एफपीआई ने पिछले 10 माह में अब तक ₹54 हजार करोड़ का निवेश किया

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नई दिल्ली। विदेशी निवेशक प्राथमिक बाजारों की जीवनरेखा के तौर पर कार्य कर रहे हैं और भारी निकासी के बीच इस बाजार में उनका निवेश बरकरार है। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने 2025 में भारत के प्राथमिक बाजारों में अब तक 54,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश किया है।

यह निवेश मुख्य रूप से आरंभिक सार्वजनिक निर्गमों (IPO) के जरिए हुआ। अगर यह महत्त्वपूर्ण निवेश नहीं होता तो इस साल इक्विटी से शुद्ध विदेशी निकासी 2 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकती थी।

अकेले अक्टूबर में एफपीआई ने एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया और टाटा कैपिटल (Tata Capital) जैसे प्रमुख आईपीओ के जरिये प्राथमिक निर्गमों में 10,096 करोड़ रुपये का निवेश किया। इस साल यह उनका दूसरा सबसे बड़ा मासिक निवेश है और जुलाई के बाद दूसरा सबसे बड़ा।

एफपीआई की गतिविधियों में उतार-चढ़ाव रहा है। पहले 10 महीनों में से केवल पांच में ही निवेश दर्ज किया गया है। लगातार तीन महीनों की भारी बिकवाली के बाद अक्टूबर में उछाल आई है।

हालांकि शुद्ध निवेश मामूली रहा, लेकिन इसने मार्च के बाद से शेयर बाजार में सबसे मजबूत मासिक तेजी लाने में मदद की, जिससे इस महीने बेंचमार्क सेंसेक्स और निफ्टी में अब तक करीब 5 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।

मार्च में दोनों सूचकांक लगातार पांच महीनों की गिरावट के बाद 6 फीसदी से ज्यादा चढ़े थे। विदेशी पूंजी की निरंतर वापसी के बिना भारतीय इक्विटी के 2025 में वैश्विक बाजारों में पिछड़ने की संभावना है।

एफपीआई का निवेश (करोड़ रुपये में)
महीनाप्राथमिक निवेशद्वितीयक निवेशकुल शुद्ध एफपीआई निवेश
जनवरी 20254,390-77,067-72,677
फरवरी 20256,645-53,244-46,599
मार्च 20252,0715,9818,052
अप्रैल 20259813,4174,398
मई 20254,9929,69014,683
जून 20253,69216,73220,424
जुलाई 202513,491-39,114-25,623
अगस्त 20254,085-41,907-37,822
सितंबर 20253,833-22,761-18,928
अक्टूबर 2025*10,0961,25911,355
कुल54,276-197,014-142,737