Wholesale Inflation: अगस्त में थोक महंगाई दर बढ़कर 0.52 फीसदी हुईं

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नई दिल्ली। Wholesale Inflation: अगस्त में भारत की थोक मूल्य सूचकांक (WPI) पर आधारित महंगाई दर बढ़ गई है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की ओर से सोमवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक थोक मूल्य सूचकांक (WPI) आधारित महंगाई दर अगस्त में बढ़कर 0.52 फीसदी हो गई।

जुलाई में यह -0.58 फीसदी थी। अगस्त में महंगाई बढ़ने की वजह खाने-पीने के उत्पादों, विनिर्माण वस्तुओं, गैर-खाद्य पदार्थों, गैर-धातु खनिज उत्पादों और परिवहन उपकरणों की कीमतों में बढ़ोतरी रही।

रॉयटर्स के एक सर्वे में अनुमान लगाया गया था कि डब्ल्यूपीआई 0.30 प्रतिशत तक बढ़ सकती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि खाने-पीने की चीजों, खनिज तेलों, कच्चे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, और बुनियादी धातुओं के निर्माण की कीमतों में थोड़ी बढ़ोतरी हुई है।

क्यों हुई बढ़ोतरी?
सरकार ने कहा कि अगस्त 2025 में महंगाई दर में वृद्धि मुख्य रूप से खाद्य उत्पादों, अन्य विनिर्माण, गैर-खाद्य वस्तुओं, अन्य गैर-धातु खनिज उत्पादों और अन्य परिवहन उपकरणों आदि की कीमतों में वृद्धि के कारण है। इसका सीधा मतलब है कि इन चीजों के दाम बढ़ने से महंगाई बढ़ी है।

कच्चे तेल के दाम में गिरावट
थोक खाद्य महंगाई दर भी बढ़कर 0.21 प्रतिशत हो गई है। जुलाई में यह -2.15 प्रतिशत थी। यानी खाने-पीने की चीजों के दाम में गिरावट कम हुई है और अब वे थोड़े बढ़ गए हैं। प्राथमिक वस्तुओं के मामले में, अगस्त में महंगाई दर -2.10 प्रतिशत रही, जबकि पिछले महीने यह -4.95 प्रतिशत थी। यानी प्राथमिक वस्तुओं के दाम में गिरावट कम हुई है।