Rupee-Dollar: डॉलर के मुकाबले रुपया सर्वकालिक निचले स्तर 85 पर पहुंचा

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नई दिल्ली। Rupee at all time low: भारतीय रुपया गुरुवार को शुरुआती कारोबार में 12 पैसे टूटकर अमेरिकी डॉलर के मुकाबले अपने सर्वकालिक निचले स्तर 85.06 पर पहुंच गया। दरअसल, अमेरिकी फेडरल रिजर्व के आक्रामक रुख के चलते डॉलर में तगड़ी रैली आई और डॉलर इंडेक्स 108 के पार चला गया। इसके चलते भारतीय रुपये समेत अन्य विदेशी करेंसी पर असर आया।

विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने बताया अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने 2025 के लिए अपने अनुमानों को समायोजित किया है, जो ज्यादा सतर्क मौद्रिक नीति रुख का संकेत है। इससे भारतीय रुपये सहित इमर्जिंग मार्केट की की करेंसी पर दबाव पड़ेगा।

इंटरबैंक फॉरेन एक्सचेंज में रुपया कमजोर रुख के साथ खुला और डॉलर के मुकाबले 85.00 के स्तर को पार चला गया। आयातकों की ओर से डॉलर की मांग, विदेशी पूंजी की निकासी और घरेलू शेयर बाजारों में नरम रुख के बीच निवेशकों का सेंटीमेंट प्रभावित हुआ और यह अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले 85.06 प्रति डॉलर के सर्वकालिक निचले स्तर पर आ गया, जो पिछले बंद भाव से 12 पैसे की गिरावट है। रुपया बुधवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 84.94 के रिकॉर्ड लो पर बंद हुआ था।

डॉलर इंडेक्स में बढ़त: छह प्रमुख करेंसी के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.01 प्रतिशत की बढ़त के साथ 108.03 पर रहा। अंतरराष्ट्रीय मानक ब्रेंट क्रूड 0.42 प्रतिशत की गिरावट के साथ 73.08 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर रहा। शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) बुधवार को बिकवाल रहे थे और उन्होंने 1,316.81 करोड़ रुपये की नेट बिकवाली की।

फिनरेक्स ट्रेजरी एडवाइजर्स एलएलपी के ट्रेजरी प्रमुख और कार्यकारी निदेशक अनिल कुमार भंसाली ने कहा कि रुपया भारी दबाव में था क्योंकि अमेरिकी डॉलर को फेड के हॉकिस रुख के चलते सपोर्ट मिला और यह दो साल के हाई 108.04 के करीब पहुंच गया, जबकि 10 साल की US बांड यील्ड बढ़कर 4.51 फीसदी हो गई है। इक्विटी, कमोडिटी और बॉन्ड में भारी बिकवाली ने डॉलर को मजबूत किया है।

बता दें, यूएस फेड ने दरों में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती की, लेकिन अपने आउटलुक में बहुत आक्रामक रहा। ऐसा इसलिए क्योंकि यूएस फेड का कहना है कि महंगाई दर को 2 प्रतिशत तक पहुंचने में एक या दो साल और लग सकते हैं। उसे 2025 में 50 बेसिस प्वाइंट और 2026 में 50 बेसिस प्वाइंट की कटौती की उम्मीद है।