मुम्बई। प्रमुख उत्पादक प्रांतों में किसानों के पास मक्का का बहुत कम स्टॉक बचा हुआ है जबकि इसकी मांग मजबूत बनी हुई है। इसके फलस्वरूप नई फसल की कटाई-तैयारी एवं मंडियों में आवक शुरू होने से पूर्व मक्का के दाम में 100-150 रुपए प्रति क्विंटल तक की तेजी आने का अनुमान लगाया जा रहा है।
कर्नाटक के दावणगेरे में मक्का का भाव फिलहाल 2350/2450 रुपए प्रति क्विंटल पर स्थिर बना हुआ है जबकि वहां रोजाना औसतन 500 बोरी (60 किलो की प्रत्येक बोरी) मक्का की आवक हो रही है।
व्यापार विश्लेषकों के मुताबिक अगले सप्ताह से मक्का की मांग बढ़ने की उम्मीद है क्योंकि किसानों के साथ-साथ व्यापारियों एवं बिचौलियों के पास भी स्टॉक लगातार तेजी से घटता जा रहा है।
केन्द्र सरकार ने मक्का का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2024-25 सीजन के 2225 रुपए प्रति क्विंटल से 175 रुपए बढ़ाकर 2025-26 सीजन के लिए 2400 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित कर दिया है जबकि थोक मंडी भाव इसके आसपास ही चल रहा है। किसानों को अपने उत्पाद का आकर्षक एवं लाभप्रद मूल्य प्राप्त होने से मक्का की खेती में उसकी दिलचस्पी एवं सक्रियता काफी बढ़ गई है।
इसके फलस्वरूप राष्ट्रीय स्तर पर मक्का का उत्पादन क्षेत्र चालू खरीफ सीजन में 22 अगस्त तक उछलकर 93.34 लाख हेक्टेयर के शीर्ष स्तर पर पहुंच गया जो पिछले साल की समान अवधि के बिजाई क्षेत्र 83.58 लाख हेक्टेयर से 9.76 लाख हेक्टेयर ज्यादा है।
इस बार मक्का का पंचवर्षीय औसत क्षेत्रफल 78.95 लाख हेक्टेयर आंका गया है जबकि वास्तविक रकबा उससे काफी आगे निकल चुका है। अगले महीने के अंत या अक्टूबर के आरंभ से अगैती बिजाई वाले मक्का की नई फसल की कटाई-तैयारी शुरू होने की संभावना है। एथनॉल उद्योग में मक्का की भारी मांग बनी हुई है।
बिहार की प्रमुख मंडियों में भी मक्का की सीमित आवक हो रही है जिससे कीमतों में ऊंचे स्तर पर स्थिरता का माहौल देखा जा रहा है। मक्का का रकबा बढ़ने से कुल उत्पादन बेहतर होने की उम्मीद है मगर कुछ क्षेत्रों में भारी वर्षा एवं बाढ़ से फसल को क्षति होने की सूचना भी मिल रही है।

