वाशिंगटन। अमेरिका की एक संघीय अपील अदालत से राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को टैरिफ वसूलना जारी रखने की अनुमति दे दी है। कोर्ट ने आपातकालीन शक्ति कानून का प्रयोग कर गुरुवार को (अमेरिकी समय) यह अहम आदेश पारित किया।
ट्रंप प्रशासन ने सरकार की आर्थिक नीतियों के बड़े हिस्से को रद्द करने के खिलाफ अपील की थी। अदालत ने ट्रंप प्रशासन की आपातकालीन याचिका पर इस तर्क को स्वीकार कर लिया, जिसमें सरकार ने कहा कि संघीय व्यापार अदालत के निर्णय पर रोक लगाना ‘अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण’ है।
अपीलीय अदालत के इस फैसले से पहले प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने अदालत के फैसले को हास्यास्पद बताते हुए कहा कि उन्होंने कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील करने का निर्णय लिया है।
लेविट ने पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए कहा, दुनिया भर के अन्य देशों को डोनाल्ड ट्रंप पर भरोसा है…वे भी शायद देख रहे हैं कि अदालत का निर्णय कितना हास्यास्पद है…हम जीतने का इरादा रखते हैं, हमने एक आपातकालीन अपील दायर की है। हम इस लड़ाई को सर्वोच्च न्यायालय में लड़ने के लिए तैयार हैं।
तीन जजों की पीठ ने ट्रंप के फैसले को गलत माना
गौरतलब है कि अमेरिका की संघीय व्यापार अदालत में तीन न्यायाधीशों के पैनल ने टैरिफ वसूली पर रोक लगाने का आदेश पारित किया। अपने विवादस्पद फैसलों के कारण ट्रंप प्रशासन कई मुकदमों का सामना कर रहा है। ट्रंप के फैसलों को चुनौती देने वाली याचिकाओं में तर्क दिया गया है कि राष्ट्रपति बनने के बाद उन्होंने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर अपनी मर्जी से व्यापार नीतियों में बदलाव किए हैं।
आपातकालीन आर्थिक शक्ति कानून का इस्तेमाल
संघीय व्यापार अदालत ने अपने फैसले में कहा कि ट्रंप ने अपने अधिकार का अतिक्रमण किया है। अदालत ने अमेरिका में राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा कर दुनिया के लगभग हर देश से आयात पर टैरिफ लगाने के लिए 1977 के अंतरराष्ट्रीय आपातकालीन आर्थिक शक्ति कानून को लागू करने के फैसले को गलत माना। इस फैसले को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए बड़ा झटका माना गया।
भविष्य को लेकर संशय
यह भी रोचक है कि ट्रंप की चौंकाने वाले फैसलों और अमेरिकी प्रशासन की वर्तमान व्यापार नीतियों से दुनियाभर के वित्तीय बाजारों पर असर पड़ रहा है। अनिश्चितता के माहौल में कारोबार ठप हो गए हैं। ऊंची कीमतों और धीमी आर्थिक वृद्धि जैसी आशंकाओं से घिरे निवेशक और आर्थिक मामलों के जानकार आने वाले भविष्य को लेकर संशय में हैं।

