गुंटूर। Red Chilli Price: प्रमुख उत्पादक राज्यों की महत्वपूर्ण मंडियों में लालमिर्च की आवक घटने लगी है जबकि नीचे दाम पर दिसावरी व्यापारियों एवं निर्यातकों द्वारा इसकी खरीद में अच्छी दिलचस्पी दिखाई जा रही है। इसे देखते हुए निकट भविष्य में लालमिर्च का भाव काफी हद तक स्थिर या मजबूत रहने की उम्मीद है।
आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना की मंडियों में लालमिर्च की आपूर्ति का दबाव घटने लगा है। आंध्र प्रदेश की गुंटूर मंडी में इसकी औसत दैनिक आवक घटकर एक लाख बोरी के आसपास रह गई है जबकि पहले 1.25-1.30 लाख बोरी तक पहुंच गई थी।
इसी तरह तेलंगाना के वारंगल में आपूर्ति घटने के संकेत मिल रहे हैं। इसके फलस्वरूप लालमिर्च की कुछ किस्मों के दाम में थोड़ी तेजी आई है। समझा जाता है कि यदि वर्तमान मूल्य स्तर पर लिवाली का अच्छा समर्थन मिलता है तो आगामी समय में लालमिर्च का भाव कुछ और सुधर सकता है।
पिछले कुछ सप्ताहों से लालमिर्च का थोक मंडी भाव सीमित उतार-चढ़ाव के साथ एक निश्चित दायरे में ही घूम रहा है। नई फसल की पीक आपूर्ति का सीजन अब बीतने लगा है इसलिए उत्पादकों द्वारा माल की बिक्री में कटौती की जा रही है।
वैसे गुंटूर मंडी में एक लाख बोरी की दैनिक आवक को भी कम नहीं माना जा सकता है। छोटे-छोटे किसानों ने तो नीचे दाम पर ही उत्पाद बेच दिया लेकिन बड़े-बड़े उत्पादकों के पास अभी अच्छा खासा स्टॉक मौजूद है।
लालमिर्च का निर्यात प्रदर्शन सुधरने लगा है और कुछ देश इसकी खरीद में दोबारा सक्रिय हो गए हैं। चीन, बांग्ला देश, मलेशिया तथा खाड़ी क्षेत्र के देशों पर भारतीय निर्यातकों का ध्यान केन्द्रित है।
यूरोपीय देशों में भी मांग निकलने की उम्मीद है। घरेलू प्रभाग में लग्नसरा का सीजन होने से लालमिर्च की खपत बढ़ सकती है। कुल मिलाकर यदि आपूर्ति में अप्रत्याशित बढ़ोत्तरी नहीं हुई तथा लिवाली का समर्थन मिलता रहा तो लाल मिर्च के दाम में आगे और नरमी की संभावना क्षीण पड़ जाएगी और बाजार कुछ मजबूत हो सकता है।

