुलाई से लागू करने का लक्ष्य तय किया है।केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीईसी) ने इस संबंध में नियम जारी किए हैं। इसमें कहा गया है कि 50 हजार रुपए से ज्यादा की बिक्री उसको एक से दूसरी जगह ले जाने से पहले कारोबारियों को इलेक्ट्रॉनिक वे यानी ई-वे बिल के लिए रजिस्ट्रेशन कराना होगा। जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन) बेबसाइट पर पंजीकरण के बिना राज्य के भीतर और बाहर सामान ले जाने पर रोक रहेगी। जीएसटीएन पर ई-वे बिल एक से लेक 15 दिनों के लिए मिलेगा। यह समय इस आधार पर दिया जाएगा कि माल को कितनी दूरी तक ले जाना है। सौ किलोमीटर तक की दूरी के लिए एक दिन का समय मिलेगा। अगर सामान को 1,000 किलोमीटर से ज्यादा दूर ले जाना है तो 15 दिन का समय दिया जाएगा।मसौदा नियमों के मुताबिक कॉमन पोर्टल पर ई-वे बिल जनरेट होने के बाद सप्लायर, माल पाने वाले और ट्रांसपोर्टर को एक अनूठा ई-वे बिल नंबर उपलब्ध कराया जाएगा। ड्रॉफ्ट नियमों के अनुसार ट्रांसपोर्टर या माल ढुलाई करने वाले व्यक्ति को रसीद या सप्लाई बिल अथवा डिलीवरी चालान के साथ ही ई-वे बिल की कॉपी या इसका नंबर साथ में रखना होगा। इसे या तो बिल के रूप में रखा जाएगा या वाहन में रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन डिवाइस (आरएफआइडी) लगा होने पर इलेक्ट्रॉनिक मोड में रखा सकता है। जांच और कार्रवाई कर सकेंगे अफसर इन नियमों में टैक्स कमिश्नर या उसकी ओर से अधिकृत किसी अधिकारी को परिवहन के दौरान कहीं भी इस सामान की जांच करने का अधिकार होगा। इस दौरान अधिकारियों को ई-वे बिल की हार्ड कॉपी या इलेक्ट्रॉनिक मोड में इसे दिखाना होगा।यह जांच राज्य के भीतर या बाहर कहीं भी की जा सकेगी। टैक्स चोरी की सूचना मिलने पर यह काईवाई की जाएगी। जांच करने वाले अधिकारी को 24 घंटे के भीतर इसकी रिपोर्ट विभाग में देनी होगी।वहीं अगर कर अधिकारी वाहन को आधा घंटे से ज्यादा देर के लिए रोकते हैं, तो ट्रांसपोर्टर इसकी सूचना जीएसटीएन सर्वर पर दे सकता है। इस सूचना को अपलोड करने के लिए ट्रांसपोर्टर को निर्धारित फॉर्म का इस्तेमाल करना होगा। देनी होंगी कई अहम जानकारियां इन ई-वे बिल में खुद जांच करने की व्यवस्था भी होगी जहां पंजीकृत सप्लायर को पहले ही सरकार को परिवहन किए जा रहे सामान की लोकेशन बतानी होगी। विशेषज्ञों का कहना है कि कंसाइनर को ई-वे बिल के लिए रजिस्ट्रेशन कराते वक्त सामान भेजने और पाने वाले का नाम व पता देना होगा। इसके अलावा उसे माल का ब्योरा, इसकी कीमत और वजन की जानकारी भी देनी होगी।

