ITMS: वाणिज्यिक करदाताओं के लिए ‘इंटीग्रेटेड टैक्सपेयर मैनेजमेंट सिस्टम’ शुरू

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कोटा। Integrated Taxpayer Management System: राजस्थान सरकार के वाणिज्यिक कर विभाग ने करदाताओं के सहयोग हेतु एक अत्याधुनिक नवाचार पेश किया है। विभाग द्वारा विकसित “इन्टीग्रेटेड टैक्स पेयर मैनेजमेन्ट सिस्टम” (ITMS) नामक यह अभिनव प्रणाली एसएसओ पोर्टल के माध्यम से सभी करदाताओं के लिए उपलब्ध कराई गई है।

इस अत्याधुनिक प्रणाली में करदाताओं के लिए विशेष सुविधाएँ प्रदान की गई हैं। प्रणाली के माध्यम से जीएसटी संबंधी अनुपालना को सुगम बनाने के लिए सभी महत्वपूर्ण सूचनाएँ एक ही स्थान पर उपलब्ध होंगी। इससे करदाताओं को अपनी कर संबंधी जानकारियों तक आसानी से पहुँच प्राप्त होगी और वे अपनी अनुपालना की स्थिति का निरंतर अवलोकन कर सकेंगे।

इसके अतिरिक्त, यह प्रणाली रद्द किए गए करदाताओं के साथ किए गए संव्यवहारों की तत्काल जानकारी प्रदान करेगी। यह सुविधा व्यापारियों और उद्योगपतियों को अवैध या अमान्य करदाताओं से होने वाले जोखिमों से बचाएगी और उनके व्यापार को सुरक्षित रखने में मदद करेगी।

मुख्य आयुक्त, राज्य कर, राजस्थान, जयपुर के विशेष निर्देश पर कोटा संभाग में इस नवीन प्रणाली के संबंध में करदाताओं को जागरूक करने हेतु विभिन्न कार्यशालाओं का आयोजन किया गया। इन कार्यशालाओं का उद्देश्य करदाताओं को नई प्रणाली की विशेषताओं से अवगत कराना और उन्हें इसके प्रभावी उपयोग के लिए प्रशिक्षित करना था।

कोटा संभाग में जागरूकता अभियान: अतिरिक्त आयुक्त राज्य कर) सुनीता डागा ने बताया कि एस.एस.आई. एसोसिएशन के सहयोग से पुरुषार्थ भवन, कोटा में एक व्यापक कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस महत्वपूर्ण कार्यशाला में एसोसिएशन के संरक्षक गोविन्द राम मित्तल, अध्यक्ष मनोज राठी, सचिव आशुतोष जैन, कोषाध्यक्ष दितिन गुप्ता सहित क्षेत्र के कई प्रतिष्ठित व्यवसायी एवं उद्योगपति उपस्थित थे।

कार्यशाला में विभाग का प्रतिनिधित्व करते हुए संयुक्त आयुक्त अनुपम शर्मा एवं उपायुक्त मयंक शर्मा ने उपस्थित सभी वक्ताओं और प्रतिभागियों को इन्टीग्रेटेड टैक्स पेयर मैनेजमेन्ट सिस्टम के संबंध में विस्तृत जानकारी प्रदान की।  कार्यशाला का एक आकर्षक पहलू था ITMS पोर्टल का लाइव डेमो, जिसके माध्यम से प्रतिभागियों को प्रणाली के वास्तविक कार्यान्वयन का अनुभव कराया गया। 

एसोसिएशन के संरक्षक गोविन्द राम मित्तल ने व्यापारिक समुदाय की ओर से विभिन्न विभागीय प्रावधानों की पूर्ण अनुपालना का आश्वासन भी दिया और इस नवाचार के लिए सरकार की सराहना की।

करदाताओं के लिए महत्वपूर्ण लाभ: अतिरिक्त आयुक्त (राज्य कर) सुनीता डागा ने कहा​ कि इन्टीग्रेटेड टैक्स पेयर मैनेजमेन्ट सिस्टम राज्य के करदाताओं के लिए अनेक महत्वपूर्ण लाभ प्रदान करेगा। सबसे पहले, यह प्रणाली टैक्स अनुपालना प्रक्रिया को अधिक सरल, पारदर्शी और कुशल बनाएगी। करदाताओं को अपनी कर स्थिति से संबंधित सभी आवश्यक जानकारियां एक ही स्थान पर मिलेंगी, जिससे उन्हें अलग-अलग स्रोतों से जानकारी इकट्ठा करने की जटिल प्रक्रिया से मुक्ति मिलेगी।

दूसरा, यह प्रणाली करदाताओं को संभावित विभागीय कार्यवाही से बचाव की सुविधा प्रदान करेगी। पोर्टल अनुपालना में कमी होने पर समय रहते चेतावनी देगा, जिससे करदाता आवश्यक सुधारात्मक कदम उठाकर किसी भी प्रकार की विभागीय कार्यवाही से बच सकेंगे।

अवैध या रद्द किए गए करदाताओं से लेनदेन के जोखिमों से सुरक्षा। यह सुविधा व्यापारियों को ऐसे संव्यवहारों से बचाएगी जो बाद में उनके लिए कानूनी या वित्तीय समस्याएँ पैदा कर सकते हैं। इससे व्यापारिक भागीदारों के चयन में अधिक सावधानी और सुरक्षा सुनिश्चित होगी। करदाताओं को कई अलग-अलग पोर्टल या कार्यालयों के चक्कर लगाने से मुक्ति मिलेगी। यह ई-गवर्नेंस के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है जो सरकारी सेवाओं को आम नागरिकों के लिए सुलभ बनाने की दिशा में अग्रसर है।

यह प्रणाली करदाताओं के समय और संसाधनों की बचत करेगी। ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से सभी आवश्यक जानकारियां प्राप्त करने की सुविधा से करदाताओं के लिए अनुपालना प्रक्रिया अधिक किफायती और कम समय लेने वाली बन जाएगी।

डागा ने कहा कि राजस्थान सरकार का यह अभिनव कदम डिजिटल इंडिया के विजन के अनुरूप है और करदाताओं के लिए टैक्स अनुपालना को सरल, सुगम और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। इस प्रणाली के माध्यम से सरकार करदाताओं के साथ सौहार्दपूर्ण और सहयोगात्मक संबंध स्थापित करने का प्रयास कर रही है।