नई दिल्ली। तीनों शीर्ष उत्पादक प्रांतों- मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र एवं राजस्थान के साथ-साथ अन्य राज्यों की प्रमुख मंडियों में सोयाबीन के नए माल की आवक बढ़ने लगी है जबकि क्रशिंग-प्रोसेसिंग इकाइयों की मांग कुछ कमजोर देखी जा रही है।
प्लांट डिलीवरी भाव
इसके फलस्वरूप 18-24 अक्टूबर वाले सप्ताह के दौरान सोयाबीन के प्लांट डिलीवरी मूल्य में कुछ नरमी दर्ज की गई। सोयाबीन का भाव मध्य प्रदेश में 4350-4450 रुपए प्रति क्विटल रहा जबकि महाराष्ट्र में यह कहीं-कहीं 4500 रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंचा। राजस्थान में प्लांट डिलीवरी भाव 4400-4450 रुपए प्रति क्विंटल रहा।
एमएसपी
केन्द्र सरकार ने 2025-26 के मार्केटिंग सीजन हेतु सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ाकर 5328 रुपए प्रति क्विटल निर्धारित किया है जो 2024-25 सीजन के एमएसपी 4892 रुपए प्रति क्विटल से 436 रुपए ज्यादा है। सोयाबीन का लूज भाव इससे काफी नीचे चल रहा है मगर अभी तक इसकी सरकारी खरीद आरंभ नहीं हुई है जिससे किसानों को भारी नुकसान हो रहा है।
सोया तेल (रिफाइंड)
सोया रिफाइंड तेल के दाम में भी काफी हद तक स्थिरता देखी गई और सप्ताह के दौरान इसका कारोबार बहुत कम हुआ। दरअसल 18 से 22 अक्टूबर तक बाजार में छुट्टी जैसा माहौल रहा और कारोबारियों की गीतविधि सीमित रही। सोया रिफाइंड तेल के दाम में मुम्बई में 10 रुपए तथा हल्दिया में 3 रुपए प्रति 10 किलो की गिरावट देखी गई।
आवक
24 अक्टूबर को राष्ट्रीय स्तर पर मंडियों में 4.80 लाख बोरी सोयाबीन की आपूर्ति हुई। इसके तहत मध्य प्रदेश में 2.20 लाख, महाराष्ट्र में 1.70 लाख, राजस्थान में 50 हजार एवं अन्य प्रांतों में 40 हजार बोरी की आवक हुई।
सोया डीओसी (खल)
सोया डीओसी में स्वदेशी एवं विदेशी खरीदारों की मांग कमजोर रही जिससे कीमतों में नरमी या स्थिरता देखी गई। सोपा ने 2025-26 सीजन के दौरान सोयाबीन का घरेलू उत्पादन घटकर 105-106 लाख टन के बीच सिमटने का अनुमान लगाया है जबकि अन्य विश्लेषक महज 85-90 लाख टन के उत्पादन की संभावना व्यक्त कर रहे हैं। विदेशों से सस्ते सोयाबीन तेल का भारी आयात जारी है जबकि सोयामील का निर्यात प्रदर्शन कमजोर पड़ गया है।

