नई दिल्ली। राजस्थान तथा उत्तर प्रदेश के कुछ भागों में सरसों की नई फसल की छिटपुट कटाई-तैयारी शुरू होने कीमतों पर दबाव पड़ने लगा है। मार्च में इसकी रफ्तार काफी बढ़ने की उम्मीद है जिससे विभिन्न मंडियों में आपूर्ति एवं उपलब्धता की स्थिति सुगम हो जाएगी। हालांकि राष्ट्रीय स्तर पर सरसों के बिजाई क्षेत्र में इस बार कमी आई है लेकिन फसल की हालत संतोषजनक बताई जा रही है।
42% कंडीशन सरसों: मिलर्स की सीमित मांग के कारण 22-28 फरवरी वाले सप्ताह के दौरान 42 प्रतिशत कंडीशन वाली सरसों का भाव दिल्ली में 50 रुपए गिरकर 6150 रुपए प्रति क्विंटल रह गया मगर जयपुर में 25 रुपए सुधरकर 6350/6375 रुपए प्रति क्विंटल हो गया।
सामान्य औसत क्वालिटी वाली सरसों का मूल्य गुजरात के डीसा में 175 रुपए, हरियाणा के सिरसा में 100 रुपए तथा राजस्थान के बीकानेर में 500 रुपए प्रति क्विंटल घट गया। उत्तर प्रदेश के आगरा में भी इसमें 100 रुपए की नरमी रही। एक-दो मंडियों में भाव 50-60 रुपए मजबूत रहा।
सरसों तेल: सरसों तेल की कीमतों में मिश्रित रुख देखा गया एक्सपेलर का भाव दिल्ली में 5 रुपए नरम पड़कर 1325 रुपए प्रति 10 किलो तथा लुधियाना है में 15 रुपए गिरकर 1330 रुपये पर आया। बीकानेर में भी यह 20 रुपए घटकर 1230 रुपए प्रति 10 किलो रह गया।
आवक: राष्ट्रीय स्तर पर प्रमुख उत्पादक राज्यों की मंडियों में 22 फरवरी को 3.50 लाख बोरी, 24 फरवरी को 2.15 लाख, 25 फरवरी को 2.40 लाख, 26 फरवरी को 2.15 लाख, 27 फरवरी को 3.00 लाख तथा 28 फरवरी को भी 3.00 लाख बोरी सरसों की आवक हुई जबकि प्रत्येक बोरी 50 किलो की होती है।
सरसों खल (डीओसी): समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान सरसों खल एवं डीओसी का कारोबार कमजोर रहा जिससे इसकी कीमतों में नरमी का माहौल देखा गया। आपूर्ति की स्थिति सुगम बनी हुई है मगर घरेलू एवं निर्यात मांग मजबूत नहीं है। दिल्ली में सरसों खल के दाम में 30 से 140 रुपए प्रति क्विटल तक भी गिरावट दर्ज की गई।
इसी तरह सरसों डीओसी का दाम भी गुजरात, मध्य प्रदेश प्रदेश एवं राजस्थान की कुछ मिलों में 200 से 500 रुपए प्रति टन तक नरम पड़ गया। सरसों की नई फसल की जोरदार आपूर्ति जल्दी ही शुरू होने की संभावना है। मार्च से मई के दौरान मंडियों में सरसों की सर्वाधिक आवक होती है। 2024-25 सीजन के लिए इसका न्यूनतम समर्थन मूल्य 5950 रुपए प्रति क्विटल नियत किया गया है।

