निजामाबाद। Turmeric Price: उत्पादकों एवं स्टॉकिस्टों के पास हल्दी का अच्छा-खासा स्टॉक मौजूद है और आगामी नई फसल के लिए इसकी बिजाई भी आरंभ हो गई है। दूसरी और हल्दी की घरेलू एवं निर्यात मांग काफी हद तक सुस्त पड़ गई है जिससे कीमतों पर दबाव पड़ने लगा है।
तीनों प्रमुख उत्पादक एवं व्यापारिक केन्द्रों- तेलंगाना के निजामाबाद, महाराष्ट्र के सांगली एवं तमिलनाडु के इरोड में हल्दी में मांग का अभाव देखा जा रहा है।
उत्पादक तो अपने अधिकांश स्टॉक की बिक्री पहले ही कर चुके हैं मगर अब व्यापारियों- स्टॉकिस्टों को लाभप्रद मूल्य पर अपना माल बेचने के लिए कठिन संघर्ष करना पड़ रहा है।
राष्ट्रीय स्तर पर वर्तमान समय में हल्दी का भारित औसत मूल्य घटकर 126-127 रुपए प्रति किलो रह गया है जो पिछले साल 163-164 रुपए प्रति किलो था।
वायदा एक्सचेंज में भी अगस्त अनुबंध के लिए हल्दी का दाम गिरकर 140 रुपए प्रति किलो से नीचे आ गया। उधर निजामाबाद में अच्छी क्वालिटी की पॉलिशदार हल्दी का भाव 143 रुपए प्रति किलो के आसपास बताया जा रहा है।
व्यापार विश्लेषकों के अनुसार आगामी महीनों के दौरान हल्दी की कीमतों में वृद्धि होने की उम्मीद कम और गिरावट आने की संभावना ज्यादा है। 20-25 लाख बोरी का पिछला बकाया स्टॉक मौजूद था जिससे बाजार पर दबाव बरकरार रह सकता है।
तेलंगाना और महाराष्ट्र की मंडियों में हल्दी की आवक घटने लगी है लेकिन फिर भी मांग की तुलना में अधिक हो रही है। वहां कारोबार सीमित हो रहा है और कीमतों में नरमी की धारणा बनी हुई है।
आंध्र प्रदेश की दुग्गीराला मंडी में लगभग 50-55 प्रतिशत हल्दी का कारोबार पहले ही हो चुका है। राज्य के कुछ भागों में फसल की कटाई-तैयारी अभी तक समाप्त नहीं हुई है इसलिए मंडियों में जून तक नए माल का आना जारी रह सकता है। वहां थोड़ा-बहुत कारोबार हो रहा है मगर कीमतों में ज्यादा तेजी नहीं देखी जा रही है।
2024-25 के सीजन में हल्दी का घरेलू उत्पादन बढ़कर 82-85 लाख बोरी पर पहुंच जाने का अनुमान है मगर इसकी घरेलू एवं निर्यात मांग कमजोर है। भारत-पाकिस्तान विवाद के बाद तो इसकी मांग और भी सुस्त पड़ गई।
बांग्ला देश को समुद्री मार्ग से हल्दी का निर्यात किया जा रहा है क्योंकि स्थलीय मार्ग बंद हो गया है। अप्रैल 2024 से फरवरी 2025 के दौरान भारत से हल्दी का निर्यात 12 प्रतिशत बढ़कर 1.61 लाख टन पर पहुंचा और इससे होने वाली आमदनी 60 प्रतिशत उछलकर 31.158 करोड़ डॉलर पर पहुंच गई। कमजोर बाजार भाव के बावजूद 2025-26 के सीजन में हल्दी के बिजाई क्षेत्र में अच्छी बढ़ोत्तरी होने की उम्मीद जताई जा रही है। निजामाबाद में बिजाई पहले ही आरंभ हो चुकी है।

