नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार ने चालू वित्त वर्ष में 80,000 करोड़ रुपए के विनिवेश का लक्ष्य पूरा कर लिया है। चालू वित्त वर्ष 2018-19 में सरकार ने विनिवेश से अब तक 85,000 करोड़ रुपए जुटा लिए हैं। इसकी जानकारी वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को दी थी। इस लक्ष्य को पूरा करने में पाकिस्तानी का भी बड़ा सहयोग है।
चालू वित्त वर्ष में 85000 करोड़ रुपए के विनिवेश के लक्ष्य को पूरा करने में शत्रु शेयर का भी बड़ा सहयोग है। शत्रु शेयरों के जरिए सरकार ने 700 करोड़ रुपए जुटाए हैं। भारत में करीब 3000 करोड़ रुपए के शत्रु शेयर हैं। यह शेयर भारतीय शेयर बाजारों में पंजीकृत विभिन्न कंपनियों में हैं।
केंद्रीय कैबिनेट ने नवंबर 2018 में इन शत्रु शेयरों को बेचने का फैसला किया था। डिपार्टमेंट ऑफ इंवेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट की ओर से इन शेयरों को बेचा जा रहा है। इसी में से 700 करोड़ रुपए के शत्रु शेयरों को बेचा गया है।
इसके अलावा 85,000 करोड़ रुपए के विनिवेश के लक्ष्य को पूरा में सीपीएसई का भी बड़ा योगदान है। सीपीएसई के विनिवेश के जरिए सरकार को 10,600 करोड़ रुपए मिले हैं। केंद्र सरकार ने अगले वित्त वर्ष 2019-20 के लिए विनिवेश का लक्ष्य 90,000 करोड़ रुपए तय किया गया है।
क्या होता है शत्रु संपत्ति और शत्रु शेयर
बंटवारे के बाद पाकिस्तान में जा बसे लोगों और 1962 के युद्ध के बाद चीन चले गए लोगों की भारत में स्थित संपत्ति को शत्रु संपत्ति कहा जाता है। 1968 में संसद द्वारा पारित शत्रु संपत्ति अधिनियम के बाद इन संपत्तियों पर भारत संरकार का कब्जा हो गया था। तब से इन संपत्तियों की देखभाल गृह मंत्रालय कर रहा था। देश के कई राज्यों में शत्रु संपत्ति फैली हुई है।
2017 में सरकार ने शत्रु संपत्ति अधिनियम में बदलाव कर इन लोगों का संपत्ति से अधिकार खत्म कर दिया था। इसके अलावा पाकिस्तान और चीन जा बसे इन लोगों की ओर से भारतीय शेयर बाजारों में किए गए निवेश को शत्रु शेयर कहा जाता है। भारत में करीब 3000 करोड़ रुपए के शत्रु शेयर हैं।

