नई दिल्ली। पिछले कुछ सप्ताह से सोयाबीन की कीमतों में उतार-चढ़ाव का माहौल था और इसका भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य (4892 रुपये प्रति क्विंटल) या उससे भी ऊपर चला गया था, लेकिन इस उच्च स्तर पर पेराई-प्रसंस्करण की मांग कमजोर होने से 23-29 अगस्त वाले सप्ताह के दौरान इस महत्वपूर्ण तिलहन के भाव में 100-200 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आई।
तीनों शीर्ष उत्पादक राज्यों – मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान – में सोयाबीन का कारोबार कमजोर रहा, जिससे इसका प्लांट डिलीवरी भाव घटकर 4600/4700 रुपये प्रति क्विंटल रह गया। राष्ट्रीय स्तर पर सोयाबीन का उत्पादन क्षेत्र पिछले साल से पिछड़ रहा है और कुछ इलाकों में अत्यधिक बारिश और बाढ़ के कारण फसल को नुकसान की भी खबरें हैं।
सोया तेल: सोयाबीन के कमजोर भावों के कारण सोया रिफाइंड तेल के भाव में भी 2-4 रुपये प्रति किलोग्राम की नरमी आई। मध्य प्रदेश के देवास, मंदसौर, पीथमपुर और उज्जैन की एक-दो इकाइयों में इसके भाव में 18 से 40 रुपये प्रति 10 किलोग्राम की गिरावट आई। इसी तरह महाराष्ट्र के संयंत्रों में भी 20-30 रुपये प्रति 10 किलोग्राम की गिरावट आई। नागपुर के एक संयंत्र में भाव 45 रुपये घटकर 1225 रुपये प्रति 10 किलोग्राम रह गया। कोटा में सोया रिफाइंड तेल का भाव 1260 रुपये प्रति 10 किलोग्राम पर स्थिर रहा, लेकिन मुंबई में 10 रुपये घटकर 1250 रुपये और कांडला व हल्दिया में 20-20 रुपये घटकर क्रमश: 1220 रुपये और 1205/1210 रुपये प्रति 10 किलोग्राम रह गया। सोया रिफाइंड तेल की घरेलू मांग कुछ कमजोर हुई। अंतरराष्ट्रीय बाजार और खासकर अर्जेंटीना में कच्चे डीगम्ड सोयाबीन तेल के भाव कमजोर रहे।
सोया केक (DOC)
सोया डीओसी की घरेलू और निर्यात मांग कुछ सुस्त देखी गई। पशु आहार और पोल्ट्री आहार उद्योग को सस्ते डीडीजीएस की अच्छी मात्रा मिल रही है, इसलिए महंगा सोयामील खरीदने में उनकी रुचि कम हुई है। दूसरी ओर, अंतर्राष्ट्रीय बाजार में अर्जेंटीना और ब्राजील का सोयामील सस्ते भाव पर उपलब्ध है और शिकागो एक्सचेंज पर भी दबाव है, इसलिए दक्षिण एशिया और दक्षिण-पूर्व एशिया के आयातक देशों में भारतीय सोयामील की खरीद कम हो रही है।

