लोक सभा अध्यक्ष ने ली स्टेट लेवल बैंकिंग कमेटी की बैठक
कोटा। लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मंगलवार को स्टेट लेवल बैंकिंग कमेटी तथा विभिन्न बैंकों के पदाधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने कहा कि गत 8 जनवरी को आयोजित लोन महोत्सव के दौरान ऋण जारी करने के कार्य में जो गति आई थी, वह कुछ धीमी पड़ी है। बैंक के अधिकारी उदारता और संवेदनशीलता के साथ पात्र व्यक्तियों को ऋण जारी करें।
जिला परिषद में आयोजित बैठक में स्पीकर बिरला ने कहा कि लोन मेले के दौरान लोगों की बैंक अधिकारियों के प्रति धारणा बदली थी। लोग कहते थे कि बैंक अधिकारी अब खुद बुलाकर ऋण दे रहे हैं। लेकिन लोन मेले के बाद पीएम-स्वनिधि व पशुपालन लोन सहित अन्य ऋण योजनाओं में आवेदनों के निस्तारण की प्रगति अच्छी नहीं रही है। लोग अब ऋण आवेदनों को लेकर शिकायत करने लगे हैं, यह उचित नहीं है।
उन्होंने कहा कि अनेक ऋण आवेदनों को अनुचित बहाने बनाकर निरस्त किया जा रहा है। वरिष्ठजनों को उनकी उम्र का कारण बताकर द्धण जारी नहीं किए जा रहे। कई मामलों में बैंक के कार्यक्ष्ेात्र के बाहर का आवेदन बताकर निरस्त किया गया है। इस तरह के सभी मामलों में ऋण बहुत आसानी से जारी किए जा सकते थे। कुछ अधिकारी ऋण जारी नहीं करने की प्रवृत्ति से काम कर रहे हैं जो ठीक नहीं है।
उन्होंने कहा कि रिकॉर्ड बताता है कि पीएम-स्वनिधि ऋण के मामलों में एनपीए न के बराबर है। बैंक से छोटी सी राशि का ऋण नहीं मिलने पर गरीब व्यक्ति महंगी ब्याजदार पर पैसे लेता है जहां उसे शोषण का सामना करना पड़ता है। हमें उस गरीब व्यक्ति को आत्मनिर्भर बनने में और अपने पैरों पर खड़ा होने में सहायता करनी है।
आवेदक को बार-बार चक्कर नहीं कटवाएं
स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि किसी भी आवेदक को ऋण के लिए बार-बार चक्कर नहीं कटवाए जाएं। यदि कार्य की अधिकता है तो सप्ताह में एक दिन तय करें जिस दिन व्यक्ति अपने आवेदन के संबंध में अधिकारियों से मिल सके। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि बैंक आने वाले प्रत्येक व्यक्ति के साथ उचित व्यवहार हो।
फसल बीमा को लेकर भी जागरूक करें
स्पीकर बिरला ने बैंक अधिकारियों से फसल बीमा को लेकर भी किसानों को जागरूक करने की बात कही। उन्होंने कहा कि फसल बीमा पूरी तरह स्वैच्छिक है, इसका एक बोर्ड सभी बैंक शाखाओं में प्रदर्शित किया जाए ताकि किसानों को यह जानकारी मिल सके।
निजी बैंकों के प्रति जताई नाराजगी
बैठक के दौरान निजी बैंकों द्वारा पीएम-स्वनिधि, पशुपालन ऋण तथा अन्य योजनाओं के ऋण स्वीकृत नहीं करने, स्वीकृत करने के बाद भी राशि जारी नहीं करने को लेकर बिरला ने गंभीर नाराजगी जताई। उन्होंने जिला प्रशासन के अधिकारियों से कहा कि ऐसे बैंकों के खिलाफ उच्च स्तर पर शिकायत करें।

