Nationalisation Day: बैंक कर्मचारियों ने कोटा में बैंकों का राष्ट्रीयकरण दिवस मनाया

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कोटा। आज बैंक ऑफ इण्डिया एरोड्राम सर्किल कोटा पर राजस्थान प्रदेश बैंक एम्पलाइज यूनियन के नेतृत्व में बैंकों राष्ट्रीयकरण दिवस एआईबीईए का झंडारोहण मनाया गया। राजस्थान प्रदेश बैंक एम्पलाइज यूनियन कोटा यूनिट के सचिव पदम कुमार पाटोदी ने बताया कि राष्ट्रीयकरण के पूर्व बैंक (शर्मायदारों) कॉरपेट घरानों के हुआ करते थे जिसका लाभ बड़े घरानों उद्योगपतियों तक ही सीमित था।

आम आदमी की पहुंच बैंकों से बहुत दूर थी। इनको बैंकों से सुविधाएं मिलना असंभव जैसा था देश की प्रगति में भी बैंकों की भूमिका नगण्य थी। देश प्रत्येक आम नागरिक को बैंक की सुविधाएं मिले, साथ ही बैंक देश की प्रगति में भागीदार बने जैसे उद्देश्य को लेकर बैंककर्मी नेता कॉम परवाना, कॉम प्रभातकार, कॉम तारकेश्वर चक्रवती जैसे नेताओं ने बैंक राष्ट्रीयकरण की मुहिम छेड़ी और आंदोलन किए।

फलस्वरूप देश की तत्कालीन प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी ने बैंकों के राष्ट्रीयकरण की मांग को उचित समझते हुए 19 जुलाई 1969 को 14 बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया। 1969 में बैंकों के राष्ट्रीयकरण के बाद देश में हरित क्रांति, श्वेत क्रांति तथा औद्योगिक क्रांति का दौर ऐसा चला कि देश में बड़े-बड़े उद्योग स्थापित हुए। छोटे-बड़े कल कारखाने खुले, जिससे हजारों लोगों को रोजगार मिला ।

राष्ट्रीयकरण के बाद बैंकों की हजारों शाखाएं खुली जिससे उनमें काम करने वालों की संख्या बढ़ कर 10 लाख से अधिक हो गई। राष्ट्रीयकरण के कारण बैंकों ने पिछले 55 सालों में बहुत से आयाम हासिल किए हैं। जो बैंक डूबत‌‌ के कवर पर था वह राष्ट्रीयकरण कर उसको राष्ट्रीयकृत बैंक में शामिल किया गया जिनकी संख्या 40 से भी अधिक है। परंतु आज केंद्र सरकार फिर से बैंकों का निजीकरण करने पर आमादा है। इसके खिलाफ 30 से ज्यादा देशव्यापी हड़ताल बैंक कर्मचारी कर चुके हैं।

राजस्थान प्रदेश बैंक एम्पलाइज यूनियन कोटा यूनिट के अध्यक्ष ललित कुमार गुप्ता ने बताया कि आज के ही के दिन 1969 में 14 बड़े निजी बैंकों का राष्ट्रीयकरण हुआ था। इस संदर्भ में जहां सरकार का एजेंडा बैंकों का निजीकरण करना और लोगों की बहुमूल्य बचत को कॉरपोरेट निहित स्वार्थों को सौंपना है। वहीं दूसरी ओर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की रक्षा करना, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की सामाजिक दिशा को बनाए रखना और बैंकों के निजीकरण के प्रयासों को परास्त करना हमारी प्राथमिकता और अनिवार्य कार्य हैं।

हमारे दृष्टिकोण को उजागर करने और हमारे अभियान के लिए अधिक से अधिक समर्थन जुटाने के लिए 19 जुलाई को बैंक राष्ट्रीयकरण दिवस को उचित रूप से मनाया गया। यह खुद को फिर से प्रतिबद्ध करने और संकल्प लेने का अवसर भी है कि यदि सरकार बैंकों के निजीकरण के प्रस्ताव को लाती है तो हम इस प्रस्ताव को परास्त करने के लिए बड़ी से बड़ी कुर्बानी देने एवं संघर्ष करने के लिए तैयार रहें।

आइए, इस बैंक राष्ट्रीयकरण दिवस पर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के संरक्षण और उन्हें मजबूत बनाने की दिशा में काम करने का, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की रक्षा करने का, बैंकों के निजीकरण को परास्त करने का, जनता को बेहतर- त्वरित एवं उत्तम ग्राहक सेवा प्रदान करने का संकल्प लें।

यदि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक मजबूत होंगे तो जीवंत अर्थव्यवस्था होगी, युवाओं के लिए ज्यादा रोजगार के अवसर मिलेंगे। उत्पादकता बढ़ेगी और हमारी अर्थव्यवस्था का विकास होगा।बैंकों के राष्ट्रीयकरण की मांग और उसे प्राप्त करने में ऑल इंडिया बैंक एम्प्लाईज एसोसिएशन द्वारा निभाई गई भूमिका, पिछले 56 वर्षों में राष्ट्रीयकृत बैंकों की उपलब्धियों, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के सामने वर्तमान चुनौतियों जैसे- निजीकरण का खतरा, खराब ऋणों को बट्टे खाते में डालना, आईबीसी के नाम पर बैंकों में हो रही लूट, सेवा शुल्क में वृद्धि, खातों में न्यूनतम शेष राशि न रखने पर जुर्माना वसूलना, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को मजबूत करने तथा बैंकों में पर्याप्त भर्तियों की हमारी मांग, सभी निजी बैंकों का राष्ट्रीयकरण, उजागर करने के लिए स्थानीय स्तर पर सभाएं , बैठकें, सेमिनार, कार्यशालाएं आदि जैसे कार्यक्रम आयोजित किए जाते रहे हैं।

इस आयोजन को राजस्थान प्रदेश बैंक एम्पलाइज यूनियन कोटा यूनिट के चेयरमैन अशोक कुमार ढल, अध्यक्ष ललित कुमार गुप्ता, सचिव पदम कुमार पाटोदी, उप सचिव हेमराज सिंह गौड़, अनिल एरन अध्यक्ष यूको बैंक स्टॉफ एसोसिएशन, यतीश शर्मा उप महासचिव बैंक ऑफ बड़ौदा स्टॉफ यूनियन,नरेन्द्र सिंह वाइस चेयरमैन केनरा बैंक एम्पलाइज यूनियन, अमित पंचोली सचिव पंजाब नेशनल बैंक एम्पलाइज यूनियन, आर के साहू अध्यक्ष,देवेन्द्र सिंह सचिव सेंट्रल बैंक ऑफ इण्डिया कर्मचारी यूनियन एवं अन्य बैंक कर्मी नेता राजेश अग्रवाल, रवि कुमार शर्मा, फैजान मोहम्मद आदि ने संबोधित किया।