MOCK DRILL: कोटा में डिफेंस मॉकड्रिल आज, सायरन बजने पर जो जहां है रूक जाए

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कोटा। CIVIL DEFENCE MOCK DRILL: देश में युद्ध के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों का अभ्यास कराने के लिए शहर में बुधवार को सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल होगी। जिला कलेक्टर डॉ. रविंद्र गोस्वामी ने बताया कि मॉक ड्रिल के दौरान दिन में सायरन बजाया जाएगा, इसमें व्यक्ति जिस जगह पर है, वहीं थम जाना चाहिए।

वहीं रात के समय में सायरन बजने पर ब्लैकआउट होगा। तब वाहनों की लाइट भी बंद करनी है। जो व्यक्ति जिस जगह रुका हुआ है, उसे वहीं रुक जाना है। यह प्रारंभिक मॉकड्रिल है। इस तरह की मॉक​ ड्रिल लगातार चलती रहेगी।

फिलहाल, इस मॉक ड्रिल में इमरजेंसी सर्विसेज को छूट दी गई है, जबकि नगर निगम और यूआईटी की स्ट्रीट लाइटों को भी बंद किया जाएगा। शहर में नौ जगहों पर सायरन लगाए गए हैं । कंट्रोल रूम से सूचना देने का प्रावधान रखा गया है।

जिला कलेक्टर डॉ. गोस्वामी ने कहा कि 1971 के युद्ध के दौरान इस तरह की मॉकड्रिल हुई थी। इसको 54 साल हो गए हैं। कोटा और रावतभाटा को ए कैटेगरी में रखा गया है। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में कोटा की श्रेणी में बदलाव हो सकता है। उन्होंने कहा कि शहर के व्यापार मंडलों, संस्थाओं और धर्मगुरुओं से भी रिक्वेस्ट की गई है कि मॉक ड्रिल की सूचना को ज्यादा से ज्यादा प्रचारित करें।

डॉ. गोस्वामी ने कहा कि दुश्मन देश जब एयर अटैक करता है तो उसके लिए तैयार रहना है। सिविल डिफेंस की यह मॉक ड्रिल है। यह पहली बार नहीं है, इसके बाद लगातार हम करेंगे। ग्रामीण एसपी सुजीत शंकर ने कहा कि मॉक ड्रिल का मतलब है कि हम अभ्यास करेंगे कि कभी ऐसी घटना हो तो किस तरह से हमें रेस्पॉन्ड करना है।

आम जनता से अपेक्षा की जाती है कि जब सायरन बजे, तब सुरक्षित स्थान पर पहुंच जाएं. बाहर या ऐसे स्ट्रक्चर के आसपास नहीं रहे, जो गिर सकते हैं। किसी भी तरह की अफवाह पर ध्यान नहीं दें। आधिकारिक सूचनाओं पर ही फोकस रखें।

एसपी डॉ. अमृता दुहन ने कहा कि मॉक ड्रिल का सायरन दिन में भी बजेगा, तब जनता सुरक्षित स्थान पर रहे। उन्हें केवल यही करना है। दूसरा रात में जब सायरन बजेगा, तब ब्लैकआउट का होगा। अपने आसपास की सभी लाइटों को बंद कर देना।

क्योंकि जब भी अटैक होता है, तब दुश्मन देश के एयरक्राफ्ट को लाइटों की वजह से अटैक करने में मदद मिलती है। हमें इंतजार नहीं करना है, त्वरित रिस्पांस करना है। यह एक तरह का अभ्यास है, ताकि इसकी एफिशिएंसी बिल्कुल अच्छी हो और इसकी गुणवत्ता बढ़ जाए।

आज आपको यह करना है

घबराएं नहीं। बच्चों को अवश्य जागरूक करें। हवाई हमले से बचाव की चेकलिस्ट मोबाइल में सेव करके रखें।

हमले के बाद क्या करें

  1. बाहर तभी निकलें जब सरकारी निर्देश मिले
  2. घायल हों तो प्राथमिक उपचार करें
  3. संदिग्ध वस्तु या बम दिखे तो छुए नहीं — पुलिस को सूचित करें।

अलर्ट और सतर्कता

  1. एयर रैड सायरन की आवाज़ पहचानें
  2. मोबाइल या रेडियो पर सरकारी अलर्ट सुनें
  3. अफवाहों पर विश्वास न करें, केवल आधिकारिक सूचना पर ध्यान दें।

सुरक्षित स्थान (शरणस्थल)

  1. निकटतम बंकर या शरणस्थल की जानकारी रखें
  2. अपने घर में मजबूत, बिना खिड़की वाला कमरा तैयार रखें
  3. शरणस्थल तक जल्दी पहुँचने का रास्ता पहले से तय करें

जरूरी वस्तुएँ तैयार रखें

  1. पीने का पानी (कम से कम 3 दिन का)
  2. सूखा भोजन (बिस्किट, ड्राई फ्रूट्स आदि)
  3. प्राथमिक चिकित्सा किट
  4. टॉर्च और एक्स्ट्रा सेल
  5. पोर्टेबल रेडियो
  6. जरूरी दस्तावेज़ (ID, मेडिकल रिपोर्ट, बैंक डिटेल्स)
  7. मोबाइल चार्जर / पावर बैंक

अंधेरा और सुरक्षा

  1. रात में सभी लाइटें बंद रखें (ब्लैकआउट)
  2. खिड़कियों पर मोटे पर्दे, काले कागज़ या ब्लाइंड लगाएँ
  3. शीशे से दूर रहें, ज़मीन पर लेट जाएँ

अभ्यास और तैयारी

  1. परिवार के साथ हवाई हमले की ड्रिल करें
  2. बच्चों को सुरक्षित स्थान और प्रक्रिया सिखाएँ
  3. पड़ोसियों के साथ आपसी सहयोग सुनिश्चित करें