Red Chilli: उत्पादन कम रहने के बावजूद लालमिर्च में भारी तेजी की उम्मीद कम

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गुंटूर। Red Chilli Price: 2025-26 सीजन के दौरान लालमिर्च के घरेलू उत्पादन में करीब 20 प्रतिशत की भारी गिरावट आने की आशंका है लेकिन पिछला बकाया स्टॉक ऊंचा होने से इसकी आपूर्ति एवं उपलब्धता सुगम बनी रहेगी जिससे कीमतों में जोरदार तेजी आने की संभावना कम है। निर्यात मांग बेहतर होने पर दाम में कुछ सुधार आ सकता है।

गुंटूर स्थित चिली एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष का कहना है कि पिछले साल के मुकाबले चालू वर्ष के दौरान लालमिर्च का बिजाई क्षेत्र 70 प्रतिशत के आसपास ही पहुंच सका। हालांकि बिजाई क्षेत्र में कमी आने तथा अत्यधिक वर्षा एवं कीड़ों-रोगों के प्रकोप से फसल को नुकसान होने के कारण उत्पादन में करीब 20 प्रतिशत की भारी गिरावट आने की आशंका है।

दक्षिण भारत के तीनों प्रमुख उत्पादक राज्यों- आंध्र प्रदेश, तेलंगाना एवं कर्नाटक में इस बार बिजाई कम हुई है। फिलहाल उत्पादन का सटीक अनुमान लगाना मुश्किल है। जनवरी के प्रथम सप्ताह में ही उत्पादन की तस्वीर स्पष्ट हो पाएगी।

एसोसिएशन के अनुसार उत्पादक राज्यों में लालमिर्च का भारी-भरकम बकाया स्टॉक मौजूद है जिससे कीमतों पर दबाव रह सकता है।लालमिर्च का स्टॉक आंध्र प्रदेश में 55 लाख बोरी, कर्नाटक में करीब 45 लाख बोरी और तेलंगाना में लगभग 36 लाख बोरी मौजूद होने का अनुमान है।

दूसरी ओर सबसे प्रमुख आयातक देश- चीन में घरेलू उत्पादन बेहतर होने से भारतीय लालमिर्च की मांग कमजोर देखी जा रही है। एक अन्य विश्लेषक के अनुसार लालमिर्च के बिजाई क्षेत्र में इस बार 15-30 प्रतिशत की गिरावट आई है और उसके उत्पादन में लगभग 20 प्रतिशत की कमी आने की संभावना है।

कुल मिलाकर इस महत्वपूर्ण मसाले का घरेलू उत्पादन 2024-25 सीजन के 14.10 लाख टन से घटकर 2025-26 के वर्तमान सीजन में 11.40 लाख टन के आसपास सिमट जाने का अनुमान है।

आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के अधिकांश प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में लालमिर्च की फसल में फूल और दाना लगने की प्रक्रिया पहले ही शुरू हो चुकी है जबकि कर्नाटक में इसके नए माल की छिटपुट आवक आरंभ हो गई है।

यद्यपि कहीं-कहीं फसल पर कीड़ों-रोगों के प्रकोप की सूचना मिल रही है लेकिन कुल मिलाकर उत्पादन पर इसका ज्यादा असर पड़ने की संभावना नहीं है।

विश्लेषक के मुताबिक पूरे देश के कोल्ड स्टोरेज में फिलहाल करीब 157 लाख बोरी लालमिर्च का स्टॉक मौजूदा है जो पिछले साल से 14 प्रतिशत ज्यादा है। गत वर्ष नवम्बर में करीब 138 लाख बोरी लालमिर्च का स्टॉक उपलब्ध था कीमतों में स्थिरता का माहौल बना हुआ है।