Patli River: जुल्मी में 5 करोड़ की लागत से पूर्ण होगा पाटली नदी का जीर्णोद्धार

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कोटा। Restoration of Patli River: शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर ने जुल्मी में लगभग विलुप्त हो चुकी पाटली नदी के जीर्णोद्धार कार्य का शुभारंभ किया। 5 करोड़ की लागत से पूर्ण होने वाले इस कार्य के अंतर्गत नदी की तलछट में जमे मलबे, कांच, पत्थर के टुकड़ों व अन्य अपशिष्ट को निकाला जाएगा। नदी की चौड़ाई 40 मीटर में की जाएगी।

किनारों का सुदृढ़ीकरण किया जाएगा। जिससे बाढ़ के पानी से आसपास के खेतों की फसल खराब नहीं होगी। नदी के किनारों पर उपयुक्त स्थान का चयन कर घाटों का निर्माण करवाया जाएगा। कुछ स्थानों पर जल भराव के लिए बेड का निर्माण करवाया जाएगा। उक्त कार्य के लिए जल संसाधन विभाग द्वारा निविदा जारी कर कार्यादेश भी जारी कर दिए गए है।

दो चरणों में होगी परियोजना
ये पूरी परियोजना दो चरणों में पूरी होगी। प्रथम चरण के बाद विधानसभा क्षेत्र रामगंजमंडी के 21 गांव की 4380.00 हेक्टेयर भूमि को लिफ्ट द्वारा सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई जा सकेगी। दूसरे चरण के पूरा होने पर रामगंजमंडी के 19 गांव की 2670 हेक्टेयर भूमि को लिफ्ट द्वारा सींचाई सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। इस प्रकार कुल 40 गांव को इस परियोजना से सिंचाई के लिए पानी मिल सकेगा।

नदी अपना मूल स्वरूप खो चुकी है
दिलावर ने बताया कि पाटली नदी क्षेत्र की ताकली नदी से भी बड़ी है। पाटली नदी सीमावर्ती राज्य मध्य प्रदेश के जिले मंदसौर के ग्राम नीमपुर के पास पहाड़ी से निकलती है और सुकेत कस्बे के पास आहू नदी में मिल जाती है। पाटली नदी इस पूरी यात्रा में लगभग 37.40 किलोमीटर का सफर तय करती है। पाटली नदी की अनदेखी होने,इसमें आसपास की खदानों से निकलने वाले अपशिष्ट पदार्थों के डालने से नदी का प्राकृतिक बहाव अवरुद्ध हुआ है। जिससे आसपास के खेतों में बाढ़ के पानी से फसल खराब हो जाती है। जिससे नदी अपना मूल स्वरूप खो चुकी है। स्थानीय विधायक एवं शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के प्रयासों से पाटली नदी को मूल स्वरूप में लाने के लिए मुख्यमंत्री ने बजट घोषणा में 5 करोड रुपए स्वीकृत किए हैं।