बाहर खाना-पीना अब होगा और सस्ता

नई दिल्ली । मोदी सरकार ने होटल और रेस्टॉरेंट में खाना खाने वालों को एक खुशखबरी दे दी है। अब बाहर खाने पर बिल में जुड़ने वाले सर्विस चार्ज को नहीं देना पड़ेगा। सरकार ने सभी होटल और रेस्त्रां मालिकों से सर्विस चार्ज नहीं वसूलने के लिए एडवायजरी जारी कर दी है। केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने इसकी घोषणा की। इससे पहले जनवरी में भी सरकार की तरफ से उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने कहा था कि होटल,कंपनी और रेस्‍त्रां चलाने वाले सर्विस चार्ज देने के लिए ग्राहकों को बाध्य नहीं कर सकेंगे। केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि कोई भी कंपनी, होटल या रेस्‍त्रां ग्राहकों से जबर्दस्ती सर्विस चार्ज नहीं वसूल सकता। मंत्रालय ने सभी राज्य सरकारों से कहा है कि वह कंपनियों, होटलों और रेस्‍त्रां को इस बारे में सचेत कर दें। गौरतलब है कि अलग-अलग टैक्सों के अलावा बिल में सर्विस चार्ज लगा हो तो इसका भुगतान पहले से ही वैकल्पिक था, लेकिन होटलों और रेस्टोरेंट वालों ने इसे जरूरी बना दिया था और ग्राहक की मर्जी के बिना वह सर्विस चार्ज वसूल रहे थे। मंत्रालय को शिकायतें मिलीं तो उसने स्पष्टीकरण जारी किया। उपभोक्ताओं ने कई शिकायतें की हैं कि होटल और रेस्‍त्रां टिप्स के रूप में 5 से 20 प्रतिशत तक ‘सर्विस चार्ज’ लगाते हैं जिसका भुगतान करने का दबाव उपभोक्ताओं पर बनाया जाता है, जिसका सर्विस की कैटिगरी से कोई लेना-देना नहीं होता है।’ वैकल्पिक भी नहीं होगा सर्विस चार्ज इस स्पष्टीकरण में कहा गया है कि बिल में टैक्स जोड़ने के बाद सर्विस चार्ज नहीं लगाया जा सकता है क्योंकि यह टैक्स नहीं है बल्कि एक प्रकार की टिप है। यानी, अगर उपभोक्ता को लगे कि उसे मिली सेवा से वह पूर्णतः संतुष्ट है तो वह सर्विस चार्ज दे, वरना वह सर्विस चार्ज के रूप में एक रुपया भी न दे। साथ ही मंत्रालय ने राज्य सरकारों को निर्देश दिया है कि वो होटलों से कहें कि वो उचित जगह पर इसकी जानकारी चिपका दें कि सर्विस चार्ज का भुगतान पूरी तरह ग्राहक की मर्जी पर निर्भर करता है, इसमें कोई जोर-जबर्दस्ती नहीं हो सकती।

इन कारों पर है इस माह बंपर छूट

अगर आप अप्रैल महीने में कार लेने की योजना बना रहे हैं, तो संभव है, यह जानकारी आपके फायदे की हो। देशभर की डीलरशिप्स में इस महीने के डिस्काउंट ऑफर्स पर आइए डालें एक नजर – Chevrolet Beat चूंकि शेवर्ले बीट का नया वर्शन आने ही वाला है, कंपनी वर्तमान बीट के स्टॉक को जल्द से जल्द क्लियर करने के मूड में दिख रही है। इसमें आपको 65,000 रुपये तक का डिस्काउंट ऑफर मिल सकता है। Volkswagen Polo फोक्सवैगन पोलो की घटती सेल्स को देखते हुए कंपनी इस पर 50,000 तक के डिस्काउंट ऑफर्स दे रही है। खबर तो यहां तक है कि अपनी प्रतिद्वंद्वी बलेनो और आई20 से टक्कर लेने के लिए पोलो पर 45,000-75,000 तक का डिस्काउंट दिया जा सकता है। Toyota Etios Liva लीवा का सीधा मुकाबला स्विफ्ट और ग्रैंड आई10 से है। ठीक-ठाक स्पेस और पेट्रोल व डीजल वैरिअंट्स, दोनों में आ रही लीवा पर भी 50,000 तक का डिस्काउंट दिया जा रहा है। Datsun Redigo दैटसन की 800 सीसी पावर वाली हैचबैक रेडिगो पर आपको 35,000 रुपये तक का डिस्काउंट दिया जा रहा है। onda Amaze होंडा की पॉप्युलर सिडान अमेज पर भी 65,000 रुपये तक का डिस्काउंट ऑफर है। अमेज की प्रतिद्वंद्वी डिजायर, एमियो और जेस्ट हैं। यह पेट्रोल, डीजल दोनों वैरिअंट्स में उपलब्ध है। Innova Crysta टोयोटा की ‘सबसे चहेती’ कार इनोवा क्रिस्टा पर लगभग 35,000 रुपये के डिस्काउंट ऑफर का लाभ उठाया जा सकता है। क्रिस्टा भी पेट्रोल, डीजल व डीजल ऑटोमैटिक वैरिअंट्स में उपलब्ध है।