Turmeric Price: माल का स्टॉक कम होने से हल्दी की कीमतों में तेजी की संभावना

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नई दिल्ली। Turmeric Price: चालू सीजन में हालांकि सभी उत्पादक राज्यों में हल्दी की बुवाई का रकबा बढ़ा है, लेकिन हाजिर बाजार में माल का स्टॉक कम होने से आने वाले दिनों में कीमतों में तेजी की संभावना बनी हुई है। गौरतलब है कि पिछले कुछ समय से हल्दी का निर्यात कम होने और स्थानीय व्यापार कम होने से कीमतों में नरमी बनी हुई है, लेकिन उम्मीद है कि अगस्त से निर्यात बढ़ेगा और कीमतों में भी सुधार आएगा। चालू सप्ताह के दौरान हाजिर बाजारों के अलावा वायदा बाजार में भी हल्दी के भाव नरम बोले गए हैं।

जानकार सूत्रों का कहना है कि ज़्यादातर उत्पादक राज्यों में हल्दी की बुआई पूरी हो चुकी है। अब तक मिली जानकारी के अनुसार, मराठवाड़ा के अलावा सांगली लाइन और निज़ामाबाद लाइन पर 30/35 प्रतिशत ज़्यादा क्षेत्रफल में हल्दी की बुआई हो चुकी है। आंध्र प्रदेश में बुआई का काम शुरू हो गया है। अनुमान है कि बुआई का क्षेत्रफल 20/25 प्रतिशत ज़्यादा होगा।

गिरते दामों और कमज़ोर स्टॉक के चलते मंडियों में हल्दी की आवक काफ़ी कम हो गई है। सूत्रों का कहना है कि मराठवाड़ा की नांदेड़ और बसमतनगर मंडी को छोड़कर बाकी उत्पादन केंद्रों पर आवक न्यूनतम स्तर पर आ गई है। इरोड मंडी में आवक घटकर 500/600 बोरी रह गई है, जबकि निज़ामाबाद में आवक 1400/1500 बोरी की है। इसके अलावा, सांगली में आवक 900/1000 बोरी की है। हिंगोली और बसमतनगर में आवक 4000/5000 बोरी की है।

जानकारों का कहना है कि मराठवाड़ा लाइन को छोड़कर अन्य इलाकों में हल्दी का स्टॉक काफी कम हो गया है। अनुमान है कि मराठवाड़ा (हिंगोली, बसमत, नांदेड़) के किसानों के पास अभी भी 13/15 लाख बोरी हल्दी का स्टॉक है। जबकि अन्य राज्यों में स्टॉक लगभग खत्म हो चुका है।

जानकारों का मानना है कि वर्तमान में उपभोग केंद्रों और उत्पादक राज्यों में हल्दी का स्टॉक लगभग 40/42 लाख बोरी माना जा रहा है। जो नई फसल आने तक पर्याप्त नहीं है। नई फसल की आवक फरवरी-मार्च महीने में शुरू होगी।

एक अनुमान के मुताबिक वर्तमान में निजामाबाद में 4/5 लाख बोरी, इरोड में 4/5 लाख बोरी के अलावा सांगली में भी 3/4 लाख बोरी का स्टॉक माना जा रहा है। जबकि दुग्गीराला और वारंगल में स्टॉक 4/5 लाख बोरी होने का अनुमान है। इसके अलावा उपभोग केंद्रों पर स्टॉक 8/10 लाख बोरी होने की संभावना है।

सूत्रों का मानना है कि हल्दी की मौजूदा कीमतों में बहुत मंदी की संभावना नहीं है। जहां तक तेजी की बात है, तो यह आने वाले दिनों में बारिश और निर्यात मांग पर निर्भर करेगी। विदेशों में खराब हालात के कारण पिछले कुछ समय से हल्दी का निर्यात प्रभावित हुआ है। संभावना जताई जा रही है। अगस्त-सितंबर के महीनों में हल्दी की निर्यात मांग रहेगी। ऐसे में कीमतों में तेजी आ सकती है। जुलाई महीने के दौरान कीमतें धीमी-तेज तीन/पांच रुपये प्रति किलो के बीच रहेंगी। फिलहाल दिल्ली के बाजार में हल्दी सिंगल पॉलिश बंडल का भाव 135/138 रुपये है।

निर्यात: वर्ष 2024-25 (अप्रैल-मार्च) के दौरान हल्दी के निर्यात में मात्रात्मक दृष्टि से 9 प्रतिशत की वृद्धि हुई है जबकि आय में 54 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। मसाला बोर्ड द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2023-24 के दौरान 162018.46 टन हल्दी का निर्यात किया गया और निर्यात से आय मात्र 1875.86 करोड़ रुपये रही, जबकि वर्ष 2024-25 में 176325.34 टन निर्यात किया गया और निर्यात से आय 2885.39 करोड़ रुपये रही।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, चालू वित्त वर्ष 2025-26 के पहले दो महीनों अप्रैल-मई (अप्रैल-मार्च) के दौरान 34162 टन हल्दी का निर्यात किया गया है। हालांकि अप्रैल में निर्यात कम रहा, लेकिन मई माह के दौरान निर्यात में वृद्धि दर्ज की गई। अप्रैल-2025 में हल्दी का निर्यात 14957 टन था, जो मई माह में बढ़कर 19205 टन हो गया।