वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय में सनातन और योग पर विचार गोष्ठी आयोजित
कोटा। वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय कोटा में सनातन एवं योग विषय पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम यूसोर्सी स्टूडियो और सनातन यूनिवर्स फिल्म प्रोजेक्ट के संयुक्त तत्वावधान में संपन्न हुआ।
कार्यक्रम के संयोजक विशाल उपाध्याय ने बताया कि इस गोष्ठी का उद्देश्य सनातन परंपरा और योग के परस्पर संबंधों को स्पष्ट करना और युवाओं को योग के प्रति प्रेरित करना था।
योग तनावमुक्त जीवन की कुंजी
गोष्ठी को संबोधित करते हुए भारतीय योग संस्थान के अध्यक्ष राजेश चतर ने कहा कि आज की व्यस्त जीवनशैली में योग न केवल मानसिक शांति प्रदान करता है, बल्कि जीवन को सरल और संतुलित भी बनाता है। उन्होंने कहा कि योग और सनातन एक-दूसरे के पूरक हैं, जो मानव जीवन को आध्यात्मिक ऊंचाई प्रदान करते हैं। उन्होंने विद्यार्थियों को प्रायोगिक योग क्रियाएं कराते हुए दैनिक अभ्यास का संकल्प भी दिलवाया।
आधुनिकता में योग की प्रासंगिकता
वीएमओयू पत्रकारिता विभाग के एचओडी प्रो. सुबोध कुमार ने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि आधुनिकीकरण की दौड़ में आज का युवा वर्ग योग और सनातन जैसे मूल्यों से दूर होता जा रहा है। उन्होंने कहा कि सनातन केवल एक धार्मिक अवधारणा नहीं, बल्कि जीवन के संतुलन की एक विज्ञान-सम्मत प्रणाली है, जिसे समझने और अपनाने की जरूरत है।
योग सनातन की अमूल्य देन
भूगोल विभागाध्यक्ष डॉ. आलोक चौहान ने अपने संबोधन में कहा कि योग, सनातन की ही देन है और इसका उद्देश्य मानवता को तनावमुक्त जीवन की ओर अग्रसर करना है। उन्होंने जोर दिया कि सनातन कोई धर्म नहीं, बल्कि संपूर्ण मानवता की जीवन पद्धति है, जो आत्मबोध, संयम और समरसता का संदेश देती है।
किन्नर समाज और सनातन परंपरा
मंगलमुखी नैना देवी ने अपने वक्तव्य में कहा कि शिव की आराधना ही योग है और किन्नर समाज का सनातन धर्म से प्राचीन काल से गहरा नाता रहा है। उन्होंने बताया कि आज किन्नर समाज भी सनातन संस्कृति और भारतीय मूल्यों के उत्थान के लिए समर्पित भाव से कार्य कर रहा है।
“सनातन धर्म और महायुद्ध” प्रोजेक्ट
डायरेक्टर रवि शर्मा ने अपने वक्तव्य में सनातन धर्म आधारित फिल्म “महायुद्ध” प्रोजेक्ट की जानकारी दी। उन्होंने छात्रों को प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम के माध्यम से पुरस्कृत किया, जिससे विद्यार्थियों में उत्साह और सहभागिता का संचार हुआ।

