महिलाओं में यूरिन इन्फेक्शन के लक्षण, कारण और उपचार

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कोटा। मूत्र मार्ग संक्रमण (मूत्र पथ संक्रमण या यूटीआई) सूक्ष्मजीवों (बिना माइक्रोस्कोप के न दिखने वाले जीव) से होने वाला संक्रमण है। अधिकांश यूटीआई बैक्टीरिया के कारण होते हैं लेकिन कभी कभी यह फंगस और वायरस द्वारा भी फैलता है। यह मनुष्यों में होने वाला सबसे आम संक्रमण है।

यूटीआई आपके मूत्र मार्ग में कहीं भी हो सकता है। मूत्र मार्ग से तात्पर्य गुर्दे (Kidneys), मूत्रवाहिनी (Ureters), मूत्राशय (Bladder) और मूत्रमार्ग (Urethra) आदि से है। निचले मूत्र मार्ग संक्रमण (lower tract UTI) में मूत्राशय और मूत्रमार्ग तथा ऊपरी हिस्से में मूत्रवाहिनी और गुर्दे प्रभावित होते हैं। हालांकि निचले हिस्से का मूत्र मार्ग संक्रमण अधिक आम और गंभीर है।

बच्चों की तुलना में वयस्कों में यूरिन इन्फेक्शन अधिक होता है। पुरुषों की तुलना में यह संक्रमण लड़कियों और महिलाओं में ज्यादा होता है। इसका कोई प्रत्यक्ष कारण नहीं है लेकिन जननांगों की संरचना (मूत्रमार्ग का आकार में छोटा होना) कहीं न कहीं इसके लिए उत्तरदायी है। लगभग 40% महिलाओं और 12% पुरुषों को उनके पूरे जीवनकाल में कभी न कभी यूरिन इन्फेक्शन होता है।

यूरिन इन्फेक्शन (यूटीआई) के प्रकार
मूत्र मार्ग संक्रमण : मूत्र तंत्र के किसी भी हिस्से में होने वाला संक्रमण है। इन्हें इनकी स्थिति के आधार पर निम्नलिखित भागों में विभाजित किया गया है :

मूत्राशय का संक्रमण : यह मूत्राशय के भीतर होने वाला बैक्टीरियल संक्रमण है। कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों में यीस्ट भी मूत्राशय के संक्रमण (Bladder infection) का कारण है।

यूरेथ्राइटिस:यह भी बैक्टीरिया के कारण होने वाला संक्रमण है। इसमें मूत्रमार्ग (मूत्राशय से मूत्र को बाहर निकालने वाली नाली) में सूजन होने की वजह से मूत्र त्यागने में दर्द का अनुभव होता है।

पाइलोनेफ्राइटिस या गुर्दा संक्रमण :यह किडनी इन्फेक्शन गंभीर रूप से होने वाला संक्रमण है जिसमें अस्पताल में भर्ती करने की आवश्यकता पड़ सकती है। इसमें बुखार, पेशाब में खून और श्रोणि (Groin) में दर्द होता है। गर्भवती महिलाओं को यह संक्रमण होने की सम्भावना अधिक होती है। मूत्रवाहिनी (Ureters) में यह संक्रमण बहुत कम होता है।

निचले मूत्र मार्ग संक्रमण के लक्षण

  • मूत्राशय में संक्रमण (Bladder Infection) होने पर मूत्रमार्ग और मूत्राशय की परत में सूजन आ जाना।
  • पेशाब के दौरान दर्द या जलन [डिस्यूरिया (Dysuria)] महसूस होना।
  • बार बार पेशाब लगना या रात में पेशाब करने के लिए उठना [नॉक्टूरिया(Nocturia)] और बहुत कम मात्रा में मूत्र होना।
  • तत्काल पेशाब हो जाने का डर लगना।
  • बदबूदार, और खूनी पेशाब होना।
  • पेट के निचले हिस्से या पेल्विस में दर्द होना।
  • हल्का बुखार (101 फ़ारेनहाइट से कम) आना, ठंड लगना, और अस्वस्थ महसूस करना।

