100 से अधिक छात्रों वाले संस्थान का रजिस्ट्रेशन जरूरी, नियम तोड़ने पर लगेगा जुर्माना
नई दिल्ली। राजस्थान विधानसभा के मानसून सत्र में बुधवार को हंगामे और तीखी बहस के बीच राजस्थान कोचिंग इंस्टीट्यूट कंट्रोल्ड एंड रेगुलेशन बिल 2025 पारित हो गया। लंबे समय से स्टूडेंट्स और अभिभावकों की मांग रही थी कि राज्य में कोचिंग संस्थानों पर लगाम लगाने के लिए ठोस कानून बने। आखिरकार सरकार ने इस बिल को सदन से पास करवा दिया।
बिल के प्रावधानों के अनुसार अब राज्य में कोई भी कोचिंग सेंटर एक बार में पूरी फीस नहीं ले सकेगा। अगर कोई छात्र बीच में पढ़ाई छोड़ता है, तो संस्थान को उसकी ट्यूशन और हॉस्टल फीस वापस करनी होगी। 100 से अधिक छात्रों वाले हर कोचिंग संस्थान को अनिवार्य रूप से रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। नियम तोड़ने पर पहली बार 50 हजार रुपए का जुर्माना और दोबारा उल्लंघन करने पर 2 लाख रुपए का जुर्माना लगेगा।
सबसे बड़ा प्रावधान यह है कि अगर कोई कोचिंग सेंटर मनमानी फीस वसूलता है, बच्चों पर दबाव बनाता है या कानून का उल्लंघन करता है, तो उसका रजिस्ट्रेशन रद्द किया जा सकता है। इतना ही नहीं, जरूरत पड़ने पर संस्थान की जमीन तक कुर्क की जा सकेगी। सरकार का कहना है कि इस बिल से स्टूडेंट्स और पैरेंट्स को बड़ी राहत मिलेगी और कोचिंग इंडस्ट्री में पारदर्शिता आएगी।
बिल के अनुसार हर जिले में 24 घंटे चलने वाला कॉल सेंटर स्थापित किया जाएगा। यहां कोचिंग सेंटर से जुड़ी शिकायतें दर्ज कराई जा सकेंगी। इसके अलावा जिला स्तर पर एक समिति भी बनेगी, जो इन शिकायतों का निवारण करेगी।
जिला समिति की अध्यक्षता कलेक्टर करेंगे। इसमें एसपी, शहरी निकाय के आयुक्त, सीएमएचओ, जिला शिक्षा अधिकारी, एडीएम प्रशासन और कलेक्टर द्वारा नामित सदस्य शामिल होंगे। इस समिति को सिविल कोर्ट जैसे अधिकार दिए जाएंगे। यही समिति कोचिंग सेंटर का रजिस्ट्रेशन जारी करेगी, उसका निरीक्षण करेगी और नियमों के उल्लंघन पर रिन्यूअल रोक सकेगी।
कोचिंग पर राज्य स्तर पर निगरानी रखने के लिए राजस्थान कोचिंग सेंटर प्राधिकरण का गठन किया जाएगा। इसके अध्यक्ष उच्च शिक्षा विभाग के प्रभारी सचिव होंगे। सदस्यों में स्कूल शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, मेडिकल एजुकेशन विभाग के सचिव, आईजी, कॉलेज शिक्षा आयुक्त, डीएलबी डायरेक्टर, एक साइकोलॉजिस्ट, वित्त विभाग से नामित सचिव, कोचिंग संस्थानों से दो प्रतिनिधि और अभिभावक समिति से दो सदस्य शामिल होंगे।
बिल पास होने से पहले सदन में जोरदार हंगामा हुआ। कांग्रेस विधायकों ने वॉकआउट किया। इस दौरान कांग्रेस और बीजेपी के बीच तीखी नारेबाजी हुई। वन मंत्री संजय शर्मा नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली की ओर आक्रामक अंदाज में बढ़ते नजर आए, हालांकि संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल और सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत ने उन्हें रोका।
इसी बीच विधानसभा ने राजस्थान आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) विधेयक भी पारित कर दिया। जयपुर की राजस्थान यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज (RUHS) को अब रिम्स में परिवर्तित किया जाएगा। सरकार इस बिल का अध्यादेश पहले ही ला चुकी थी। बिल पास होने के बाद विधानसभा की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी गई।
सरकार का दावा है कि इस कानून से अब कोचिंग संस्थानों में फीस, हॉस्टल और पढ़ाई से जुड़ी पारदर्शिता बढ़ेगी। छात्रों के लिए सुरक्षित माहौल बनेगा और उनकी शिकायतों का समाधान तुरंत होगा।

