Soybean Price: क्रशिंग प्लांटों की मजबूत मांग से सोयाबीन की कीमतों में सुधार

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नई दिल्ली। Soybean Price: राष्ट्रीय स्तर पर सोयाबीन की बुआई पिछले साल से पिछड़ रही है और थोक मंडियों में पुराने स्टॉक की आवक भी कम हो रही है। सरसों की वजह से तिलहन-तेल बाजार में तेजी और मजबूती का माहौल है। अर्जेंटीना और ब्राजील जैसे आपूर्तिकर्ता देशों में सोया तेल के दाम मजबूत हैं। हालांकि केंद्रीय एजेंसी – नैफेड अपने स्टॉक से सोयाबीन घरेलू बाजार में उतार रही है, लेकिन कीमतों में अंतर बना हुआ है।

19-25 जुलाई के सप्ताह के दौरान पेराई-प्रसंस्करण इकाइयों की मांग बढ़ने से सोयाबीन के प्लांट डिलीवरी भाव में 100-200 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी हुई और मध्य प्रदेश में इसका भाव बढ़कर 4450-4600 रुपये प्रति क्विंटल, महाराष्ट्र में 4550-4700 रुपये प्रति क्विंटल और राजस्थान में 4500-4800 रुपये प्रति क्विंटल हो गया।

सोया रिफाइंड तेल
लेकिन सोयाबीन के दाम में हुई बढ़ोतरी के अनुपात में सोया रिफाइंड तेल के दाम नहीं बढ़े। मध्य प्रदेश के खंडवा स्थित एक इकाई में इसकी कीमत 13 रुपये सुधरकर 1215 रुपये प्रति 10 किलोग्राम हो गई, लेकिन पीथमपुर स्थित एक संयंत्र में इसकी कीमत 10 रुपये घटकर 1220 रुपये प्रति 10 किलोग्राम रह गई।

महाराष्ट्र के प्लांटों में भी कीमतों में मात्र 5-10 रुपये का उतार-चढ़ाव आया, लेकिन कोटा में इसकी कीमत 15 रुपये सुधरकर 1240 रुपये प्रति 10 किलोग्राम, मुंबई में 30 रुपये बढ़कर 1210 रुपये और कांडला में 5 रुपये सुधरकर 1215 रुपये प्रति 10 किलोग्राम हो गई, लेकिन हल्दिया में 10 रुपये घटकर 1195 रुपये प्रति 10 किलोग्राम रह गई।

सोया केक (DOC)
सोया डीओसी की घरेलू और निर्यात मांग मजबूत रही, जिससे इसकी कीमतों में भारी वृद्धि दर्ज की गई। मध्य प्रदेश की एक इकाई में इसकी कीमत 4500 रुपये की भारी वृद्धि के साथ 32000/35300 रुपये प्रति टन पर पहुँच गई।

प्लांट की खरीद कीमत
कुछ अन्य संयंत्रों में इसकी कीमत 1500 रुपये प्रति टन तक बढ़ गई। महाराष्ट्र में भी इसकी कीमत 500 रुपये बढ़कर 2500 रुपये प्रति टन हो गई। सोयाबीन की आपूर्ति का ऑफ-सीजन शुरू हो गया है। अगर कीमतों में तेजी का रुख जारी रहा, तो इसकी बुवाई के प्रति किसानों का उत्साह और आकर्षण कुछ बढ़ सकता है।