ऊपरी हिस्से में मूत्र पथ के संक्रमण लक्षण

  • काफी तेज बुखार (101 फ़ारेनहाइट से अधिक) आना।
  • ठंड से कंपकपी लगना।
  • जी मिचलाना।
  • उल्टी होना।
  • फ्लेंक दर्द यह शरीर के एक तरफ पेट के उपरी हिस्से और पीठ के बीच के क्षेत्र में होने वाला दर्द है। यह पसलियों के नीचे और श्रोणि के ऊपर एक ही ओर होता है।

इनके अलावा अन्य लक्षण

  • छोटे बच्चों में बुखार, पीलिया, उलटी, दस्त और चिड़चिड़ापन आदि लक्षण नज़र आते हैं।
  • बुज़ुर्गों में बुखार या हाइपोथर्मिया (Hypothermia), भूख न लगना, सुस्ती और मूड बदलना आदि।
  • गर्भवती महिलाओं में यूटीआई से संक्रमित होने की संभावनाएं अधिक होती हैं। अगर कोई महिला गर्भवती है, तो बच्चे के जन्म के पूर्व होने वाली जांचों (Prenatal visits) में उसके मूत्र का परीक्षण भी करते रहना चाहिए क्योंकि अगर संक्रमण का पता नहीं लग पाता है तो यह गर्भावस्था के के दौरान जटिलताओं का कारण बन सकता है।
  • मूत्र पथ के संक्रमण कभी कभी यौन संचारित रोग (sexually transmitted disease) भी हो सकता है। हालांकि कुछ लोगों में मूत्र पथ संक्रमण के कोई लक्षण प्रदर्शित नहीं होते।

यूटीआई (यूरिन इन्फेक्शन) के कारण

अधिकांश यूरिन इन्फेक्शन / यूटीआई संक्रमण ई-कोलाई (E. coli) बैक्टीरिया के कारण होते हैं। यह बैक्टीरिया आमतौर पर पाचन तंत्र में मौजूद रहता है। क्लैमाइडिया (Chlamydia) और माइकोप्लाज्मा (Mycoplasma) बैक्टीरिया से मूत्रमार्ग का संक्रमण होता है लेकिन ये मूत्राशय को संक्रमित नहीं कर सकते।

यूटीआई संक्रमण निम्न कारणों से होता है :

  • संभोग (विशेषकर यदि अधिक बार)।
  • शुगर (मधुमेह)।
  • अस्वच्छ रहने की आदत।
  • मूत्राशय को पूरी तरह से खाली न करना।
  • दस्त आना ।
  • मूत्र का अवरुद्ध प्रवाह।
  • पथरी।
  • गर्भनिरोधक का उपयोग।
  • गर्भावस्था।
  • रजोनिवृत्ति।
  • कमज़ोर प्रतिरक्षा प्रणाली
  • शुक्राणुनाशकों (Spermicides) और टेम्पॉन का उपयोग।
  • एंटीबायोटिक दवाओं का अधिक उपयोग।

यूरिन इन्फेक्शन (यूटीआई) का इलाज

  • यूटीआई का उपचार इसके कारण पर निर्भर करता है। डॉक्टर पहले इसके निदान के लिए जांच करवा कर इस बात की पुष्टि करेंगे कि आपको यूरिन इन्फेक्शन (मूत्र मार्ग संक्रमण) किस जीव की वजह से हुआ है।
  • ज्यादातर मामलों में, यह बैक्टीरिया के कारण होता है। बैक्टीरिया की वजह से हुये यूटीआई का इलाज एंटीबायोटिक दवाओं से किया जाता है।
  • कुछ मामलों में, यह वायरस या कवक (Fungi) के कारण भी होता है। वायरल यूटीआई का इलाज एंटीवायरल (Antiviral) दवाओं से किया जाता है। फंगल (Fungal) यूटीआई का इलाज एंटीफंगल (Antifungal) दवाओं से किया जाता है।
  • मूत्र मार्ग संक्रमण से पीड़ित लोगों को अधिक से अधिक तरल पदार्थ पीने की सलाह दी जाती है जिससे बार बार मूत्र त्याग करने से उनके शरीर से बैक्टीरिया निकल सकें। दर्द निवारक दवाओं का सेवन और पीठ तथा पेट में हीटिंग पैड से सिकाई करने से भी दर्द में आराम मिलता है। यूटीआई का इलाज करने के लिए अगर लापरवाही बरती गयी तो यह किडनी इन्फेक्शन भी कर सकता है।