नई दिल्ली। विदेशों से सस्ते सोयाबीन तेल का भारी आयात जारी रहने तथा सोयामील की घरेलू एवं निर्यात मांग में अपेक्षित बढ़ोत्तरी नहीं होने से 22-28 फरवरी वाले सप्ताह के दौरान तीनों शीर्ष उत्पादक राज्यों- मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र एवं राजस्थान में सोयाबीन के प्लांट डिलीवरी मूल्य में नरमी का माहौल बना रहा। सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य 4892 रुपए प्रति क्विंटल नियत है जबकि प्लांट डिलीवरी भाव 4100 से 4300 रुपए प्रति क्विंटल के बीच ही है।
स्टॉक / बिक्री: समझा जाता है कि सरकारी एजेंसी नैफेड ने 3 मार्च से अपने स्टॉक के सोयाबीन की बिक्री घरेलू बाजार में शुरू करने का प्लान बनाया है। यदि यह स्टॉक उतारा गया तो कीमतों पर दबाव और भी बढ़ सकता है। मंडियों में अभी जो माल आ रहा है उसका कारोबार ठीक ढंग से नहीं हो रहा है। सोपा ने इस प्लान को मध्य जुलाई तक स्थगित रखने का आग्रह किया है।
सोया तेल (रिफाइंड): सोयाबीन की कीमतों में नरमी का माहौल रहने से सोया रिफाइंड तेल के दाम में भी गिरावट दर्ज की गई। मध्य प्रदेश के मुकाबले महाराष्ट्र में इसका भाव ज्यादा मंदा रहा। रिफाइंड सोयाबीन तेल का मूल्य कोटा में 10 रुपए, मुम्बई में 25 रुपए, कांडला में 10 रुपए तथा हल्दिया में 20 रुपए प्रति 10 किलो घट गया। विदेशों से आयातित क्रूड सोयाबीन तेल के दाम में मिश्रित रूख देखा गया। कांडला में हाई सीज (बीच समुद्र) में भाव 10 रुपए सुधरकर 1281 रुपए प्रति 10 किलो हो गया जबकि डॉलर में कुछ नरमी रही।
आवक : राष्ट्रीय स्तर पर मंडियों में 24 फरवरी को 2.70 लाख बोरी तथा 25 फरवरी को 2.40 लाख बोरी सोयाबीन की आवक हुई जबकि प्रत्येक बोरी 100 किलो की होती है।
सोया खल (डीओसी) : सोया डीओसी में सीमित कारोबार के साथ मध्य प्रदेश में भाव स्थिर देखा गया लेकिन महाराष्ट्र में 500-700 रुपए तक नरम रहा। राजस्थान में भी थोड़ी नरमी दर्ज की गई। ध्यान देने की बात है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर रिकॉर्ड सरकारी खरीद होने के बावजूद सोयाबीन के थोक मंडी भाव में कोई सुधार नहीं आ रहा है।

