5G स्पेक्ट्रम के लिए दूसरे दिन 1.49 लाख करोड़ रुपये की बोलियां मिलीं

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नई दिल्ली। देश में पांचवीं पीढ़ी (5जी) के स्पेक्ट्रम की नीलामी के लिये बुधवार को दूसरे दिन 1.49 लाख करोड़ रुपये की बोलियां आईं। बिक्री बृहस्पतिवार को भी जारी रहेगी।मुकेश अंबानी, सुनील भारती मित्तल और गौतम अडाणी की कंपनियों के साथ-साथ वोडाफोन आइडिया ने बोली के पहले दिन मंगलवार को 1.45 लाख करोड़ रुपये की बोली लगायी थी। बुधवार को पांच दौर की नीलामी में रेडियो तरंगों की अतिरिक्त मांग आई।

इससे पहले, मंगलवार को दूरसंचार मंत्रालय ने 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी शुरू की। पहले दिन चार राउंड में कंपनियों ने अनुमानों से अधिक 1.45 लाख करोड़ रुपये की बोली लगाई। सरकार की ओर से बाताया गया है कि नीलामी के पहले दिन हुए चार राउंड की बिडिंग में सरकार को 1.45 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के स्पेक्ट्रम के लिए बोलियां मिली हैं।
पहले दिन की स्पेक्ट्रम नीलामी के बाद केंद्रीय दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि भारत में हो रही पहली नीलामी में पहले ही दिन कांपनियों की ओर से लगाई गई बोलियों ने 1.45 लाख का आंकड़ा छू लिया है।

दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि दूसरे दिन की नीलामी समाप्त हो गयी है और यह बृहस्पतिवार को जारी रहेगी। उन्होंने कहा, ‘‘नीलामी में बोली में रखे गये सभी बैंड के लिये अच्छी प्रतिस्पर्धा देखने को मिली नौवें दौर की बोली की समाप्ति पर 1,49,454 करोड़ रुपये की बोलियां आईं।’’ विश्लेषकों ने कहा कि बोली में शामिल कंपनियों में अंबानी की रिलायंस जियो सबसे आक्रमक तरीके से बोली लगा सकती है।

नीलामी प्रक्रिया में तीन बड़े मोबाइल सेवादाताओं के अलावा अदाणी समूह की अदाणी डेटा नेटवर्क्स भी हिस्सा ले रही है। अदाणी ग्रुप के अलावा रिलायंस जियो, भारती एयरटेल, वोडाफोन आइडिया भी स्पेक्ट्रम्स की बोली लगाएंगे। इस नीलामी में कुल 72 गीगाहर्ट्ज एयरवेव की बोली लगेगी।

20 साल के लिए स्पेक्ट्रम की नीलामी: नीलामी में 72,097.85 मेगाहर्ट्ज के स्पेक्ट्रम की 20 साल के लिए बोली लगेगी। जिन स्पेक्ट्रम फ्रीक्वेंसी के लिए नीलामी हो रही है, उनमें 600 MHz, 700 MHz, 800 MHz, 900 MHz, 1800 MHz, 2100 MHz, 2300 MHz, 3300 MHz और 26 गीगाहर्ट्ज (GHz) के बैंड शामिल हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ज्यादातर टेलीकॉम सेवा प्रदाता मध्य और उच्च बैंड वाले स्पेक्ट्रम के लिए बोली लगाएंगे, ताकि देश में 4G से करीब 10 गुना ज्यादा स्पीड और क्षमता वाली सेवाओं को उतारा जा सके।