Fennel prices: नए मालों की आवक बढ़ने से सौंफ की कीमतों में तेजी की संभावना नहीं

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नई दिल्ली। Fennel prices: उत्पादक केन्द्रों पर बढ़ती नए मालों की आवक एवं हाजिर में निर्यातक एवं लोकल मांग कम होने के कारण वर्तमान में सौंफ के भाव मंदे के साथ बोले गए हैं। सूत्रों का मानना है कि नए मालों की आवक के कारण अभी कीमतों में तेजी की संभावना नहीं है लेकिन इस वर्ष पैदावार घटने के कारण वर्तमान कीमतों में अधिक मन्दा भी संभव नहीं है। प्राप्त जानकारी के अनुसार चालू सीजन के लिए प्रमुख उत्पादक राज्य गुजरात, राजस्थान एवं अन्य क्षेत्रों में सौंफ की बिजाई 92 हजार हेक्टेयर पर की गई। जबकि गत सीजन में बिजाई 1.97 लाख हेक्टेयर पर की गई थी।

उत्पादन: कमजोर बिजाई एवं कटाई के समय बढ़ते तापमान के कारण प्रति हेक्टेयर उत्पादकता प्रभावित होने की संभावना से अनुमान लगाया जा रहा है कि चालू सीजन में सौंफ की पैदावार 18/20 लाख बोरी के आसपास होने के समाचार है जबकि गत वर्ष उत्पादन 38/39 लाख बोरी का रहा था। वर्ष 2023 में पैदावार 20/22 लाख बोरी की रही थी।

तेजी-मंदी: चालू सप्ताह के दौरान सौंफ के भाव मंदे के साथ बोले जा रहे हैं। क्योंकि उत्पादक केन्द्रों पर नए सौंफ की आवक अच्छी चल रही। गुजरात की प्रमुख मंडी ऊंझा में सौंफ की आवक 22/25 हजार बोरी की हो रही। जबकि राजस्थान की नागौर, मेडता में आवक 2500/3000 बोरी की चल रही है। निर्यातकों की कमजोर मांग के चलते चालू सप्ताह के दौरान सौंफ का निर्यात भाव घटकर 106/107 रुपए पर आ गया है। जबकि चालू सप्ताह के शुरू में भाव 113/114 रुपए बोला जा रहा था। सूत्रों का मानना है कि आगामी दिनों में अभी सौंफ की कीमतों में 3/4 रुपए का मंदा ओर आ सकता है। तत्पश्चात बाजार रुकने चाहिए। आवक का दबाव कम होने के पश्चात कीमतों में सुधार संभव है। लोकल मांग कम होने के कारण चालू सप्ताह के दौरान हाजिर बाजारों में भी सौंफ के दाम 4/5 रुपए प्रति किलो तक घट गए हैं।

निर्यात: गत सीजन में सौंफ के भाव मंदे होने के कारण निर्यात में शानदार 110 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई और शुरूआती नौ माह के दौरान रिकॉर्ड निर्यात किया गया। मसाला बोर्ड द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार अप्रैल-दिसम्बर – 2024 के दौरान सौंफ का निर्यात 67154 टन का किया गया और निर्यात से प्राप्त आय 64701 लाख रुपए की रही। जबकि अप्रैल- दिसम्बर- 2023 से सौंफ का निर्यात 31939 टन का रहा था और निर्यात से प्राप्त आय 55511 लाख रुपए की रही थी। निर्यात से प्राप्त आय में 17 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व वर्ष 2021-22 में सौंफ का रिकॉर्ड निर्यात 40139 टन का रहा था।