कोटा। होटल फेडरेशन ऑफ राजस्थान के अध्यक्ष हुसैन खान कोटा डिवीजन के अध्यक्ष अशोक माहेश्वरी, महासचिव संदीप पाडिया एवं मुख्य सलाहकार अनिल मूंदड़ा ने गत दिनो जयपुर में पर्यटन सचिव राजीव यादव से भेंट कर कोटा में होने वाले कोटा ट्रैवल मार्ट के बारे में विस्तृत चर्चा की।
होटल फेडरेशन राजस्थान कोटा डिवीजन के अध्यक्ष अशोक माहेश्वरी एवं महासचिव संदीप पाडिया ने कोटा में ट्रेवल मार्ट के पहले पर्यटन सचिव को कोटा में ट्रेवल मार्ट से संबंधित व्यवस्थाओं का जायजा लेने का आग्रह किया।
पर्यटन सचिव राजेश यादव ने प्रतिनिधिमंडल को बताया कि कोटा में ट्रेवल मार्ट को लेकर पर्यटन विभाग निरंतर कार्य की गति को आगे बढ़ा रहा है। शीघ्र ही इस दिशा में ठोस निर्णय होंगे।
उन्होंने कहा कि उनका कोटा में 2 वर्ष का कार्यकाल रहा है। कोटा में वर्तमान में बेहतरीन पर्यटन स्थल हैं। पयर्टन विभाग हाड़ौती को देश प्रदेश के पर्यटन मानचित्र पर लाने के लिए पूरी तरह से कटिबद्ध है। उन्होंने कहा कि कोटा ट्रैवल मार्ट की दिशा में निरंतर आगे बढ़ रहे हैं।
कोटा संभाग के अध्यक्ष अशोक माहेश्वरी एवं महासचिव संदीप पांडे ने पर्यटन सचिव से हाड़ौती में आरटीडीसी की होटलें जो बहुत ही अच्छी लोकेशन में है, उनका पुनःउत्थान एवं जीर्णोद्धार करके उन्हें पूर्ण रूप से विकसित करने का आग्रह किया। ताकि ट्रैवल मार्ट के दौरान आने वाले पर्यटकों के लिए ठहरने के लिए सबसे बेहतरीन होटलें साबित हों।
कोटा में आरटीडीसी की चंबल टूरिस्ट बंगला, बूंदी में वृंदावती होटल, झालावाड़ में चंद्रावती होटल जीर्णशीर्ण अवस्था में हैं। उन्होंने बांरा में आरटीडीसी की होटल एवं पर्यटन विभाग का कार्यालय खोले जाने की भी मांग की।
उन्होंने कहा ही सेंटर रिजर्वेशन ऑफिस की स्थापना यहां पर की जाए, ताकि बाहर से आने वाले पर्यटकों को हाड़ौती के पर्यटन स्थलों गाइड, ट्रांसपोर्टेशन की उचित जानकारी मिल सके। शाही रेलगाड़ी जो कोटा- बूंदी के रास्ते से गुजरती है, उसका कोटा- बूंदी में ठहराव किया जाए।
पांच वोल्वो बसें जयपुर, उदयपुर, अजमेर, दिल्ली, इन्दोर एवं अहमदाबाद से कोटा के लिए संचालित हो। कोटा को राज्य के अन्य पर्यटन स्थलों की आइटनरी में जोड़ा जाए। इतना ही नहीं हाड़ौती की अलग से एक आइटनरी बनाई जाए, जिससे पर्यटक सीधा हाड़ौती क्षेत्र में आ सके ।
पर्यटन सचिव राजेश यादव ने कहा कि पयर्टन विभाग राज्य के पूरे पर्यटन विकास को लेकर कार्य कर रहा है। राज्य में ट्रेवल मार्ट पर्यटन उत्सव व अन्य उत्सवों के माध्यम से उन संभागों पर जहां पर पर्यटन स्थलों की भरमार है और प्रचार प्रसार का अभाव है, उन संभागो के पर्यटन स्थलों को विकसित करने में लगे हुए हैं। ताकि उन क्षेत्रों का भी विकास हो सके।

