नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तेलंगाना जैसे बड़े उत्पादक राज्यों में नई लाल मिर्च की आवक शुरू हो गई है। हालांकि, जनवरी में सूखी मिर्च की आवक बढ़ेगी। अभी, गुंटूर मार्केट में 4,000-5,000 बैग नई मिर्च आ रही है, जबकि वारंगल में 200-300 बैग और खम्मम में 50-100 बैग आ रहे हैं। कर्नाटक के ब्यादगी मार्केट में 20,000-25,000 बैग आ रहे हैं।
लाल मिर्च के बड़े उत्पादक राज्य आंध्र प्रदेश में इस साल 259,119 एकड़ में बुआई हुई है, जबकि पिछले साल 363,539 एकड़ में बुआई हुई थी। तेलंगाना में 138,460 एकड़ में बुआई हुई है, जबकि पिछले साल 222,370 एकड़ में बुआई हुई थी।
इससे पहले, मध्य प्रदेश में भी लाल मिर्च की बुआई पिछले साल के मुकाबले 50-60 परसेंट कम हुई थी, और कर्नाटक में यह 35-40 परसेंट कम हुई थी। बुआई कम होने के अलावा, इस साल मौसम भी फसल के लिए ठीक नहीं रहा।
इन वजहों से पिछले साल के मुकाबले प्रोडक्शन कम होने का अनुमान है। मध्य प्रदेश से 70-75 परसेंट फसल पहले ही मंडियों में आ चुकी है। इस साल मध्य प्रदेश में लाल मिर्च का प्रोडक्शन 1.8-2 मिलियन बैग होने का अनुमान है, जबकि पिछले साल 3-3.2 मिलियन बैग हुआ था।
बुआई पर असर और खराब मौसम की वजह से देश में लाल मिर्च का प्रोडक्शन लगातार दूसरे साल कम होगा। मिली जानकारी के मुताबिक, इस साल लाल मिर्च के बड़े प्रोड्यूसर राज्य आंध्र प्रदेश में प्रोडक्शन 12.5-13 मिलियन बैग होने की उम्मीद है, जबकि 2024 में 15 मिलियन बैग और 2023 में 20 मिलियन बैग प्रोडक्शन का अनुमान था।
तेलंगाना में भी बुआई एरिया में 38 परसेंट की कमी की वजह से लाल मिर्च के प्रोडक्शन पर असर पड़ेगा। अनुमान के मुताबिक, 2023 के दौरान तेलंगाना में लाल मिर्च का प्रोडक्शन 75/80 लाख बैग था, जो 2024 में घटकर 60/65 लाख बैग रह गया। हालांकि, मौजूदा सीजन में प्रोडक्शन करीब 50 लाख बैग रहने का अनुमान है।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि अभी गुंटूर मार्केट में 25/28 लाख बैग लाल मिर्च होने की रिपोर्ट है, जबकि आंध्र प्रदेश में स्टॉक 48/50 लाख बैग होने का अनुमान है। रिपोर्ट्स के मुताबिक तेलंगाना में 30/32 लाख बैग और कर्नाटक में 40/42 लाख बैग का स्टॉक है।
मूल्य रुझान: सूत्रों का मानना है कि जल्द ही लाल मिर्च की कीमतों में गिरावट की कोई संभावना नहीं है, लेकिन नई फसल आने पर जनवरी में कीमतों में गिरावट आनी चाहिए। हालांकि, जैसे-जैसे आवक का दबाव कम होगा, कीमतें फिर से बढ़ने लगेंगी। सूत्रों का कहना है कि 2026 के दौरान तेजा वैरायटी की लाल मिर्च की कीमत 200 के लेवल को छू सकती है। अगर चीन को एक्सपोर्ट बढ़ता है, तो कीमत 2022 के लेवल को पार कर सकती है। अक्टूबर 2022 में गुंटूर मार्केट में तेजा वैरायटी की लाल मिर्च की कीमत *220/225 प्रति kg तक पहुंच गई थी। अभी गुंटूर मार्केट में तेजा वैरायटी की लाल मिर्च की कीमत 147/148 प्रति kg बताई जा रही है।
निर्यात: चालू फाइनेंशियल ईयर 2025-26 की पहली छमाही में, लाल मिर्च का एक्सपोर्ट क्वांटिटी के हिसाब से 40 परसेंट बढ़ा, जबकि रेवेन्यू 14 परसेंट बढ़ा। स्पाइसेस बोर्ड के जारी डेटा के मुताबिक, अप्रैल-सितंबर 2025 के दौरान लाल मिर्च का एक्सपोर्ट 380,980 टन था, जिससे ₹5,233 करोड़ का रेवेन्यू मिला। इसकी तुलना 2024 में इसी समय के दौरान 272,090 टन के एक्सपोर्ट और ₹4,576.29 करोड़ के रेवेन्यू से की जा सकती है। मौजूदा हालात को देखते हुए, उम्मीद है कि चालू सीजन (2025-26) के दौरान लाल मिर्च का एक्सपोर्ट पिछले साल से ज़्यादा होगा। ध्यान देने वाली बात यह है कि 2024-25 के दौरान कुल लाल मिर्च का एक्सपोर्ट 715,506 टन तक पहुंच गया, जिससे ₹11,404.90 करोड़ का रेवेन्यू मिला।

