Soybean: सरकारी स्टॉक की बिकवाली से सोयाबीन की कीमतों में भारी गिरावट

0
17

नई दिल्ली। तीन प्रमुख उत्पादक राज्यों मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान में पेराई-प्रसंस्करण इकाइयों की कमजोर मांग और सरकारी स्टॉक की नियमित बिकवाली के कारण 6-12 सितंबर के सप्ताह के दौरान सोयाबीन प्लांट डिलीवरी भाव में 100-200 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आई।

सोयाबीन की कीमत
इसकी कीमत गिरकर 4450-4650 रुपये प्रति क्विंटल के बीच आ गई। सोयाबीन की बुवाई पूरी हो चुकी है और इसका उत्पादन क्षेत्र पिछले साल के 126.04 लाख हेक्टेयर से 5.72 लाख हेक्टेयर घटकर इस बार 120.32 लाख हेक्टेयर रह गया है। कुछ जगहों पर प्राकृतिक आपदाओं से भी फसल को नुकसान हुआ है।

घरेलू बाजार में कमजोर कीमतों के कारण सरकार को विपणन सीजन 2025-26 में एक बार फिर किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर भारी मात्रा में सोयाबीन खरीदने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है, इसलिए सरकारी एजेंसी द्वारा पिछले स्टॉक के निपटान के लिए जोरदार प्रयास किया जा रहा है।

सोया तेल
सोयाबीन की कीमतों में भारी नरमी के बावजूद सोया रिफाइंड तेल का भाव या तो पिछले स्तर पर स्थिर रहा या 5-10 रुपये प्रति 10 किलो सुधर गया। रिफाइंड सोया तेल में सामान्य कारोबार हो रहा है और विदेशी खबरें भी बाजार के लिए नकारात्मक नहीं हैं।

समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान कोटा और मुंबई में सोया रिफाइंड तेल का भाव क्रमश: 1275 रुपये और 1270 रुपये प्रति 10 किलो के पिछले स्तर पर स्थिर रहा, जबकि कांडला में यह 5 रुपये और हल्दिया में 2 रुपये सुधरकर 1240 रुपये पर पहुँच गया।

आयातित सोया तेल का भाव मुंबई में 1218 रुपये पर स्थिर रहा, लेकिन कांडला में 5 रुपये बढ़कर 1208 रुपये प्रति 10 किलोग्राम हो गया। पाम तेल से मिल रही प्रतिस्पर्धा के कारण सोया तेल के दाम स्थिर दिख रहे हैं।

सोया केक (DOC)
मध्य प्रदेश में सोया डीओसी का कारोबार सीमित रहा जबकि महाराष्ट्र में कमजोर मांग के कारण कीमतें 500 रुपये की भारी गिरावट के साथ 1500 रुपये प्रति टन पर आ गईं। महाराष्ट्र की एक इकाई में इसकी कीमत 1500 रुपये घटकर 35,500 रुपये प्रति टन रह गई।