नई दिल्ली। मध्य प्रदेश, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक जैसे बड़े प्रोड्यूसर राज्यों में इस साल बुआई एरिया में कमी आने की वजह से देश में लाल मिर्च का प्रोडक्शन लगातार दूसरे साल कम होने का अनुमान है।
ध्यान देने वाली बात यह है कि इस साल, बड़े प्रोड्यूसर आंध्र प्रदेश में 259,119 एकड़ में लाल मिर्च बोई गई, जबकि 2024 में यह 363,539 एकड़ और 2023 में 591,722 एकड़ थी।
इसके अलावा, तेलंगाना में इस साल 1,38,460 एकड़ में लाल मिर्च बोई गई, जबकि 2024 में यह 2,22,370 एकड़ और 2023 में 341,326 एकड़ थी। इसके अलावा, मध्य प्रदेश में बुआई एरिया पिछले साल के लेवल का सिर्फ़ 50-60 परसेंट था। कर्नाटक में भी बुआई में 40 परसेंट की गिरावट की खबरें हैं।
जानकार सूत्रों का कहना है कि कम प्रोडक्शन की वजह से, इस साल मध्य प्रदेश की मुख्य मंडी बेदिया में लाल मिर्च की रोज़ाना आवक 9,000-10,000 बैग रही, जबकि पिछले साल यह 15,000-16,000 बैग थी।
पिछले साल, मध्य प्रदेश में लाल मिर्च का प्रोडक्शन 3.0-3.2 मिलियन बैग था, और 2023 में प्रोडक्शन 3.5-3.8 मिलियन बैग होने का अनुमान है। अभी की आवक के आधार पर, उम्मीद है कि इस साल प्रोडक्शन 1.8-2 मिलियन बैग तक ही सीमित रहेगा।
आंध्र प्रदेश के हैदराबाद मार्केट में, जो लाल मिर्च का एक बड़ा प्रोड्यूसर है, नई आवक शुरू हो गई है। जबकि गुंटूर मार्केट में आवक जनवरी में शुरू होने की खबर है। इस साल बुआई के एरिया में कमी के अलावा, मौसम भी खराब रहा, जिससे प्रोडक्शन में कमी आना तय है।
मिली जानकारी के मुताबिक, आंध्र प्रदेश में 2023 में लाल मिर्च का प्रोडक्शन लगभग 20 मिलियन बैग होने का अनुमान था, जबकि 2024 में यह घटकर लगभग 10 मिलियन बैग रह गया। 2025-26 के लिए प्रोडक्शन का अनुमान 12.5 मिलियन बैग है।
तेलंगाना में बुआई के एरिया में 38 परसेंट की कमी से भी मिर्च का प्रोडक्शन कम होगा। तेलंगाना में 2023 में लाल मिर्च का प्रोडक्शन 7.5-8 मिलियन बैग था, जो 2024 में घटकर 6.0-6.5 मिलियन बैग रह गया। आने वाली फसल का अनुमान लगभग 5 मिलियन बैग रहने की उम्मीद है।
ट्रेडर्स का कहना है कि अभी लाल मिर्च की कीमतों में ज़्यादा गिरावट आने की उम्मीद नहीं है, क्योंकि कम प्रोडक्शन के अलावा, मार्केट में अच्छी क्वालिटी का स्टॉक भी कम है। अभी गुंटूर मार्केट में ज़्यादातर हल्का माल आ रहा है। इस वजह से एक्सपोर्ट डिमांड कम है। गुंटूर मार्केट में तेजा क्वालिटी 153/154 पर कोट हो रही है, जबकि 341 क्वालिटी 180/185 पर कोट हो रही है।
खम्मम मार्केट में भी तेजा 157/158 पर ट्रेड हो रही है। सूत्रों का कहना है कि जब तक गुंटूर मार्केट में नई सप्लाई नहीं आ जाती, तब तक कीमत में गिरावट की उम्मीद नहीं है। नई सप्लाई आने पर कीमतें कुछ समय के लिए गिर सकती हैं, लेकिन बहुत ज़्यादा नहीं। 2026 में लाल मिर्च की कीमतें ज़्यादा रहेंगी।
2025-26 के पहले पांच महीनों में लाल मिर्च का एक्सपोर्ट हर दिन 46 टन बढ़ा, लेकिन मौजूदा सीजन में प्रोडक्शन कम होने से रेवेन्यू में 20 परसेंट की बढ़ोतरी हुई है। मौसम विज्ञान बोर्ड के डेटा के मुताबिक, अप्रैल-अगस्त 2025 के दौरान लाल मिर्च का एक्सपोर्ट 325,241 टन था, जिससे एक्सपोर्ट रेवेन्यू ₹4571.22 करोड़ था।
जबकि अप्रैल-अगस्त 2024 में लाल मिर्च का एक्सपोर्ट 222557 टन था और एक्सपोर्ट से मिली इनकम 3804.76 करोड़ रुपये थी, वहीं साल 2024-25 (अप्रैल-मार्च) के दौरान लाल मिर्च का कुल एक्सपोर्ट 715506 टन था और एक्सपोर्ट से मिली इनकम 11404.90 करोड़ रुपये थी।

