Jeera Price: हाजिर बाजार में कीमतों में नरमी का रुख रहने से जीरा की आपूर्ति घटी

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राजकोट। Jeera Price: जीरा का भाव पहले हाजिर एवं वायदा बाजार में मजबूत बना हुआ था और इसमें कुछ तेजी के संकेत मिल रहे थे मगर पिछले कुछ दिनों से हाजिर बाजार में नरमी का माहौल देखा जा रहा है। यद्यपि घरेलू या दिसावरी मांग लगभग सामान्य बनी हुई है लेकिन निर्यातकों की सक्रियता घटने लगी है।

व्यापार विश्लेषकों के अनुसार खाड़ी क्षेत्र के आयातक तो इसकी सीमित मात्रा में खरीद कर रहे हैं मगर चीन जैसे आयातक देश की मांग अब भी कमजोर है। देर स्वेर जब वहां जोरदार आयात शुरू होगा तब भारत में भी इसकी कीमत सुधर सकती है।

स्टॉक की कमी से चीन में जीरा का भाव तेज हो गया है इसलिए जो आयातक भारत में दाम घटने का अब तक इंजतार कर रहे वे इसकी खरीद में अब दिलचस्पी दिखा सकते हैं।

तुर्की, सीरिया, ईरान और अफगानिस्तान जैसे अन्य उत्पादक एवं निर्यातक देशों में नए जीरे की आवक शुरू होने में अभी देर है। भारतीय निर्यातकों को चीन के साथ-साथ मलेशिया एवं बांग्ला देश में भी मांग निकलने का इंजतार है। बांग्ला देश के आयातक थोड़ी बहुत मात्रा में जीरे की खरीद करते रहे हैं। आगे कुछ अन्य देश भी जीरे की खरीद में रूचि दिखायेंगे।

गुजरात की बेंचमार्क ऊंझा मंडी में जीरे की औसत दैनिक आवक घटकर 30-35 हजार बोरी रह गई है जबकि कुछ दिन-पूर्व तक यह 40-42 हजार बोरी पर पहुंची थी। समझा जाता है कि कीमतों में तेजी का माहौल नहीं होने से अपने जीरे की बिक्री में उत्पादकों का उत्साह घट गया है और वे स्टॉक को रोकने की कोशिश कर रहे हैं।

कमजोर कारोबार के कारण बाजार में पिछले कुछ दिनों से नरमी का रुख बना हुआ है। राजस्थान की मंडियों में नए जीरे की आवक अभी तक जोर नहीं पकड़ पाई है। जीरा का उत्पादन पिछले सीजन में शीर्ष पर पहुंचा था क्योंकि उससे पूर्व इसका घरेलू बाजार भाव उछलकर सर्वकालीन सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गया था।

2023 की तुलना में 2024 के दौरान जीरा के बिजाई क्षेत्र में काफी कमी आ गई है जिससे उत्पादन घटने की संभावना है। वैसे इस बार मौसम एवं वर्षा की हालत जीरा की फसल के लिए काफी हद तक अनुकूल बना रहा जिससे फसल की उपज दर के साथ-साथ क्वालिटी में भी सुधार आने के संकेत मिल रहे हैं।