नई दिल्ली। Jeera Price: चालू सप्ताह के दौरान जीरे की कीमतों में गिरावट देखी गई, लेकिन सूत्रों का कहना है कि फिलहाल कीमतें अपने न्यूनतम स्तर पर आ गई हैं। मौजूदा कीमतों में गिरावट की कोई संभावना नहीं है। क्योंकि एक तरफ बाजारों में आवक कम बनी हुई है।
वहीं दूसरी तरफ सितंबर महीने के दौरान निर्यात मांग में भी सुधार होगा। कारोबारियों का मानना है कि तुर्की और सीरिया की अधिकांश फसल की आपूर्ति होने के कारण आने वाले दिनों में अंतरराष्ट्रीय बाजारों में विदेशी जीरे की आपूर्ति कम होने लगेगी। जिससे भारतीय जीरे में सुधार होगा।
चालू सीजन में देश ही नहीं, विदेशों से भी पिछले साल के मुकाबले जीरे का उत्पादन कम होने की खबरें आ रही हैं। व्यापारिक सूत्रों का मानना है कि इस साल चीन में जीरे का उत्पादन करीब 75/80 हजार टन होने का अनुमान है। जबकि सीरिया में उत्पादन 9/10 हजार टन और तुर्की में उत्पादन 10/11 हजार टन होने की खबरें हैं।
अफगानिस्तान में भी उत्पादन 10/12 हजार टन माना जा रहा है। भारत में भी इस साल जीरे का उत्पादन 90/95 लाख बोरी होने का अनुमान लगाया जा रहा है, जो पिछले साल से करीब 15/18 लाख बोरी कम है।
कुल उत्पादन का अधिकांश हिस्सा मंडियों में आ जाने के कारण मंडियों में किसानों की उपज की आवक कम होने लगी है। सूत्रों का मानना है कि अब तक गुजरात की मंडियों में जीरे की कुल आवक 38/39 लाख बोरी हो चुकी है। जबकि कुल उत्पादन 44/45 लाख बोरी होने का अनुमान था।
राजस्थान में चालू सीजन में जीरे का उत्पादन 48/50 लाख बोरी माना जा रहा है और अब तक कुल आवक 28/30 लाख बोरी बताई जा रही है। मुख्य मंडी ऊंझा में फिलहाल जीरे की दैनिक आवक 7/8 हजार बोरी की है। जबकि राजस्थान की मेड़ता और नागौर मंडियों में आवक 1000/1200 बोरी की चल रही है।
जानकार सूत्रों का कहना है कि वर्तमान में जीरे का निर्यात भाव 3900 रुपये प्रति 20 किलो है। मौजूदा भाव में मंदी की कोई संभावना नहीं है। आने वाले दिनों में अगर निर्यात मांग निकलती है तो भाव में तेजी आ सकती है।
सूत्रों का मानना है कि सितंबर माह के दौरान जीरे का निर्यात भाव 4000 रुपये के स्तर को पार कर जाएगा। चालू सप्ताह के दौरान हाजिर और वायदा बाजार में जीरे के भाव मंदी के साथ बोले गए। चालू सप्ताह के दौरान उत्पादन केंद्रों के बाजारों के साथ खपत केंद्रों में भी जीरे के भाव 200/300 रुपये प्रति क्विंटल तक धीमे रहे।
वायदा बाजार में भी भाव मंदी के साथ बंद हुए। वायदा बाजार में सितंबर माह का जीरा 19640 रुपये पर खुला, जो सप्ताह के अंत में 19290 रुपये पर बंद हुआ। अक्टूबर माह का जीरा सप्ताह के अंत में 19475 रुपये पर बंद हुआ, जबकि भाव 19290 रुपये पर खुला।
निर्यात: कमजोर निर्यात मांग के कारण चालू सीजन 2025-26 के पहले तीन महीनों में जीरे के निर्यात में 19 फीसदी की गिरावट आई है। निर्यात मूल्य कम होने से आय में 28 फीसदी की कमी आई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, अप्रैल-जून-2025 के दौरान जीरे का निर्यात 62860.74 टन हुआ और निर्यात से आय 1514.61 करोड़ रुपये रही। जबकि अप्रैल-जून-2024 में जीरे का निर्यात 78086.27 टन हुआ और निर्यात से आय 2097.47 करोड़ रुपये रही।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2024-25 (अप्रैल-मार्च) के दौरान जीरे का निर्यात 229881.67 टन रहा तथा निर्यात से आय 6178.86 करोड़ रुपये रही। वर्ष 2023-24 में निर्यात 165269.45 टन रहा तथा निर्यात आय 5797.23 करोड़ रुपये रही।

