Mustard Price: बुआई में देरी और डीओसी तेज रहने से बढ़ सकते हैं सरसों के भाव

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नई दिल्ली। Mustard Price: मंडियों में लगभग सामान्य आवक, लेकिन मध्यम माँग और उठाव के कारण 6-12 सितंबर वाले सप्ताह में सरसों की कीमतों में 50-100 रुपये प्रति क्विंटल की नरमी देखी गई। रबी सीजन की सबसे प्रमुख तिलहन फसल की बुवाई अक्टूबर-नवंबर में जोर पकड़ सकती है। ऊँचे बाजार भाव से किसानों को आकर्षक आय मिलने से इस साल सरसों की खेती में उनका उत्साह बढ़ने की संभावना है, जिससे अगला उत्पादन बेहतर हो सकता है।

42% कंडीशन सरसों
हालांकि, समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान 42 प्रतिशत कंडीशन वाली सरसों का भाव दिल्ली में 7100 रुपये प्रति क्विंटल और जयपुर में 7300/7325 रुपये प्रति क्विंटल के पूर्वस्तर पर बना रहा।

सरसों के भाव
गुजरात, हरियाणा, मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में सामान्य औसत क्वालिटी वाली सरसों के दाम नरम या स्थिर रहे। कुछ मंडियों में सरसों के भाव में 25-50 रुपये की तेजी भी आई। बीकानेर में सरसों के भाव 262 रुपये घटकर 6000/6400 रुपये और बूंदी में 100 रुपये घटकर 6200/6500 रुपये प्रति क्विंटल रह गए, लेकिन कोटा में 100 रुपये बढ़कर 6300/6700 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। मध्य प्रदेश की मंडियों में 50 रुपये की गिरावट रही।

सरसों का तेल
सरसों की तरह इसके तेल के दाम भी सामान्यतः 2-3 रुपये प्रति किलो तक गिरे, लेकिन दिल्ली में एक्सपेलर का भाव 10 रुपये सुधरकर 1535 रुपये प्रति 10 किलो पर पहुंच गया। चरखी दादरी में भी 10 रुपये की मजबूती आई। वहीं मुरैना, भरतपुर और हापुड़ समेत अन्य केंद्रों पर सरसों तेल के दाम में नरमी रही। कोटा में कच्ची घानी सरसों तेल का भाव 41 रुपये बढ़कर 1631 रुपये प्रति 10 किलो हो गया, जबकि एक्सपेलर के दाम में 5 रुपये की गिरावट रही।

सरसों का केक (DOC)
बेहतर कारोबार के कारण सरसों खली और डीओसी की कीमतों में सुधार आया। दिल्ली में सरसों खली का भाव 160-200 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ गया और सरसों डीओसी का भाव कोटा के एक संयंत्र में 700 रुपये प्रति टन और कानपुर की एक इकाई में 500 रुपये प्रति टन बढ़कर क्रमश: 16,800 रुपये और 17000 रुपये प्रति टन पर पहुंच गया।