Red Chilli: कम पैदावार और नई फसल में देरी से लालमिर्च के भाव में तेजी का अनुमान

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गुंटूर। प्रमुख उत्पादक राज्यों में बिजाई क्षेत्र घटने, मौसम एवं वर्षा की हालत पूरी तरह अनुकूल नहीं होने तथा कहीं-कहीं प्राकृतिक आपदाओं का प्रकोप रहने से इस बार लालमिर्च के घरेलू उत्पादन में गिरावट आने की संभावना है।

इसके अलावा नई फसल की तुड़ाई-तैयारी में भी 20-25 दिनों की देर हो सकती है। बाजार पर इसका सकारात्मक मनोवैज्ञानिक असर पड़ने लगा है और लालमिर्च की कीमतों में तेजी-मजबूती के संकेत मिलने लगे हैं।

राष्ट्रीय स्तर पर पिछले साल के मुकाबले चालू वर्ष के दौरान लालमिर्च के बिजाई क्षेत्र में 35-40 प्रतिशत की भारी गिरावट आई है। पांचों शीर्ष उत्पादक प्रांतों- आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, मध्य प्रदेश एवं महाराष्ट्र में इसकी बिजाई कम क्षेत्रफल में हुई है।

कर्नाटक में तो रकबा 50 प्रतिशत तक घटने की आशंका है। कुछ क्षेत्रों में पहली बिजाई की फसल भारी वर्षा एवं जल जमाव के कारण बर्बाद हो गई और वहां किसानों को दोबारा बिजाई करनी पड़ी।

घरेलू बाजार (थोक मंडियों) में लालमिर्च की मांग धीरे-धीरे मजबूत होने लगी है जबकि किसानी माल की आवक कम हो रही है। शीघ्र ही कोल्ड स्टोरेज में पड़े माल की मांग बढ़ने की उम्मीद की जा रही है।

जुलाई-अगस्त में लालमिर्च का औसत भाव 13,000-13,500 रुपए प्रति क्विंटल रहा था जिसमें अब 15 प्रतिशत की तेजी आ चुकी है। आगामी समय में नई फसल की जोरदार आवक शुरू होने से पूर्व तक बाजार मजबूत रहने के आसार हैं।

कोल्ड स्टोरेज में फिलहाल लगभग डेढ़ करोड़ बोरी लालमिर्च का स्टॉक मौजूद है जो गत वर्ष के लगभग बराबर ही है। लेकिन इस बार नई फसल की आवक में करीब एक माह की देर होने की संभावना है जिससे इसकी मांग एवं खपत बढ़ेगी।

मोटे अनुमान के अनुसार इस बार 20 जनवरी के आसपास नई फसल की आवक शुरू हो सकती है। पिछले दो महीनों के दौरान घरेलू प्रभाग में खपत होने वाली लालमिर्च की किस्मों- 5531, 341, 334 एवं अन्य के दाम में करीब 30 रुपए प्रति किलो की बढ़ोत्तरी हुई

मगर तेजा जैसी निर्यात क्वालिटी वाली लालमिर्च की कीमत में 10 रुपए प्रति किलो का ही सुधार आ सका क्योंकि निर्यात मांग कुछ कमजोर रही। भारतीय लालमिर्च के सबसे प्रमुख खरीदार- चीन पहले ही इसकी भारी खरीद कर चुका है। गत वर्ष की तुलना में इस बार वह करीब 5000 कंटेनर अधिक लालमिर्च का आयात कर चुका है। वहां इसका विशाल स्टॉक मौजूद है इसलिए वह अब कम खरीद कर रहा है।