विदेशी निवेशकों ने अगस्त में अब तक शेयर बाजार से 17924 करोड़ रुपए निकाले

0
7

नई दिल्ली। अगस्त 2025 के पहले हफ्ते में फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टमेंट (FPI) ने भारतीय शेयर बाजार से करीब 17,924 करोड़ रुपये की भारी-भरकम राशि निकाल ली है। यह जानकारी डिपॉजिटरी के आंकड़ों से सामने आई है। इस साल यानी 2025 में अब तक FPI ने शेयर बाजार से कुल 1.13 लाख करोड़ रुपये निकाले हैं।

एक्सपर्ट्स का कहना है कि अमेरिका और भारत के बीच बढ़ते व्यापारिक तनाव, कंपनियों के पहले तिमाही के निराशाजनक नतीजे और भारतीय रुपये में कमजोरी इसके मुख्य कारण हैं।

पिछले कुछ महीनों में FPI का रुख भारतीय बाजार के प्रति उतार-चढ़ाव भरा रहा है। जुलाई में भी विदेशी निवेशकों ने 17,741 करोड़ रुपये की निकासी की थी। हालांकि, मार्च से जून के बीच तीन महीनों में उन्होंने 38,673 करोड़ रुपये का निवेश किया था।

लेकिन अगस्त में एक बार फिर से बाजार में बिकवाली का माहौल बन गया। मॉर्निंग स्टार इनवेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के एसोसिएट डायरेक्टर हिमांशु श्रीवास्तव ने बताया कि अमेरिका-भारत व्यापार तनाव, कमजोर कॉरपोरेट नतीजे और रुपये की गिरावट ने निवेशकों का भरोसा डगमगाया है।

1 अगस्त से अमेरिका ने भारतीय सामानों पर 25 फीसदी टैरिफ लागू किया था, जिसे इस हफ्ते और 25 फीसदी बढ़ा दिया गया। इस कदम ने भारतीय शेयर बाजार को हिलाकर रख दिया और FPI ने भारी बिकवाली शुरू कर दी।

एंजल वन के सीनियर फंडामेंटल एनालिस्ट वकरजावेद खान ने बताया कि अमेरिकी टैरिफ के साथ-साथ अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड में बढ़ोतरी ने भी विदेशी निवेशकों को ट्रेजरी की ओर आकर्षित किया है। इससे भारतीय शेयर बाजार में उनकी रुचि कम हुई है।

खान ने यह भी कहा कि आने वाले हफ्तों में टैरिफ और व्यापार वार्ताएं निवेशकों के मूड को तय करने में अहम भूमिका निभाएंगी। उनका मानना है कि FPI का रुख अभी ‘जोखिम से बचने’ वाला बना रहेगा।

इस दौरान FPI ने डेट मार्केट में कुछ निवेश किया है। आंकड़ों के मुताबिक, उन्होंने डेट जनरल लिमिट में 3,432 करोड़ रुपये और डेट वॉलेंटरी रिटेंशन रूट में 58 करोड़ रुपये का निवेश किया। लेकिन शेयर बाजार में उनकी बिकवाली ने भारतीय बाजार की चिंताएं बढ़ा दी हैं।