जयपुर। राजस्थान में गैस उपभोक्ताओं के लिए बड़ी राहत की खबर आई है। पेट्रोलियम कंपनियों HPCL, BPCL और IOCL ने एलपीजी की कीमतों की समीक्षा के बाद आज से कॉमर्शियल उपयोग वाले गैस सिलेंडर की दरों में कटौती कर दी है। कंपनियों ने 19 किलोग्राम वाले कॉमर्शियल सिलेंडर पर 51 रुपए कम कर दिए हैं। यानी अब यह सिलेंडर 1659.50 रुपए की जगह 1608.50 रुपए में उपलब्ध होगा।
लेकिन सबसे बड़ा सस्पेंस यही है कि इस बार भी घरेलू उपयोग के सिलेंडर की कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ है। बाजार में घरेलू सिलेंडर अब भी 856.50 रुपए में ही मिलेगा।
राजस्थान एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर्स एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष दीपक गहलोत ने बताया कि कंपनियों की ओर से जारी नई रेट लिस्ट के मुताबिक 19 किलो वाले कॉमर्शियल गैस सिलेंडर पर 51 रुपए घटाकर नई कीमत 1608.50 रुपए कर दी गई है। यह कटौती एकदम अचानक आई है और इसका फायदा सीधा होटलों, रेस्टोरेंट्स, कैटरिंग सर्विस और छोटे कारोबारियों को मिलेगा।
इससे पहले अगस्त में 34 रुपए प्रति सिलेंडर की कमी की गई थी। वहीं जुलाई में 58 रुपए घटाए गए थे। यही नहीं, मई में 24.50 रुपए, अप्रेल में 40.50 रुपए, जनवरी में 14.50 रुपए और फरवरी में 6 रुपए की कटौती की गई थी। यानी पूरे साल में यह सातवीं बार है जब कॉमर्शियल सिलेंडर के दाम घटाए गए हैं।
हर महीने की शुरुआत में कंपनियां रिव्यू कर नई रेट लिस्ट जारी करती हैं, ऐसे में कारोबारियों की निगाहें हमेशा इस पर टिकी रहती हैं। जहां कॉमर्शियल सिलेंडर के दामों में राहत दी गई है, वहीं घरेलू उपभोक्ताओं के लिए कोई अच्छी खबर नहीं है। कंपनियों ने घरेलू गैस सिलेंडर की दरों में इस बार भी कोई बदलाव नहीं किया है। फिलहाल घरेलू गैस सिलेंडर 856.50 रुपए में ही उपलब्ध होगा।
हालांकि राज्य सरकार बीपीएल और उज्जवला योजना से जुड़े कनेक्शन धारकों को रियायती दर पर सिलेंडर उपलब्ध करवा रही है। इस कारण लाभार्थी वर्ग को कुछ हद तक राहत मिल रही है, लेकिन आम उपभोक्ता अब भी पुराने दाम पर ही गैस खरीदने को मजबूर हैं।
कॉमर्शियल सिलेंडर के दाम कम होने का सीधा फायदा होटल-रेस्टोरेंट और खानपान के कारोबार से जुड़े लोगों को होगा। खासकर त्योहारों और शादी-ब्याह के सीजन में जब रसोई गैस की खपत तेजी से बढ़ जाती है, तब यह राहत कारोबारियों के लिए बड़ी मदद साबित होगी।
लेकिन घरेलू उपयोगकर्ताओं के लिए यह निराशाजनक है। बीते कई महीनों से वे लगातार उम्मीद कर रहे हैं कि घरेलू सिलेंडर भी सस्ता होगा। हालांकि कंपनियों ने अब तक केवल कॉमर्शियल सिलेंडरों पर ही ध्यान दिया है।
यह भी एक दिलचस्प पहलू है कि पूरे साल में सात बार कॉमर्शियल सिलेंडर सस्ता हो चुका है, जबकि घरेलू सिलेंडर की कीमत जस की तस बनी हुई है। कंपनियां हर बार तर्क देती हैं कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में एलपीजी की कीमतों और मुद्रा विनिमय दर में उतार-चढ़ाव का असर पड़ता है। कॉमर्शियल सिलेंडर का उपभोग सीधे तौर पर कारोबार से जुड़ा होने के कारण वहां तुरंत समायोजन किया जाता है, लेकिन घरेलू उपभोक्ताओं की दरें स्थिर रखी जाती हैं।

