जयपुर। Mustard Crushing: रबी सीजन की सबसे प्रमुख तिलहन फसल- सरसों के नए माल की छिटपुट आवक जल्दी ही शुरू होने वाली है जबकि पुराने स्टॉक के माल की आपूर्ति घटने लगी है। इस बार बिजाई क्षेत्र में कमी आने से उत्पादन कुछ घटने की संभावना है।
जयपुर के चांदपोल की अनाज मंडी में अवस्थित लोकप्रिय एवं विश्वसनीय प्रतिष्ठान मैसर्स मरुधर ट्रेडिंग एजेंसी के मैनेजिंग डायरेक्टर- अनिल चतर द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार 2024-25 के वर्तमान रबी मार्केटिंग सीजन के दौरान मार्च 2024 से जनवरी 2025 के बीच देश में कुल 104.50 लाख टन सरसों की आवक हुई जिसमें से 20 लाख टन की खरीद नैफेड एवं हैफेड जैसी सहकारी एजेंसियों द्वारा की गई जबकि शेष स्टॉक व्यापारियों- स्टॉकिस्टों एवं क्रशर्स- प्रोसेसर्स ने खरीदा।
सरसों का कुल स्टॉक 108 लाख टन आंका गया था जिसमें से 104.50 लाख टन की आवक होने के बाद 1 फरवरी 2025 को किसानों के पास करीब 3.50 लाख टन का स्टॉक बच गया।
उधर सरकारी एजेंसियों के पास 7.50 लाख टन सरसों का पिछला स्टॉक था जबकि 2024-25 में 20 लाख टन की खरीद के साथ यह स्टॉक बढ़कर 27.50 लाख टन हो गया। इसमें से 18 लाख टन की बिक्री हो चुकी है और अब उसके पास 9.50 लाख टन का स्टॉक बचा हुआ है।
मार्च 2024 से जनवरी 2025 के दौरान देश में 105 लाख टन सरसों की क्रशिंग होने का अनुमान लगाया गया है और स्टॉकिस्टों एवं प्रोसेसर्स के पास करीब 2 लाख टन का स्टॉक बचा हुआ है।
इस तरह सरकारी एजेंसियों के पास 9.50 लाख टन, किसानों के पास 3.50 लाख टन तथा व्यापारियों- मिलर्स के पास 2 लाख टन को मिलाकर देश में 1 फरवरी 2025 को कुल 15 लाख टन सरसों का स्टॉक उपलब्ध था। फरवरी में आमतौर पर 6-7 लाख टन सरसों की नई फसल आ जाती है।
इसे देखते हुए क्रशिंग-प्रोसेसिंग के लिए इस तरह का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध रहने की उम्मीद है। सरसों की सर्वाधिक आवक मार्च से मई के दौरान होती है जबकि अगस्त से आपूर्ति घटने लगती है।
उद्योग-व्यापार संगठनों के संशोधित आंकड़ों के अनुसार 2023-24 के रबी सीजन में 115 लाख टन सरसों का घरेलू उत्पादन हुआ जिसमें से 7 लाख टन की आवक फरवरी में हो गई और मार्च से उत्पादन का आंकड़ा 108 लाख टन आंका गया। जनवरी 2025 में 3 लाख टन सरसों की आवक हुई।

